सेफी के दावे पर एनसीओ ने जताई आपत्ति
बीते 16 सितंबर को नई दिल्ली में आहूत सेल-सेफी की बैठक में प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय के निर्देश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि कंपनी में जब तक कर्मचारियों का पे रिवीजन नही हो जाता तब तक इसके लाभ से अधिकारी वर्ग भी वंचित रहेंगे।
जागरण संवाददाता, बोकारो: महारत्न कंपनी सेल में कर्मचारियों के पे रिवीजन के साथ अधिकारियों के वेतन पुनरीक्षण का मसला भी उलझता जा रहा है। बीते 16 सितंबर को नई दिल्ली में आहूत सेल-सेफी की बैठक में प्रबंधन ने इस्पात मंत्रालय के निर्देश का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि कंपनी में जब तक कर्मचारियों का पे रिवीजन नही हो जाता, तब तक इसके लाभ से अधिकारी वर्ग भी वंचित रहेंगे। हालांकि सेफी की ओर से अब यह दावा किया जा रहा है कि अफसरों के पे रिवीजन पर प्रबंधन के साथ उनकी सहमति बन गई है। यह भी कहा जा रहा है कि रिवीजन के मद में दी जाने वाली रकम का फार्मूला भी तय किया जा चुका है। इस पर नेशनल कनफेडरेशन आफ आफिसर एसोसिएशन (एनसीओ) के सदस्य विमल विशी ने आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि अब सेफी सेल अधिकारियों के पे रिवीजन के नाम पर वोट बैंक की राजनीति कर रही है। सोमवार को सेल प्रबंधन से एनसीओ की हुई उनकी वार्ता में पे रिवीजन पर सहमति को लेकर किसी प्रकार के निर्णय से प्रबंधन ने साफ इन्कार किया है। इससे यह साफ हो गया है कि सेफी के पदाधिकारी आफिसर एसोसिएशन के चुनाव में अपनी कुर्सी बचाने के लिए अधिकारियों को गुमराह कर रहे हैं। यदि पे रिवीजन पर सहमति से संबंधित कोई आदेश सेफी के पास है तो वह इसे सार्वजनिक करे।
बता दें कि सेल अधिकारियों के संगठन स्टील एग्जीक्यूटिव फेडरेशन आफ इंडिया (सेफी) का कार्यकाल साल 2020 के अक्टूबर माह में ही समाप्त हो गया था, लेकिन कोरोना के कारण वर्तमान कमेटी का विस्तार एक और वर्ष के लिए कर दिया गया है। अब जबकि बीएसएल सहित सेल के भिलाई, राउरकेला व सीएमओ इकाई में नई कमेटी के गठन के लिए आफिसर एसोसिएशन का चुनाव होना है तो पे रिवीजन को हथियार बनाकर वर्तमान कमेटी के पदाधिकारी अफसरों को वोट बैंक के लिए रिझा रहे है। पहले चरण में भिलाई इस्पात संयंत्र में चुनाव 24 सितंबर 2021 को होना है।