70 में 12 रेमडेसिविर का हिसाब, 58 का गोलमाल

बोकारो कोरोना वायरस के संक्रमण लोग जिंदगी से जूझ रहे थे तो जीवन देने की जिम्मेदारी उ

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:28 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:28 PM (IST)
70 में 12 रेमडेसिविर का हिसाब, 58 का गोलमाल
70 में 12 रेमडेसिविर का हिसाब, 58 का गोलमाल

बोकारो : कोरोना वायरस के संक्रमण लोग जिंदगी से जूझ रहे थे, तो जीवन देने की जिम्मेदारी उठा रहे निजी अस्पताल काली कमाई में मशगूल थे। रांची में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का शोर मचा तो बोकारो के भी कई निजी अस्पताल संचालक बेनकाब हो गए। इनमें देवांश मल्टी स्पेशियलिटी चास, सिटी केयर चास तथा वेलमार्क अस्पताल नयामोड़ पर अलग-अलग धाराओं में बीते जून में ही प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अब इस सूची में शिवम हास्पिटल का भी नाम जुड़ गया है, जांच के दौरान रेमडेसिविर इंजेक्शन अधिकृत मरीजों को देने के बजाय उसका गोलमाल जांच में सामने आया है। फिलहाल, बुधवार को कार्यपालक दंडाधिकारी प्रवीण रोहित कुजूर की ओर से सेक्टर-चार थाना में शिवम अस्पताल संचालक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दिया है।

कार्यपालक दंडाधिकारी ने बताया कि शिवम हास्पिटल को 70 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन आवंटित किया गया था, लेकिन अस्पताल संचालक की ओर से मात्र 12 वायल रेमडेसिविर इंजेक्शन के क्रय-विक्रय का अभिलेख प्रस्तुत किया गया। बताया कि अस्पताल निरीक्षण दौरान उपयोग की गई रेमडेसिविर इंजेक्शन की खाली वायल को भी प्रस्तुत नहीं किया गया। कुजूर के बयान के आधार पर सेक्टर-चार थाना में अस्पताल संचालक के खिलाफ क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट, आवश्यक वस्तु अधिनियम एवं आपदा प्रबंधन के तहत मामला दर्ज करते हुए पुलिस आगे की कार्रवाई में जुट गई है।

गौरतलब है कि, कोरोना संक्रमण के दौरान मरीजों को लूटने वाले अस्पताल प्रबंधकों के खिलाफ तीन स्तर पर जांच चल रही है। एक जांच स्वास्थ्य महकमा तो दूसरी जांच सरकार का अपराध अनुसंधान विभाग कर रहा है। वहीं, तीसरी जांच खुफिया शाखा कर रही है। कालाबाजारी का खेल हो रहा मैनेज:

हाई कोर्ट की सख्ती के बाद शासन-प्रशासन बड़े पैमाने पर कालाबाजारी के खिलाफ जांच और कार्रवाई का हौव्वा दिखाए हुए है, लेकिन विभागों के गलियारे में जो कानाफूसी हो रही है, वह यदि सच है तो कार्यपालिका पर बड़ा दाग होगी। क्योंकि देवांश मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल सहित अन्य पर कार्रवाई के बजाय मामले को मैनेज करने का प्रयास हो रहा है। यह चर्चा फैलती जा रही है। हालांकि रांची में हुई गड़बड़ी के मामले में जिस प्रकार हाईकोर्ट का कड़ा रुख है। यदि मामला सीबीआइ को जाता है तो बोकारो का मामला भी जांच का हिस्सा हो सकता है। ------ कोरोना काल में उठा था मामला :

कोरोना काल में इन अस्पतालों पर रेमडेसिविर इंजेक्शन में गड़बड़ी का मामला उठा था। ड्रग इंस्पेक्टर द्वारा जांच में यह मामला उजागर हुआ था। पूर्व में इसमें चास का देवांश हास्पिटल, सिटी केयर हास्पिटल और बोकारो वेलमार्क अस्पताल का नाम आया था। इन अस्पतालों के खिलाफ तीन अलग-अलग थानों में मामला दर्ज किया गया था। फिलहाल, जांच शुरू होने के बाद निजी अस्पताल संचालकों में हड़कंप मचा हुआ है।

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तेजी से चल रही जांच : बोकारो जिले में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले की जांच तेज गति के साथ हो रही है। करीब एक सप्ताह पूर्व रेमडेसिविर कालाबाजारी मामले पर देवांश मल्टी स्पेशियलिटी चास, सिटी केयर चास तथा वेलमार्क अस्पताल नयामोड़ पर दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मुख्यालय डीएसपी मुकेश कुमार ने अस्पताल जाकर जांच शुरू किया था।

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