11 फीसद एमजीबी से अधिक देने को तैयार नहीं सेल प्रबंधन
जागरण संवाददाता बोकारो स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल कामगारों के वेतन पुनरी
जागरण संवाददाता, बोकारो: स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड सेल कामगारों के वेतन पुनरीक्षण पर मंगलवार को आहूत एनजेसीएस व प्रबंधन की ऑनलाइन बैठक एक बार फिर बेनतीजा साबित हुई। बैठक की शुरुआत में ही प्रबंधन एमजीबी के मद में 11 फीसद से ज्यादा राशि देने को तैयार नहीं हुआ। पेंशन अंशदान व बकाया एरियर के भुगतान पर प्रबंधन ने फिलहाल कोई निर्णय लेने से साफ इन्कार कर दिया।
सेल के निदेशक वित्त अमित सेन ने कहा कि पे रिवीजन के मद में 10 फीसद एमजीबी, छह फीसद वेरिएबल पर्क्स व 10 फीसद फिक्स पर्क्स देने से कंपनी के खजाने पर 680 करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। फिर भी प्रबंधन संयंत्रकर्मियों को 11 फीसद एमजीबी देने के साथ 50 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च करने को तैयार है। इससे ऊपर की राशि कंपनी अपने वित्तीय हालात को देखते हुए खर्च नहीं कर सकती है। इससे खफा सभी श्रमिक संगठन के नेता अपने पूर्व की मांग 15 फीसद एमजीबी, 35 फीसद पर्क्स व नौ फीसद पेंशन अंशदान पर अड़े रहे, जिस पर प्रबंधन ने साफ कर दिया कि वह 15 फीसद एमजीबी व 35 फीसद पर्क्स किसी हालत में नहीं दे सकती।
बात बिगड़ती देख सेल अध्यक्ष के हस्तक्षेप से 24 मई को फिर एनजेसीएस के साथ प्रबंधन की बैठक बुलाई गई है। चेयरमैन सोमा मंडल ने श्रमिक नेताओं को कहा कि वह 31 मई तक पे रिवीजन करने के पक्ष में है। बर्शते यूनियन नेता कंपनी के वित्तीय हालात को देखते हुए प्रबंधन की मनोदशा को समझने का प्रयास करें। इससे पूर्व कंपनी में कोरोना से जान गंवाने वाले संयंत्रकर्मियों को सभी श्रमिक संगठन व प्रबंधन की ओर से श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान किम्स एचएमएस के महामंत्री राजेंद्र सिंह ने सेल अध्यक्ष से कोरोना से मृत संयंत्रकर्मियों के आश्रित को कंपनी में स्थायी रूप से नियोजन के साथ 50 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग की।
मालूम हो की इससे पूर्व 23 अप्रैल को हुई एनजेसीएस की बैठक में प्रबंधन 11 फीसद एमजीबी देने की बात कही थी। इसके विरोध में सभी श्रमिक संगठन कंपनी में तीन व छह मई को हड़ताल की घोषणा किये थे, लेकिन सेल अध्यक्ष ने सभी श्रमिक संगठन को आश्वस्त किया था की वह 31 मई 2021 तक पे रिवीजन का हल निकाल लेगी, जिसके बाद सभी यूनियन नेताओं ने हड़ताल को वापस ले लिया था।
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- क्रमवार तरीके से होगा हर मसले पर फैसला -
सेलकर्मियों के पे रिवीजन का मामला अब क्रमवार तरीके से सुलझाया जाएगा। ऐसा इसलिए की प्रबंधन ने यह साफ कर दिया है कि रिवीजन के मद में एक साथ सभी राशि का भुगतान करने में प्रबंधन असमर्थ है। सेल में पे रिवीजन के लिए एनजेसीएस संगठन कुल पांच मांग पर शुरुआत से आज तक अडिग है। इनमें पे रिवीजन के साथ, पर्क्स, पेंशन अंशदान, एक जनवरी 2017 से बकाया एरियर का भुगतान तथा रिवीजन की अवधि पांच के बजाए दस साल करने की है। प्रबंधन अब फिर से एक-एक कर सभी मसले का समाधान करेगी। एनजेसीएस की अगली बैठक में एमजीबी व रिवीजन की अवधि पर फैसला होने की उम्मीद है। इसके बाद आगे बैठक की प्रक्रिया जारी रखते हुए अन्य मसले का समाधान किया जाएगा। इससे यह स्पष्ट हो गया है की संयंत्रकर्मियों के वेतन पुनरीक्षण पर अभी और होमवर्क यूनियन व प्रबंधन को करनी होगी। मतलब सेलकर्मियों का पे रिवीजन अब इस माह नही हों सकेगा। इसका एक कारण यह भी है 31 मई को प्रबंधन साल 2020-21 का वार्षिक वित्तीय परिणाम जारी करेगी, जहां प्रबंधन अपने नफा-नुकसान को देखते हुए पे रिवीजन पर फैसला लेगा।
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सेल प्रबंधन के 11 फीसद एमजीबी के प्रस्ताव के सभी श्रमिक संगठनों से सिरे से खारिज कर दिया। 15-35 फीसद से हम लोग कम लेने को तैयार नहीं है। आगे की रणनीति पांचों घटक दल के नेता आंतरिक बैठक कर तैयार करेंगे।
राजेंद्र सिंह, महामंत्री किम्स सह एनजेसीएस सदस्य ।