आज से कार्यकारी समितियां भंग, मनरेगा का भुगतान करेंगे बीडीओ व बीपीओ

जागरण संवाददाता बहादुरपुर /बोकारो बोकारो जिले में कार्यरत त्रिस्तरीय पंचायती राज्य संस्थाअेा के विकल्प के रूप में कार्यरत कार्य समितियां आज से भंग हो जाएंगी।

By JagranEdited By: Publish:Tue, 27 Jul 2021 12:46 AM (IST) Updated:Tue, 27 Jul 2021 12:46 AM (IST)
आज से कार्यकारी समितियां भंग, मनरेगा का भुगतान करेंगे बीडीओ व बीपीओ
आज से कार्यकारी समितियां भंग, मनरेगा का भुगतान करेंगे बीडीओ व बीपीओ

जागरण संवाददाता, बहादुरपुर /बोकारो: बोकारो जिले में कार्यरत त्रिस्तरीय पंचायती राज्य संस्थाओं के विकल्प के रूप में कार्यरत कार्यकारी समितियां आज से भंग हो जाएंगी। कोरोना के कारण झारखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव नहीं हो सका था। लिहाजा, राज्य सरकार ने पंचायत प्रतिनिधि को ही कार्यकारी समिति का प्रधान बनाते हुए कार्यकाल छह माह तक बढ़ा दिया था और कार्यकारी समितियां बनाई थीं। इस समिति में मुखिया को पंचायत के प्रधान के रूप में मान्यता दी गई थी। उसे वित्तीय शक्ति भी प्रदान की गई थी, लेकिन छह माह का कार्यकाल पूरा होने के बाद राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं की कार्यकारी समितियों को विघटित कर दिया।

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डीसी ने जारी किया आदेश आज से बीडीओ करेंगे मनरेगा का भुगतान : इस संबंध में बोकारो के उपायुक्त ने जिले के उपविकास आयुक्त सह मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी जिला परिषद और सभी बीडीओ को पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया है कि झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की धारा 24(4) (ग्राम पंचातय के संदर्भ में) धारा 42(4) (पंचायत समिति के संदर्भ में) और 57(4) (जिला परिषद के संदर्भ में) के तहत उसके विघटन के पश्चात कार्य संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए झारखंड पंचायत राज अधिनियम 2001 की धारा 107 (3) द्वारा दी गयी शक्तियों का उपयोग करते हुए कार्यकारी समिति का गठन किया गया था। बताया गया कि तीनों स्तर के विघटन के बाद गठित कार्यकारी समिति अपने गठन की तिथि से अधिकतम छह माह की अवधि पूर्ण होने की तिथि 27 जुलाई को स्वत: विघटित समझी जाएगी। विघटन की तिथि से निर्वाचित पदधारकों के पद रिक्त समझे जाएंगे। तीनों स्तर से प्रधान 27 जुलाई 2021 से भुगतान से संबंधित किसी प्रकार का हस्ताक्षर डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग नहीं करेंगे और न ही वित्तीय आदेश पारित करेंगे। यदि कार्यकाल समाप्त होने के उपरांत डिजिटल हस्ताक्षर का प्रयोग किया जाता है तो उसकी पूरी जवाबदेही संबंधित तीनों स्तर के प्रधान और कार्यकारिणी समिति की होगी

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कैबिनेट की बैठक के बाद आ सकता है नया आदेश : इधर पंचायत अधिनियम में संशोधन के बाद 27 जुलाई को होने वाली राज्य कैबिनेट की बैठक के बाद नया आदेश जारी कर फिर से त्रिस्तरीय समितियों को अधिकार दिए जाने की संभावना है। इसी के निमित 16 जुलाई राज्य सरकार के विधि विभाग में कोरोना महामारी का हवाला देते हुए झारखंड पंचायती राज अधिनियम 2001 से संबंधित संशोधन अध्यादेश जारी कर दिया है। सरकार के जारी अध्यादेश में पंचायती राज अधिनियम की धारा 24 की उप धारा चार के बाद नई उप धारा पांच को जोड़ा गया है, जिसके तहत महामारी जिसमें ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन के लिए निर्वाचन संपन्न कराना संभव न हो तो राज्य सरकार उस ग्राम पंचायत के संबंध में छह माह से अधिक अथवा आगामी निर्वाचन पूर्ण होने तक की अवधि के लिए निर्णय ले सकेगी। इसी प्रकार धारा 42 और धारा 57 में एक-एक उपबंध जोड़े गए हैं। पंचायती राज अधिनियम की धारा 107 के बाद उपबंध 6 जोड़ा गया है। --- बोकारो में पंचायत प्रतिनिधियों से संबंधित आंकड़े

क्रम संख्या--प्रखंड --जिप सदस्य --पंसस --मुखिया- वार्ड सदस्य -- कुल

1. गोमिया--5-46-36--36-462-549

2. बेरमो -2--20-19--201--242

3. नावाडीह--3--28--24--275--330

4. चंद्रपुरा --3--26--23--265--317

5. पेटरवार ---3--26--23--264--316

6. कसमार---2--18---15--182--217

7. जरीडीह--2--21--17--210--250

8. चास--6--63--54--636--759

9. चंदनकियारी---5--46--38--463--552

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कुल -- 31 --294--249--2958--3532

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