जरीडीह में 40 घर आए आग की चपेट में
संवाद सहयोगी संडेबाजार (बेरमो) सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की बोकारो कोलियरी अंतर्गत चार नंबर जरीडीह में चालीस घर आग की चपेट में आ गए जिन्हें बचाने के लिए अग्निशमन दस्ता डटा हुआ है।
संवाद सहयोगी, संडेबाजार (बेरमो) : सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की बोकारो कोलियरी अंतर्गत चार नंबर जरीडीह मोड़ के समीप के तीस-चालीस घर भूमिगत आग की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए गुरुवार की देर रात तेनुघाट से अग्निशमन दस्ते ने पहुंचकर भूमिगत आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। यह इलाका आग की चपेट में पिछले कई माह से है। शुरुआत में सिर्फ धुआं सुलग रहा था, लेकिन कुछ ही दिनों बाद आग की लपटें भी उठने लगीं। इसके बावजूद परियोजना प्रबंधन की ओर से आग पर काबू पाने के लिए कोई पहल नहीं की गई। आसपास के घरों के भी आग की चपेट में आ जाने का खतरा जब उत्पन्न हो गया, तब स्थानीय लोगों ने गांधीनगर थाना को सूचना दी। थाना प्रभारी दानिश इकबाल ने तेनुघाट से अग्निशमन दस्ते को बुलवाकर आग पर काबू करने को लगाया। तेनुघाट से आए अग्निशमन दस्ते के प्रभारी रमेश सिंह ने बताया कि यहां जमीन के अंदर आग इस कदर फैली हुई है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। आसपास के घर जमींदोज हो सकते हैं। इस आग को तुरंत पूरी तरह काबू कर पाना संभव नहीं है। प्रयास किया जा रहा है कि आग की लपटों को समेटा जा सके, ताकि आसपास के घरों को चपेट से बचाया जा सके। जब देर रात जरीडीह मोड़ के निकट दमकल की गाड़ी आग बुझाने पहुंची, तब आसपास के क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। आग को काबू किया जाना जब शुरू किया गया, तब वहां लोगों का हुजूम जमा हो गया। लोगों को गांधीनगर थाना के एएसआइ सिदन हांसदा एवं संजय सिंह ने पुलिस बल के साथ नियंत्रित कर अग्नि प्रभावित क्षेत्र से दूर रखा स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां बोकारो कोलियरी के शिफ्टिग क्षेत्र के लोगों को बसाया गया है।भूमिगत आग के कारण यहां रहना दूभर हो गया है। कई बार बोकारो कोलियरी के परियोजना पदाधिकारी राजीव कुमार सिंह को आग लगने की बात बताई गई, लेकिन उन्होंने गंभीरता से नहीं लिया। हालांकि यहां मौजूद रिजेक्ट कोल में आग कई माह पूर्व में ही लगी थी, जिससे लोगों को एक सप्ताह से जहरीली गैस उत्पन्न होने से घुटन महसूस हो रही थी। रिजेक्ट कोल में आग कैसे लगी, पता नहीं चल पाया है।यहां आग को काबू करने में अग्निशमन दस्ते के शशिभूषण साहा, विकास कुमार, रमेश उरांव आदि जुटे हुए हैं।