आदिवासियों के साथ सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया

जागरण संवाददाता बोकारो सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान

By JagranEdited By: Publish:Thu, 21 Jan 2021 05:20 PM (IST) Updated:Thu, 21 Jan 2021 05:20 PM (IST)
आदिवासियों के साथ सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया
आदिवासियों के साथ सरकार का पक्षपातपूर्ण रवैया

जागरण संवाददाता, बोकारो : सरना धर्म कोड लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष धरना दिया गया। इस दौरान आदिवासी समुदाय के लोगों ने सरकार के विरोध में नारे लगाए। संगठन के जिला मुख्य संयोजक सुखदेव मुर्मू ने कहा कि भारत के लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के साथ अबतक अन्याय हुआ है। सरना कोड की मान्यता नहीं मिलने से ईसाई मिशनरियों को मतांतरण का मौका मिल रहा है। जब जैन व बौद्ध धर्म को मान्यता दी जा सकती है। यदि भारत सरकार ने 2021 की जनगणना में आदिवासियों के प्रकृति पूजा सरना धर्म कोड शामिल नहीं किया तो 31 जनवरी राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम किया जाएगा।

कहा कि सरना धर्म को अविलंब मान्यता से इंकार करना आदिवासी समुदाय के धार्मिक आजादी पर हमला है। वहीं अन्य धर्मो के शोषण उत्पीड़न के लिए आदिवासियों को मजबूर करना है। सरना धर्म कोड आदिवासियों के अस्तित्व, पहचान, हिस्सेदारी, गरिमा और धार्मिक आजादी के लिए अनिवार्य है। कहा कि आदिवासियों की धार्मिक सोच व संस्कार अन्य मत से भिन्न है। दूसरे मत से जुड़ना अदिवासियों के स्वभाव और संस्कृति के खिलाफ है। जब जैन और बौद्ध धर्म को मान्यता मिल सकती है, तो आदिवासियों के सरना धर्म मानने वालों के साथ यह पक्षपातपूर्ण रवैया सरकार का समझ से परे है।

धरना के बाद राष्ट्रपति के नाम एक मांग-पत्र उपायुक्त को सौंपा गया। इस अवसर पर हराधन मरांडी, देवनारायण मुर्मू, आनंद टुडू, रामकुमार मुर्मू, करमचंद हांसदा, सुगदा किस्कू, भीम मुर्मू, चंद्रमोहन मरांडी, गोपीनाथ मुर्मू, संतोष सोरेन, सोनाराम मुर्मू, ललिता सोरेन, उलेश्वरी हेंब्रम, प्रमिला मुर्मू, जलेश्वर किस्कू, जयरम सोरेन, नरेश हांसदा, धनंजय मूर्मू, रामप्रसाद सोरेन, राजकुमार मुर्मू, बिजू सोरेन, राखो किस्कू, पितांबर सोरेन, सुरेश कुमार टुडू आदि उपस्थित थे।

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