फाइंस से सुधरेगी झारखंड सरकार व सेल की सेहत

जागरण संवाददाता बोकारो कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे राज्य को सरकारी कंपनी

By JagranEdited By: Publish:Thu, 26 Nov 2020 09:25 PM (IST) Updated:Thu, 26 Nov 2020 09:25 PM (IST)
फाइंस से सुधरेगी झारखंड सरकार व सेल की सेहत
फाइंस से सुधरेगी झारखंड सरकार व सेल की सेहत

जागरण संवाददाता, बोकारो : कोरोना काल में आर्थिक संकट झेल रहे राज्य को सरकारी कंपनी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के व्यवसाय से बड़ा लाभ होने वाला है। कंपनी के फाइंस बेचने से कंपनी के साथ-साथ झारखंड सरकार की आर्थिक सेहत में सुधार होगा। वहीं सेल कर्मियों के पे रिवीजन की राह अब आसान हो जाएगी। इसलिए की कंपनी मुख्यालय ने झारखंड राज्य में अवस्थित अपने चार महत्चपूर्ण माइंस से 43 मिलियन टन फाइंस बेचने का प्रस्ताव राज्य सरकार को दिया है। मामले में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को लेना है। यदि उनकी स्वीकृति मिल जाती है तो सेल प्रबंधन को 6,500 करोड़ तथा राज्य सरकार को एक हजार करोड़ का फायदा राजस्व के मद में होगा। इसके अतिरिक्त सरकार को डीएमएफटी फंड सहित अन्य मद के रूप में लगभग एक हजार करोड़ का राजस्व प्राप्त होगा।

-यी है प्रबंधन की योजना -

सेल प्रबंधन ने झारखंड के किरीबुरू, मेघातुबुरू, गुवा व चिड़िया माइंस से 43 मिलियन टन फाइंस बेचने की योजना बनाई है। मसले पर केंद्र सरकार ने पहले ही एक सितंबर 2019 को अपनी मंजूरी दे दी है, लेकिन झारखंड सरकार ने इस प्रस्ताव पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया है। जबकि सेल अध्यक्ष अनिल कुमार चौधरी बीते माह 23 सितंबर को स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मिलकर स्वीकृति के लिए आग्रह कर चुके है। सूबे के पेयजल व स्वच्छता मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने भी मुख्यमंत्री से स्वीकृति देने का आग्रह किया है।

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- मंजूरी मिलने के बाद ये होगा फायदा :

सेल के चारों माइंस से 43 मिलियन टन फाइंस बेचने की मंजूरी मिलने के बाद कंपनी को प्रत्यक्ष रूप से 6,500 करोड़ रुपये का फायदा होगा। इससे अप्रैल 2019 से एरियर के साथ संयंत्र कर्मियों को एक हजार करोड़ रुपये पे रिवीजन के मद में भुगतान हो सकेगा। सेल का वर्तमान बैक कर्ज लगभग 49 हजार करोड़ है, जिसके एवज में कंपनी प्रबंधन बैंक को सालाना 32 सौ करोड़ रुपये ब्याज के तौर पर अदा कर रही है। इस वित्तीय संकट से प्रबंधन को छुटकारा मिलेगा। चालू वित्तीय वर्ष के दूसरे तिमाही तक सेल को लगभग नौ सौ करोड़ का घाटा हुआ है। जिसे फाइंस बिक्री की मंजूरी के बाद घाटा को पाट कर मुनाफा अर्जित किया जा सकेगा। माइंस क्षेत्र में काम-काज के दौरान लगभग तीन हजार स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकेंगे। मालूम हो की इससे पूर्व ओड़िसा व छतीसगढ़ सरकार ने कंपनी प्रबंधन को अपने राज्य में दस मिलियन टन फाइंस बेचने की अनुमति आठ माह पहले ही दे दी थी। इसके बाद लगभग चार लाख टन माल बेचकर अब तक सेल प्रबंधन ने ढ़ाई सौ करोड़ रुपये बटोर लिया है।

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