सेल के तीन इस्पात संयंत्र की होगी नीलामी, प्रक्रिया शुरू

जागरण संवाददाता बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल के तीन महत्वपूर्ण स्टील

By JagranEdited By: Publish:Fri, 12 Feb 2021 07:56 PM (IST) Updated:Fri, 12 Feb 2021 07:56 PM (IST)
सेल के तीन इस्पात संयंत्र की होगी नीलामी, प्रक्रिया शुरू
सेल के तीन इस्पात संयंत्र की होगी नीलामी, प्रक्रिया शुरू

जागरण संवाददाता, बोकारो : स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल के तीन महत्वपूर्ण स्टील प्लांट की शीघ्र ही नीलामी होगी। इस बाबत विभागीय प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मामले को लेकर नई दिल्ली में शीघ्र इंटर मिनिस्ट्रीयल ग्रुप की बैठक होगी। इसके बाद तमिलनाडु का सलेम स्टील प्लांट, पश्चिम बंगाल का एलॉय स्टील प्लांट तथा कर्नाटक राज्य का विश्वेश्वरैया आयरन स्टील प्लांट, भद्रावती को निजी हाथों में सौंप दिया जाएगा। हालांकि स्टील एक्जीक्यूटिव फेडरेशन ऑफ इंडिया सेफी तथा केंद्रीय यूनियन सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही है। लेकिन, कंपनी की वर्तमान स्थिति तथा नीति आयोग की सिफारिश को देखते हुए सरकार ने यह बड़ा फैसला अब ले लिया है।

मामले पर कैबिनेट कमेटी की मंजूरी मिलने के बाद बुधवार दस फरवरी को राज्यसभा में शीतकालीन सत्र के दौरान सरकार ने स्पष्ट किया कि सेल के सलेम व विश्वेश्वरैया स्टील प्लांट क विनिवेश को लेकर अलग-अलग पार्टी द्वारा निविदा डाली जा चुकी है। जबकि पश्चिम बंगाल स्थित एलॉय स्टील प्लांट के लिए अब तक कोई खरीदार नहीं मिला है। सेल के एलॉय, सलेम तथा विश्वेश्वरैया इस्पात संयंत्र में विनिवेश करने की सिफारिश नीति आयोग ने बीते वर्ष ही की थी, जहां 31 मार्च 2019 को इसे बेचने के लिए टेंडर निकाला गया। लेकिन नीलामी में खरीदार के नही आने तथा श्रमिक संगठनों के कड़े विरोध को देखते हुए मामला शांत पड़ गया।

पीएमओ ने दोबारा इस मसले पर ठोस निर्णय लेने का आदेश इस्पात मंत्रालय को दिया। इसके बाद नीलामी की प्रक्रिया नए सिरे से प्रारंभ कर दी गई है। सरकार का अपना तर्क है कि तीनों स्टील प्लांट के चलते जो घाटा कंपनी को हो रही है, वह विनिवेश के जरिए हो वापस प्राप्त किया जा सकेगा।

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- घाटे में चल रहे तीनों इस्पात संयंत्र : महारत्न कंपनी सेल के सलेम, विश्वेश्वरैया तथा एलॉय स्टील प्लांट बीते कुछ वर्षों से लगातार घाटे में रही रही है। सरकार तीनों इस्पात संयंत्र का विनिवेश कर 60 से 70 हजार करोड़ रुपये जुटाने के प्रयास में है। लेकिन विपक्ष व यूनियन के नेता सरकार को ऐसा करने से रोक रहे है। मालूम हो कि सेल के उक्त तीनों स्टील प्लांट में विशेष इस्पात का उत्पादन होता है। इसका उपयोग वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए आवश्यक उपकरण, अंतरिक्ष यान, पनडुब्बी, टैंक आदि में होता है। तीनों प्लांट के निजीकरण के बाद देश को रक्षा आवश्यकताओं के लिए निजी कंपनी के उपर निर्भर होना पड़ेगा।

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