मोबाइल में नहीं, दिमाग के अंदर होता विलेन

जागरण संवाददाता बोकारो सकारात्मक सोच के साथ कड़ी मेहनत व लगन से सार्थक के सपने को पंख

By JagranEdited By: Publish:Sun, 19 Jan 2020 07:03 AM (IST) Updated:Sun, 19 Jan 2020 07:03 AM (IST)
मोबाइल में नहीं, दिमाग के अंदर होता विलेन
मोबाइल में नहीं, दिमाग के अंदर होता विलेन

जागरण संवाददाता, बोकारो :

सकारात्मक सोच के साथ कड़ी मेहनत व लगन से सार्थक के सपने को पंख लगा। इसने जेईई मेन की परीक्षा में 99.9820529 परसेंटाइल हासिल कर झारखंड राज्य में दूसरा स्थान प्राप्त किया। इसने भौतिकी में 100, रसायन में 99.9295920 व गणित में 99.9779112 परसेंटाइल हासिल किया।

सार्थक कंप्यूटर साइंस के क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहता है। इसलिए मंजिल हासिल करने के लिए कठिन परिश्रम करता है। इस परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन पर उसे खुशी है। लेकिन वह इससे भी अधिक अंक हासिल करने की इच्छा रखता है। इसने दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो से 94 फीसद अंक से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद रेनबो पब्लिक स्कूल चीरा चास में इंटरमीडिएट साइंस में दाखिला लिया। ----बडे़ भाई व माता-पिता ने किया प्रोत्साहित

सार्थक के बड़े भाई शीर्ष सावर्ण एनआइटी सूरतकला, कनार्टक में बीटेक केमिकल इंजीनियरिग की पढ़ाई कर रहे हैं। बोकारो इस्पात नगर के सेक्टर तीन सी निवासी इनके पिता संतोष त्रिपाठी बोकारो स्टील प्लांट के एसएमएस टू सीसीएस विभाग में ऑपरेटिव के पद पर कार्यरत हैं। माता अनीता त्रिपाठी गृहिणी हैं। सार्थक ने कहा कि माता-पिता व बड़े भाई ने प्रोत्साहित किया। गणित व भौतिकी विषय में अधिक रुचि है। इसलिए अपनी रुचि के अनुरुप इंजीनियरिग के क्षेत्र को चयनित किया। माता-पिता ने कभी भी अपनी इच्छा को उसके उपर नहीं थोपा। उन्होंने हमेशा जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। ---- छात्रों को स्वयं तय करनी होगी जीवन की प्राथमिकता

सार्थक ने जागरण से वार्ता के क्रम में कहा कि कड़ी मेहनत से ही सब कुछ मुमकीन है। लेकिन इसके लिए संयुक्त प्रयास की आवश्यकता है। एक बच्चे की सफलता के पीछे पूरे परिवार, शिक्षकों की टीम व अच्छे दोस्तों का हाथ होता है। इनके सहयोग से बच्चे के लिए अनुकूल परिस्थिति तैयार होती है और वह मेहनत व लगन से सफलता की ओर अग्रसर होता है। कहा कि मोबाइल में नहीं मानव के दिमाग में विलेन होता है। इसका प्रयोग जरुरत के अनुसार ही करना चाहिए। उसने सोशल मीडिया से दूरी बनाई है। उसके पास अपना मोबाइल नहीं है। लेकिन जरुरत के हिसाब से पिता की मोबाइल का प्रयोग करता हूं। विद्यार्थियों को जीवन में खुद प्राथमिकता तय करना चाहिए। सेल्फ स्टडी परीक्षा में मददगार

सार्थक ने कहा कि वह नियमित रुप से प्रत्येक दिन कम से कम पांच घंटे अध्ययन करता है। सेल्फ स्टडी परीक्षा में मददगार साबित होगा। परीक्षा के लिए स्वयं को तैयार करना चाहिए। उसे क्रिकेट में बल्लेबाजी करना पसंद है। लांग रनिग के अलावा गाना सुनना पसंद है। उसके आदर्श माता-पिता और भाई हैं।

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