राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना गोफ, बढ़ा हादसा टला

चंदनकियारी चंदनकियारी-धनबाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सितानाला के समीप शनिवार को सुबह मुख्य

By JagranEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 11:34 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 11:34 PM (IST)
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना गोफ, बढ़ा हादसा टला
राष्ट्रीय राजमार्ग पर बना गोफ, बढ़ा हादसा टला

चंदनकियारी : चंदनकियारी-धनबाद राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित सितानाला के समीप शनिवार को सुबह मुख्य सड़क गहरा गोफ बन गया। झरना नीलांचल आश्रम के समीप सड़क पर गिरे पेड़ के कारण शुक्रवार की देर रात से ही आवागमन बाधित होने के कारण यहां बड़ा हादसा टल गया। शनिवार सुबह ही सड़क के बीच में भू-धंसान से गोफ होने की जानकारी ग्रामीणों ने अमलाबाद ओपी पुलिस व स्थानीय प्रशासन को देते हुए सड़क पर वाहनों का आवागमन पूरी तरह बंद करवा दिया, जहां पहुंचे अमलाबाद कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी एन प्रसाद, अंचलाधिकारी रामा रविदास, बीडीओ अजय वर्मा की पहल पर बीसीसीएल कोलियरी प्रबंधन व राष्ट्रीय उच्चपथ प्रमंडल बोकारो के प्रयास से हाइवा, जेसीबी व ट्रैक्टर की मदद से सड़क पर बने गोफ को भर दिया गया। इस दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग चुकी थी।

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कोयले की खदानों में पानी भरने से सुरंग में समाई सड़क: बताया जाता है कि कोलियरी के राष्ट्रीयकरण के पूर्व इस क्षेत्र में निजी कंपनी की कोलियरी संचालित थी, जिसकी खदानों का सुरंग उक्त सड़क के नीचे भी अवस्थित है, जो कोलियरी बंद होने के बाद भी भराया नहीं जा सका। वहीं कोलियरी बंद होने के बाद यहां कोयले की अवैध खनन को लेकर कई सुरंगें भी बनाई गर्इं, जो सड़क व अगल-बगल की जमीन के ठीक दो से तीन मीटर ही नीचे है। ऐसे में, इन सुरंगों में बारिश का पानी घुसते ही यहां अक्सर ही भू-धंसान या गोफ बनने की घटना होती रहती है। बता दें कि वर्ष 2013 में भी सितानाला के समीप ही किनारे की सड़क पर धंसान से दरार पैदा हुई थी। वहीं, सितानाला स्थित अमलाबाद सड़क के बीचोबीच भी गहरी गोफ भू-धंसान के कारण बनी थी।

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बंद खदानों को भरने का हुआ था प्रयास: वर्ष 2013 में ही सितानाला, अमलाबाद, गौरीग्राम व भोजूडीह स्थित कोयले की अवैध सुरंगों को प्रशासनिक स्तर पर भरा जाने का प्रयास हुआ था, जिसमें जिला खनन टास्क फोर्स की मौजूदगी में बीसीसीएल प्रबंधन ने कई सुरंगों के द्वार को भरा था। जबकि, उक्त सुरंग अंदर से खोखली ही रह गई, जिसमें बरसात का पानी घुसने के बाद इस प्रकार की तबाही मचती रहती है।

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