बेरमो चार नंबर में रथयात्रा वापसी अनुष्ठान संपन्न
बेरमो बेरमो चार नंबर में रथयात्रा वापसी अनुष्ठान मंगलवार की देर शाम संपन्न हो गया। श्रद्धालुअ
बेरमो : बेरमो चार नंबर में रथयात्रा वापसी अनुष्ठान मंगलवार की देर शाम संपन्न हो गया। श्रद्धालुओं ने संडेबाजार स्थित मौसीबाड़ी में पूजा-अर्चना करने के बाद चार नंबर स्थित रथ मंदिर पहुंचकर जगन्नाथ महाप्रभु की रथयात्रा वापसी महोत्सव में भाग लिया। श्रद्धालुओं ने रथ पर भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा के विग्रह को विराजमान कर पूजा-अर्चना की। उसके बाद उन तीनों के विग्रह को पुन: रथ से उतारकर स्थानीय मंदिर में विराजमान कर दिया। पुजारी भानु दुबे ने बताया कि भगवान जगन्नाथ सहित बलभद्र व सुभद्रा के विग्रह को बीते 12 जुलाई को रथ पर विराजमान कर संडेबाजार स्थित मौसीबाड़ी ले जाए जाने के बजाय रथ को पांच कदम चलाकर सांकेतिक रथयात्रा की गई थी।
उन्होंने बताया कि यहां सांकेतिक रथयात्रा कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार की गाइडलाइन के तहत की गई। चार नंबर रथ मंदिर परिसर में ही भगवान जगन्नाथ, उनके भाई बलभद्र एवं बहन सुभद्रा को रथ पर विराजमान करने के बाद अस्थायी रूप से बनाए गए मंदिर सह मौसीबाड़ी में विराजमान कर प्रतिदिन सुबह-शाम पूजा व आरती की जा रही थी। साथ ही संडेबाजार स्थित मौसीबाड़ी में भी पूजा व आरती की जा रही थी। निरंतर आठ दिन तक अस्थायी मौसीबाड़ी में भगवान जगन्नाथ के विश्राम करने के बाद नौवें दिन उन्हें सहित उनके भाई व बहन के विग्रह को पुन: रथ पर सवार कराकर रथ मंदिर ले जाया गया, जहां पूजा-अर्चना कर उनकी प्रतिमाओं को स्थापित किया गया। इस दौरान उत्कल समाज की कीर्तन मंडली के भजन गायन से माहौल भक्तिमय हो गया। मौके पर विजय भोई, शिवनारायण गोप, सुनील कुमार शर्मा, वरुण कुमार, कुलेश्वर राय, गजेंद्र शर्मा, अभय बारिक, प्रताप तांती, महेंद्र तांती, विनीत बाग, विकास कुमार, मधु कुंवर, रूपा देवी, बबली देवी, अनिता देवी, गुरुवारी देवी, सीमा देवी, कंचन देवी, सोनिया कुमारी, सोनाली कुमारी, परमानंद तांती, दीपक कुमार, घनश्याम बागरा, चंद्रशेखर जाल आदि श्रद्धालु उपस्थित थे।