बोकारो: बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान हादसा, तीन दिन बीते, नहीं निकाले जा सके मजदूर

पर्वतपुर कोल ब्लाक खुली खदान तिलाटांड़ साइड में शुक्रवार को अवैध कोयला उत्खनन के दौरान चाल धंसने से दबे चार लोगों को निकालने में रविवार की शाम तक कोई सफलता नहीं मिली। मौके पर पुलिस वालों के साथ स्थानीय ग्रामीण व अधिकारियों का पूरा दिन सुरंग निहारते बीत गया।

By Edited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 09:20 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 11:36 PM (IST)
बोकारो: बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान हादसा, तीन दिन बीते, नहीं निकाले जा सके मजदूर
बंद पड़ी कोयला खदान में अवैध खनन के दौरान हादसा

तालगड़िया, जागरण संवाददाता। पर्वतपुर कोल ब्लाक खुली खदान तिलाटांड़ साइड में शुक्रवार को अवैध कोयला उत्खनन के दौरान चाल धंसने से दबे चार लोगों को निकालने में रविवार की शाम तक कोई सफलता हाथ नहीं लगी। मौके पर तैनात पुलिस वालों के साथ स्थानीय ग्रामीण व अधिकारियों का पूरा दिन सुरंग को निहारते हुए बीत गया। दोपहर बाद रांची से 25 सदस्यीय एनडीआरएफ की टीम पहुंची और बीसीसीएल प्रबंधन व प्रशासन के साथ बातचीत कर मंत्रणा की। टीम के कामांडेंट विक्रम राठौर ने कहा कि घटना स्थल का मुआयना किया। वे स्थानीय एजेंसी के साथ समन्वय करने में लगे हैं। कहा कि कोई भी कदम उठाने के पूर्व सभी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है। क्योंकि सुरक्षा सर्वोपरि है।

इधर सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन ने इस रेस्क्यू आपरेशन के लिए एनडीआरएफ के दिल्ली मुख्यालय से पत्राचार किया है। बताया जा रहा है कि झारखंड की टीम के पास अब तक इस तरह की घटनाएं सामने नहीं आई है। एनडीआरएफ की टीम बीसीसीएल की रेस्क्यू टीम से तकनीकी सहयोग लेने पर विचार कर रही है। एनडीआरएफ को न तो कोयला के सुरंग में प्रवेश करने का पुराना अनुभव है न ही उपकरण जो कि सुरंग को काट सके। इस मामले में बीसीसीएल प्रबंधन जिसके पास विशेषज्ञ हैं, उसके अधिकारी सक्रिय नहीं है।

पूरे दिन मौजूद रहे प्रशासन के अधिकारी

अचानक हुए हादसे के बाद पूरे प्रखंड प्रशासन के सामने नई समस्या खड़ी हो गई है। रविवार को दूसरे दिन चंदनकियारी बीडीओ अजय वर्मा, सीओ, डीएसपी, बेनागड़िया ओपी प्रभारी प्रिंस कुमार सिंह, अमलाबाद ओपी प्रभारी सुबोध कुमार जमे रहे। अलग-अलग तरह से अधिकारियों से बात कर रेसक्यू आपरेशन चलाने पर चर्चा की। संभावना है कि कल सोमवार को एनडीआरएफ की टीम सुरंग में प्रवेश करेगी। मौके पर ग्रामीण, मजदूरों के स्वजनों के अलावा झामुमो नेता संतोष रजवार, जिप सदस्य सृष्टिधर रजवार, जगन्नाथ रजवार, अशोक दसौंधी समेत अन्य थे।

हादसे के बाद सिस्टम पर सवाल

इस हादसे के बाद भले ही राहत व बचाव कार्य के लिए प्रयास हो रहा है। इससे संबंधित सभी संस्था बीसीसीएल, चंदनकियारी अंचल कार्यालय, खनन विभाग और पुलिस पर सवाल खड़ा हो रहा है। किसी ने अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन नहीं किया। अज्ञात कारण से सबके सब चुप रहे और अवैध कोयला का धंधा चलता रहा। इस मामले में सबसे पहले बीसीसीएल जिसे सरकार ने यह कोल ब्लाक दिया है। उसके अधिकारी क्या करते हैं। क्या उन्होंने कभी इस बात की सूचना वरीय अधिकारियों को दी कि कोल ब्लाक में सुरंग बनाकर अवैध उत्खनन हो रहा है। दूसरे नंबर पर खनन विभाग है कि जिसके अधिकारी खनन टास्क फोर्स की बैठक में बड़ी फाइल लेकर उपायुक्त के सामने बैठक में उपस्थित रहते हैं। उन्होंने भी अब तक इसकी पूर्व में सूचना नहीं दी। सबसे महत्वपूर्ण एवं जिम्मेदार माने जाने वाले पुलिस विभाग अब चुप है और मामले को टालने की कोशिश में हैं। जबकि अवैध उत्खनन रोकने के लिए सबके सब जवाबदेह हैं।

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