झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल वापस ले सरकार
संवाद सहयोगी करगली (बेरमो) झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शनि
संवाद सहयोगी, करगली (बेरमो) : झारखंड मुक्ति मोर्चा उलगुलान के नेताओं व कार्यकर्ताओं ने शनिवार को फुसरो स्थित कार्यालय में बैठक कर राज्य सरकार की नीति का विरोध किया। मोर्चा के केंद्रीय महासचिव बेनीलाल महतो ने कहा कि झारखंड लैंड म्यूटेशन बिल सरकार वापस ले, क्योंकि यह काला कानून है। इस कानून को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जाएगा। झारखंड की जमीन पर हमला होगा तो मोर्चा की ओर से उग्र आंदोलन किया जाएगा।
कहा कि म्यूटेशन एक्ट लागू होने से प्रत्यक्ष रूप से छोटानागपुर टेनेंसी एक्ट (सीएनटी) और संथाल परगना टेनेंसी एक्ट (एसपीटी) प्रभावित होगा। सरकार से मांग करते हुए कहा कि झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में शहीद हुए आंदोलनकारियों के आश्रितों को तृतीय व चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के पद पर नौकरी दी जाए। इसके अलावा झारखंड अलग राज्य करने आंदोलन में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से शामिल लोगों को चिह्नित कर प्रशस्तिपत्र देकर सम्मानित किया जाए।
उन्होंने कहा कि बेरमो विधानसभा के उपचुनाव में झामुमो उलगुलान की ओर से उम्मीदवार दिया जाएगा। उम्मीदवार कौन होगा इसका निर्णय केंद्रीय कमेटी की ओर से किया जाएगा। मौके पर दिगंबर महतो, नरेश महतो, कृष्णा थापा, मधु पासवान, मोहन महतो, सावित्री देवी, किरण देवी, शंभु महतो, बसंती देवी, बबीता देवी, हेमलाल महतो, जयकुमार टुडू, लक्ष्मण हांसदा, अजय महतो, बीरन लोहार, गिरधारी महतो, सहदेव मांझी, लीला देवी, मुन्ना उरांव, बबलू रवानी, रीता देवी, नंदलाल महतो, बिगन सोनी, प्रयाग महतो आदि मौजूद थे।