सेलकर्मियों के आवास अनुरक्षण भत्ता में लाखों की हेराफेरी
बोकारो महारत्न कंपनी सेल में वेतन पुनरीक्षण की राह देख रहे संयंत्रकर्मियों पर आर्थिक बो
बोकारो : महारत्न कंपनी सेल में वेतन पुनरीक्षण की राह देख रहे संयंत्रकर्मियों पर आर्थिक बोझ दिनों-दिन बढ़ता ही जा रहा है। ताजा मामला उनके आवास अनुरक्षण भत्ता का है। कंपनी प्रबंधन व एनजेसीएस संगठन के बीच हुए करार के तहत कर्मियों को प्रतिवर्ष मई में आवास अनुरक्षण की राशि दी जाती है, जहां ईएफ टाइप आवास के लिए 1400 रुपये तथा डी टाइप आवास के लिए 1750 रुपये की दर निर्धारित की गई है। बावजूद इसके प्रबंधन ईएफ व डी टाइप के आवासधारियों को एक समान यानि 1400 रुपये का भुगतान कर रही है। ऐसे में, अब सवाल यह उठता है की कंपनी में काम करने वाले हजारों कामगारों के शेष रकम यानी 350 रुपये कहां जा रहे है। इस पर एनजेसीएस संगठन के नेता तो कुछ नहीं बोल रहे हैं, लेकिन गैर एनजेसीएस संगठन ने मामले को तूल दे दिया है। जय झारखंड मजदूर समाज के महामंत्री बीके चौधरी ने कहा की जब सेल प्रबंधन व एनजेसीएस के बीच डी टाइप मकान में रहने वाले आवासधारियों को 1750 रुपये दिए जाने पर करार हुआ है तो प्रबंधन को पूरे रकम का भुगतान उन्हें एरियर के साथ करना होगा। मसले पर बीएसएल के तत्कालीन महाप्रबंधक राजवीर सिंह से वार्ता में डी टाइप के आवासधारियों को 1750 रुपये देने पर सहमति हो गई थी। संगठन की ओर से अब मामले की जांच के लिए मुख्य सतर्कता अधिकारी को पत्र लिखकर दोषी लोगों पर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
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- पानी व बिजली का अलग-अलग है किराया -
सेल प्रबंधन अपने कामगारों के ईएफ व डी टाइप आवास में पानी व बिजली का अलग-अलग किराया लेती है, लेकिन आवास अनुरक्षण के लिए दोनों प्रकार के आवासधारियों को एक समान राशि दी जा रही है। पानी के मद में ईएफ टाइप आवास वाले संयंत्रकर्मियों से प्रतिमाह 50 रुपये व डी टाइप वालों से 75 रुपये लिया जा रहा है। जबकि, बिजली की बात करें तो ईएफ टाइप आवास से 958 रुपये तथा डी टाइप आवास से 1055 रुपये प्रतिमाह वसूल किया जा रहा है। ऐसे में, प्रश्न यह उठता है की यदि उक्त दोनों आवासों के पानी व बिजली किराए में अंतर है तो आवास अनुरक्षण के लिए ईएफ व डी प्रकार के आवासधारियों को एक समान राशि का भुगतान कैसे किया जा रहा है।