बाधाओं से संघर्ष करते हुए कड़ी मेहनत से संवारा बच्चों का भविष्य

राममूर्ति प्रसाद बोकारो बच्चे की सफलता में माता का अतुलनीय योगदान होता है। वह कष्ट सह कर

By JagranEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 10:00 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 10:00 PM (IST)
बाधाओं से संघर्ष करते हुए कड़ी मेहनत से संवारा बच्चों का भविष्य
बाधाओं से संघर्ष करते हुए कड़ी मेहनत से संवारा बच्चों का भविष्य

राममूर्ति प्रसाद, बोकारो: बच्चे की सफलता में माता का अतुलनीय योगदान होता है। वह कष्ट सह कर अपने बच्चे को सुख देती है। माता बच्चे का विशेष खयाल रखती हैं। इनके त्याग व परिश्रम से ही परिवार व समाज का स्वरूप निखरता है। बोकारो इस्पात नगर की रेखा सिंह एवं सची रस्तोगी बाधाओं से संघर्ष करते हुए कड़ी मेहनत से अपने बच्चों का भविष्य संवार रही हैं। साथ ही घर-परिवार को आर्थिक रूप से सबल बनाने में योगदान कर रही हैं।

माता के कुशल मार्गदर्शन में मनीष ने हासिल किया मुकाम

बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर नौ निवासी रेखा सिंह सुरभि केंद्र सेक्टर चार में सुपरवाइजर के रूप में कार्यरत हैं। इनपर जब अचानक परिवार का बोझ एवं बच्चों के लालन-पालन की जिम्मेवारी आ गई तो वे काफी परेशान हो गईं। बच्चे छोटे थे। इनके पास रोजगार का कोई साधन नहीं था। अकेले घर चलाना एवं बच्चों को शिक्षा देना पहाड़ के समान लग रहा था। ऐसे में महिला समिति बोकारो ने सहारा दिया। इन्होंने महिला समिति बोकारो की ओर से संचालित फूड प्रोसेसिग यूनिट, सुरभि केंद्र में काम करना शुरू किया। यहां मसाला, ठेकुआ, नमकीन आदि बनाना शुरू किया। यहां से आमदनी होने लगी तो बेटा मनीष कुमार व बेटी सुप्रिया को बेहतर शिक्षा दी। दिन भर काम करने के बाद वे घर लौटती थीं तो बच्चों की बेहतर तरीके से देखभाल करती थीं। इन्होंने बच्चों का कुशल मार्गदर्शन किया। इन्हें जीवन में आगे बढ़ने की सीख दी। इनकी पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया। माता के मार्गदर्शन में मनीष ने मुकाम हासिल किया। इसने 2012 में एनडीए में सफलता हासिल की। वर्तमान में दरभंगा में इंडियन एयर फोर्स में स्क्वाड्रन लीडर के पद पर कार्यरत हैं। सुप्रिया बीसीए की शिक्षा ग्रहण करने के बाद बैंक व अन्य प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रही है। रेखा सिंह ने कहा कि महिला समिति बोकारो ने समय पर सहारा

दिया। अगर महिला समिति का सहयोग नहीं मिलता तो सपना पूरा नहीं हो सकता था।

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सची बच्चों को दे रहीं आगे बढ़ने की सीख

बोकारो इस्पात नगर के कोऑपरेटिव कॉलोनी निवासी सची रस्तोगी पति ऋषभ रस्तोगी व बच्चों के साथ जीवन गुजर-बसर कर रही थीं, लेकिन 2015 में पिता के देहांत के बाद इन्हें तमाम चुनौतियों का सामना करना पड़ा। व्यवसाय के साथ-साथ छोटे-छोटे बच्चों को संभालने की जवाबदेही आ गई, लेकिन इन्होंने चुनौतियां का सामना किया। व्यवसाय के साथ पुत्र अर्श रस्तोगी व धैर्य रस्तोगी को बेहतर शिक्षा प्रदान की। व्यवसाय के बाद समय निकाल कर बच्चों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान दिया। इनके दोनों बच्चे पढ़ाई में बेहतर कर रहे हैं। व्यवसाय को भी बेहतर तरीके से संभाल रही हैं। उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों का मुकाबला करना चाहिए। इससे घबराना नहीं चाहिए। परिश्रम व लगन से ही जीवन में सफलता मिलेगी।

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