विस्थापितों को नियोजन व मुआवजा देने की होगी पहल
संवाद सहयोगी कथारा (बेरमो) सीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पीएम प्रसाद ने कहा
संवाद सहयोगी, कथारा (बेरमो) : सीसीएल के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक (सीएमडी) पीएम प्रसाद ने कहा कि विस्थापितों को नियोजन व मुआवजा देने को पहल की जाएगी। जिस विस्थापितों ने अपनी जमीन सीसीएल को देकर कोयला उत्पादन बढ़ाने में सहयोग किया है, उन्हें वाजिब अधिकार दिया जाएगा। वे शनिवार को कथारा प्रक्षेत्र पहुंचे। उन्होंने गोविदपुर-स्वांग, जारंगडीह परियोजना व कथारा कोलियरी सहित कोलवाशरी व रेलवे साइडिग का जायजा लिया।
स्थानीय अधिकारियों से उन्होंने कोयले के उत्पादन व संप्रेषण के बारे में जानकारी ली। कहा कि बंद पड़ी कथारा कोलियरी से पुन: कोयले का उत्पादन शुरू हो, इसके लिए पर्यावरणीय स्वीकृति लेने का प्रयास किया जा रहा है। पर्यावरणीय स्वीकृति मिलने के बाद कंसर्न टू ऑपरेट (सीटीओ) लेकर कथारा माइंस को चालू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि स्वांग कोलवाशरी फिलहाल चालू नहीं हो सकेगी। वहीं, कथारा कोलवाशरी परिसर में जबतक नई वाशरी नहीं बन जाती, तबतक पुरानी वाशरी से ही उत्पादन होता रहेगा। विस्थापितों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निपटारा किया जाएगा। कोल इंडिया की आरआर पॉलिसी के तहत विस्थापितों को नियोजन व मुआवजा दिया जाएगा। गोविदपुर परियोजना में जो भी समस्याएं हैं, उसका समाधान किया जाएगा। जारंगडीह परियोजना को विस्तार करने के लिए सीसीएल मुख्यालय प्रयासरत है। इस दिशा में कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। जारंगडीह परियोजना को विस्तार करने से कोयले का उत्पादन बढ़ेगा। देश को कोयले की काफी आवश्यकता है, जिसकी पूर्ति के लिए सीसीएल के सभी अधिकारी व कामगार दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। रेलवे साइडिगों से गुणवत्तापूर्ण कोयले का संप्रेषण हो, इसके लिए सीसीएल के स्थानीय अधिकारी समय-समय पर जांच-पड़ताल करें। मौके पर सीसीएल कथारा प्रक्षेत्र के महाप्रबंधक एमके पंजाबी, स्टाफ ऑफिसर वाशरी आरके मिश्रा, कथारा वाशरी के पीओ के मुरली बाबू, कथारा कोलियरी के पीओ एनके दुबे, मैनेजर केएस मीणा, आरके सिंह, जारंगडीह परियोजना के मैनेजर डीएन सिन्हा, कुमार राकेश चंद्रा आदि उपस्थित थे।