मात्र 15.8 एमएम बारिश से ही फुसरो की बाटागली हो गई जलमग्न

करगली (बेरमो) बुधवार को भोर 15.8 एमएम बारिश हुई जिससे फुसरो नगर की बाटागली जलमग्न

By JagranEdited By: Publish:Wed, 04 Aug 2021 11:31 PM (IST) Updated:Wed, 04 Aug 2021 11:31 PM (IST)
मात्र 15.8 एमएम बारिश से ही फुसरो की बाटागली हो गई जलमग्न
मात्र 15.8 एमएम बारिश से ही फुसरो की बाटागली हो गई जलमग्न

करगली (बेरमो) : बुधवार को भोर 15.8 एमएम बारिश हुई, जिससे फुसरो नगर की बाटागली जलमग्न हो गई। कई घरों में पानी घुस गया। घर में पानी भरने की आहट होने पर लोगों की नींद खुल गई। किसी प्रकार पानी को घर में आने से रोकने और जमा पानी को निकालने में जुट गए। इस दौरान घर में रखे तमाम सामान पानी में भीगकर खराब हो गए।

फुसरो की बाटागली में बारिश होने पर जलजमाव होना व घरों में पानी घुसना कोई नई बात नहीं हैं। प्री मानसून की बारिश में ही बीते 24 मई को भी यहां के लोगों ने जलजमाव व घरों में पानी घुसने की फजीहत झेली थी। उसके बाद मानसून की शुरुआत होने पर बुधवार को तीसरी बार उसी स्थिति से दो-चार होना पड़ा, जिसका कारण नालियों का जाम रहना है। साथ ही पानी निकासी की समुचित व्यवस्था भी नहीं है। यही वजह है कि जब कभी भी मूसलधार वर्षा होती है, तब इस बाटागली में अफरातफरी मच जाती है। --मूसलधार बारिश होने पर दुर्दशा सहने को होते मजबूर : फुसरो नगर की वार्ड नंबर-22 में है बाटागली, जहां के मो.जलालुद्दीन का कहना है कि पिछले कई वर्षों से मूसलधार बारिश होने पर यहां के लोग यह दुर्दशा सहने को मजबूर होते हैं। हर साल नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से आश्वासन दिया जाता है कि जल निकासी की समुचित व्यवस्था की जाएगी, लेकिन नतीजा सिफर रहता है। नगर प्रबंधन की ओर से नालियों की नियमित रूप से सफाई नहीं होने के कारण यह दुर्दशा झेलनी पड़ती है। यहां नया बड़ा नाला निर्माण नहीं होने से नालियों के पानी की निकासी सही तौर पर नहीं हो पाती। जब मूसलधार बारिश होती है, तब नालियों का गंदा पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर जाता है। यहां के पुराने बड़ा नाला के ऊपर मकान बनाकर अतिक्रमण करने की बात नगर परिषद के अधिकारियों की ओर से कही जाती है, लेकिन अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।

--पानी निकासी का मार्ग हो गया काफी संकरा : बाटागली निवासी रामजी वर्मा ने बताया कि करीब दो दशक पूर्व यहां नालियों के पानी की निकासी के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध थी, जिससे बारिश का पानी सरलता से निकल जाता था। जबकि हाल के वर्षों में शहरीकरण में वृद्धि हुई तो लोगों ने ताबड़तोड़ मकान बनाना शुरू कर दिया। परिणामस्वरूप, कई स्थानों में पानी निकासी का मार्ग काफी संकरा हो गया। इस कारण अब बारिश होने पर पानी पूर्व की अपेक्षा नहीं निकल पाता है और समतल क्षेत्रों में फैल जाता है। इसका खामियाजा स्थानीय लोगों को उठाना पड़ता है।

--नगर परिषद की ओर से नहीं की गई कोई ठोस पहल : स्थानीय मो. नईम ने कहा कि बाटागली में जलजमाव की समस्या पिछले कुछ वर्षो से ज्यादा बढ़ गई है। हर बरसात में यह कालोनी जलमग्न हो जाती है। इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से इस समस्या के समाधान के लिए कोई पहल नहीं की गई। संतोष साव ने बताया कि अधिसूचित समिति के कार्यकाल में ही रामरतन उच्च विद्यालय के पीछे से दामोदर नदी तक एक बड़ा नाला बनवाने की योजना बनाई गई थी, लेकिन वह योजना ठंडे बस्ते में है। पिछले वर्ष पार्षदों ने इस मामले को सदन में जोरशोर से उठाया था, जिसके बाद नया बड़ा नाला बनाने का प्रस्ताव पारित हुआ, लेकिन वह धरातल पर नहीं लाया जा सका। परवेज आलम कहते हैं कि फुसरो शहर की बाटागली के साथ ही अन्य कई इलाके में भी जलजमाव की समस्या उत्पन्न होती है, जिसका एक कारण मकानों का बेतरतीब ढंग से बनना भी है। इसके बावजूद नगर परिषद की ओर से क्षेत्र में बन रहे मकानों के लिए दिशा-निर्देश जारी नहीं किया जाता। यदि समय रहते नगर परिषद ने इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाया तो यह समस्या दिनोंदिन और ज्यादा गहरा जाएगी। वर्जन

हर बरसात में बाटागली के लोगों को जलजमाव का सामना करना पड़ता है। नगर परिषद के बोर्ड की बैठक में मैंने कई बार इस मामले को उठाया। नया बड़ा नाला निर्माण कराए जाने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया, लेकिन पुराने बड़ा नाला व पास की जमीन पर अतिक्रमण होने के कारण नए बड़ा नाला निर्माण कराए जाने में गतिरोध उत्पन्न हो रही है। नगर परिषद के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व कार्यपालक पदाधिकारी इस मसले को हल करने में जुटे हुए हैं।

- भरत वर्मा, पार्षद, वार्ड संख्या-22 फुसरो नगर

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