मजदूरों व विस्थापितों को हक दिलाने को लड़ी जा रही लड़ाई

जासं करगली (बेरमो) जनता मजदूर संघ (जमसं) के बैनर तले मजदूरों एवं विस्थापितों ने मंगलवार को करगली गेट से जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया गया।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 28 Jul 2021 01:23 AM (IST) Updated:Wed, 28 Jul 2021 01:23 AM (IST)
मजदूरों व विस्थापितों को हक दिलाने को लड़ी जा रही लड़ाई
मजदूरों व विस्थापितों को हक दिलाने को लड़ी जा रही लड़ाई

जासं, करगली (बेरमो): जनता मजदूर संघ (जमसं) के बैनर तले मजदूरों एवं विस्थापितों ने मंगलवार को करगली गेट से जुलूस निकालकर सीसीएल बीएंडके महाप्रबंधक कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। नेतृत्व जमसं के क्षेत्रीय सचिव ओमप्रकाश सिंह उर्फ टीनू सिंह कर रहे थे। उन्होंने प्रबंधन को 10 सूत्री मांगपत्र सौंपते हुए कहा कि यदि 15 दिन के अंदर मांगों का निराकरण करने की दिशा में सकारात्मक पहल नहीं की जाएगी, तो पूरे बीएंडके एरिया में चक्काजाम आंदोलन किया जाएगा। जनता मजदूर संघ की पहचान मजदूरों के हित में आंदोलन करने वाली यूनियन के रूप में शुरू से ही रही है। यह यूनियन संगठित व असंगठित श्रमिकों को भी वाजिब अधिकार दिलाने को संघर्षरत है। मजदूरों के साथ ही, विस्थापितों को भी हक दिलाने को लड़ाई लड़ी जा रही है। सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र प्रबंधन मजदूरों एवं विस्थापितों को वाजिब अधिकारों एवं सुविधाओं से वंचित कर अन्याय कर रहा है, जो बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कोल माइंस में सुरक्षा व्यवस्था के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है। आवश्यक सुरक्षा उपकरणों के बिना ही कामगारों को खदान में काम करने को विवश किया जा रहा है, जिससे हादसे की चपेट में आने का खतरा बना रहता है। सुरक्षा मानकों को ताख पर रखकर मुख्य सड़क, कालोनी एवं व्यापारिक प्रतिष्ठानों से मात्र कुछ मीटर दूरी पर ही कोयला खनन कराने के लिए भारी मशीन लगाए जाने के साथ ही हैवी ब्लास्टिग भी कराई जा रही है, जो आसपास की आबादी के लिए बेहद खतरनाक है। बीएंडके एरिया में चिकित्सा व्यवस्था काफी लचर है। सिर्फ नर्स के भरोसे डिस्पेंसरी संचालित किए जा रहे हैं। बेहतर चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने के कारण कामगारों को बोकारो व धनबाद जाने को विवश होना पड़ता है। सीसीएल प्रबंधन की ओर से एक साजिश के तहत श्रमिक प्रतिनिधियों का तबादला कर दिया जाता है। उनमें वैसे मजदूर भी शामिल हैं, जिनका स्थानांतरण वर्ष 2018, 2019 व 2020 में भी हो चुका है। प्रबंधन की यह मनमानी नहीं चलने दी जाएगी।

-ठेका मजदूरों को दिया जाए वाजिब वेतन व सुविधा : जमसं के क्षेत्रीय सचिव सिंह ने कहा कि आउटसोर्सिंग कंपनियों में काम करने वाले ठेका मजदूरों को कोल इंडिया की हाई पावर कमेटी के निर्देशानुसार वाजिब वेतन व सुविधा दी जाए। कोलियरियों के मजदूर कोरोनाकाल में भी अपनी जान को जोखिम में डालकर राष्ट्रहित के लिए कोयला उत्पादन कर रहे हैं। इसके बावजूद सुविधाओं में दिनों दिन कटौती की जा रही है। बीएंडके प्रक्षेत्र में कायाकल्प योजना के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। श्रमिकों को कायाकल्प योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। अधिकतर मजदूर जर्जर आवास में रहने को विवश हैं। बाथरूम व शौचालय में दरवाजे के स्थान पर बोरे का पर्दा लगाकर उपयोग करने को विवश हो रहे हैं।

-विस्थापितों को आउटसोर्सिंग में दिया जाए नियोजन : श्रमिक नेता संतोष कुमार ने कहा कि कोनार-खासमहल परियोजना के विस्तार के लिए कुरपनिया एवं बरवाबेड़ा के ग्रामीणों की जमीन अधिगृहित की गई है, लेकिन उन लोगों को अब तक नियोजन, मुआवजा व पुनर्वास की सुविधा नहीं दी गई है। विस्थापित परिवार के सदस्यों को आउटसोर्सिंग कंपनी में नियोजन दिया जाए। साथ ही, कोयला की लोकल सेल को नियमित रूप से संचालित कराया जाए। मौके पर राजेश नायक, भरत प्रसाद, शिबू डे, कमलेश प्रसाद, खुर्शीद अख्तर, श्यामनारायण सतनामी, गुलाम जिलानी, गणेश महतो, मो. इस्लाम, मो. जाफर, मो. इसरार, फिरोज खान, मो. समीरुद्दीन, चुन्नू, मो. शहनवाज, अब्दुल जलील, फिरोज मलिक, राजा बाबू, हरिलाल, चिता प्रसाद, शांति बाई, मीरा देवी, लक्ष्मीनिया कामिन, मो. असलम, अहमद हुसैन आदि मौजूद थे।

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