'मैं शपथ लेता हूं कि लंबित केस एक माह में कर दूंगा निष्पादित'

अरविद/बोकारो पुलिस के नए मुखिया नीरज सिन्हा ने राज्य भर के सभी एसपी को आदेश दिया कि वह अविलंब लंबित मामलों का निस्तारण कर दें। इसके लिए स्वयं थानेदारों से समय सीमा का शपथ पत्र मांगा गया है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 05 Mar 2021 12:28 AM (IST) Updated:Fri, 05 Mar 2021 12:28 AM (IST)
'मैं शपथ लेता हूं कि लंबित केस एक माह में कर दूंगा निष्पादित'
'मैं शपथ लेता हूं कि लंबित केस एक माह में कर दूंगा निष्पादित'

अरविद/बोकारो: पुलिस के नए मुखिया नीरज सिन्हा ने राज्य भर के सभी एसपी को आदेश दिया कि वह लंबित मामलों के निष्पादन पर विशेष ध्यान दें। थानेदारों से एसपी घोषणा पत्र भी लें। घोषणा पत्र में थानेदार अपने नाम व पदनाम के साथ-साथ थाना का नाम व आइपीसी की धारा के अलावा लंबित आपराधिक मामलों के थाना कांड संख्या का उल्लेख करें। यह लिखे कि मैं घोषणा करता हूं कि यह कांड इतनी तारीख तक निष्पादित हो जाएगा। एक हफ्ते के अंदर सभी लंबित मामलों में ऐसा घोषणा पत्र थानेदार दे दें। पंद्रह दिन के बाद डीजीपी ऐसे मामलों में हुई प्रगति की समीक्षा करेंगे। थानेदार जिस तिथि को लंबित मामलों के निष्पादन की बात लिखेंगे उसमें अगर विलंब हुआ तो वह खुद ऐसे थानेदारों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करेंगे। डीजीपी के इस आदेश की जानकारी एसपी चंदन कुमार झा ने जिले भर के थानेदारों को दे दिया है। थाना प्रभारियों से कप्तान ने तुरंत घोषणा पत्र देने को कहा है। जिले भर में मुख्यालय के आदेश के बाद 425 आपराधिक मामलों में थानेदारों को ऐसा घोषणा पत्र देना है। ---दो से लेकर दस वर्ष से अधिक तक के मामले की हो रही खोज---- बताया जा रहा है कि मुख्यालय ने पुराने लंबित मामलों के ही निष्पादन पर विशेष जोर दिया है। आदेश के अनुसार दो वर्ष से अधिक मामलों को एक श्रेणी में रखा गया है। इसके बाद तीन वर्ष या उससे अधिक, पांच वर्ष या उससे अधिक और दस वर्ष या उससे अधिक मामलों की सूची तलब करते हुए निष्पादन की तिथि पूछी गई है। ---कई वजहों से लंबित हैं मामले- जागरण ने जिले भर में दो वर्ष से लेकर दस वर्ष तक की अवधि में लंबित 425 मामलों की वजह तलाशी तो कई कारणों से ऐसे मामले लंबित नजर आए। बहुत से आपराधिक मामले गिरफ्तारी न होने की वजह से लंबित हैं। कुछ मामलों में राज्य के बाहर के आरोपित हैं। ऐसे आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से मामले लंबित हैं। वारंट, कुर्की से लेकर बड़े अधिकारियों के अंतिम आदेश की प्रतिक्षा में भी कई मामले लंबित हैं। कुछ मामलों में विधि विज्ञान प्रयोगशाला से बिसरा समेत कुछ अन्य रिपोर्ट नहीं मिल सकी है। -दस वर्ष से अधिक लंबित में है नक्सली मामले--- बताया जा रहा है कि दस वर्ष से अधिक लंबित मामलों की संख्या छह है। ऐसे मामले नक्सली घटनाओं से संबंधित है। नक्सलियों की गिरफ्तारी के साथ-साथ अन्य वजहों से ऐसे मामले लंबित चले रहे हैं। --इंस्पेक्टर, डीएसपी को भी करनी है समीक्षा- मुख्यालय का आदेश है कि लंबित मामलों के निष्पादन में तेजी लाने के लिए डीएसपी व इंस्पेक्टर इसकी समीक्षा करें। आपराधिक मामलों के लंबित रहने की वजह को तुरंत समाप्त करने की दिशा में ऐसे अधिकारी काम करें। इस स्तर से भी अगर लापरवाही मिली तो कार्रवाई की जाएगी।

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