सुभाष चंद्र बोस के आदर्श को जीवन में करें आत्मसात

जागरण संवाददाता बोकारो गुरु गोविद सिंह एजुकेशनल इंजीनियरिग व प्रबंधन संस्थान कांड्रा चास मे

By JagranEdited By: Publish:Sat, 23 Jan 2021 07:23 PM (IST) Updated:Sat, 23 Jan 2021 07:23 PM (IST)
सुभाष चंद्र बोस के आदर्श को जीवन में करें आत्मसात
सुभाष चंद्र बोस के आदर्श को जीवन में करें आत्मसात

जागरण संवाददाता, बोकारो: गुरु गोविद सिंह एजुकेशनल इंजीनियरिग व प्रबंधन संस्थान, कांड्रा चास में भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान योद्धा सुभाष चंद्र बोस की जयंती मनाई गई। संस्थान के अध्यक्ष तरसेम सिंह, सचिव सुरेंद्र पाल सिंह, सदस्य जगमोहन सिंह, हरपाल सिंह, हरदीप सिंह व निदेशक डॉ. प्रियदर्शी जरुहार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की तस्वीर पर पुष्पांजलि अर्पित की।

अध्यक्ष तरसेम सिंह ने कहा कि भारत माता के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस ने द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने के लिए जापान के सहयोग से आजाद हिद फौज का गठन किया। जय हिद व तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा का नारा देकर लोगों में देशभक्ति का भाव जागृत किया। आजाद हिद फौज ने जापानी सेना के साथ मिल कर ब्रिटिश सेना से इंफाल व कोहिमा में लोहा लिया। अंग्रेजी सेना के दांत खट्टे कर दिया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने देश को आजाद करने के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया। विद्यार्थियों को उनके आदर्श को जीवन में आत्मसात करना चाहिए।

सचिव सुरेंद्र पाल सिंह ने कहा कि अंग्रेजों ने सुभाष चंद्र बोस को नजरबंद कर दिया। जनवरी 1941 को वे पुलिस को चकमा देते हुए पठान के वेश में अपने घर से निकले। वे कोलकाता से गोमोह पहुंचे। यहां से रेलगाड़ी से पेशावर पहुंचे। देश की आजादी के लिए वैश्विक मंच पर पहल की। देश के युवाओं में देशभक्ति का जज्बा जगाया। देश की आजादी में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। युवाओं को उनकी जीवनी से परिचित होने की आवश्यकता है। मौके पर डॉ. विकास घोषाल, प्रो. अरुण प्रसाद वर्णवाल, प्रो. जयदीप सेन, डॉ. रमेश चंद्र रथ आदि उपस्थित थे।

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