इंजीनियर बनना चाहते डीपीएस के ओम शांडिल्य

जागरण संवाददाता बोकारो कठिन परिश्रम व लगन से दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो के ओम शांडिल्य क

By JagranEdited By: Publish:Fri, 30 Jul 2021 09:33 PM (IST) Updated:Fri, 30 Jul 2021 09:33 PM (IST)
इंजीनियर बनना चाहते डीपीएस के ओम शांडिल्य
इंजीनियर बनना चाहते डीपीएस के ओम शांडिल्य

जागरण संवाददाता, बोकारो: कठिन परिश्रम व लगन से दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो के ओम शांडिल्य के हाथ सफलता लगी। इसने सीबीएसई बारहवीं विज्ञान संकाय में 98.8 फीसद अंक हासिल कर बोकारो में तीसरा स्थान हासिल किया। इसने अंग्रेजी में 98, गणित में 97, भौतिकी में 99, रसायन में 98 व फिजिकल एजुकेशन में 99 अंक हासिल किया। इसके पिता ब्रजेश ठाकुर झासुगोड़ा, ओडिशा में निजी कंपनी में इंजीनियर हैं। मां नीलू ठाकुर व्यवसायी हैं। वह इंजीनियर बन कर देश की सेवा करना चाहता है। इसलिए इस दिशा में कठिन परिश्रम करता है। ओम ने कहा कि कोरोना काल में आनलाइन शिक्षा नया अनुभव था। लेकिन परिस्थिति के अनुरुप अपने को ढ़ाल कर नियमित रूप से अध्ययन किया। शिक्षकों के कुशल मार्गदर्शन का भी लाभ मिला। इंजीनियर बनना चाहती डीपीएस की अमीषा सिंह

बोकारो: दिल्ली पब्लिक स्कूल बोकारो की अमीषा सिंह ने सीबीएसई बारहवीं विज्ञान संकाय की परीक्षा में 98.8 फीसद अंक हासिल कर बोकारो में तीसरा स्थान हासिल किया। इसने अंग्रेजी में 99, गणित में 98, भौतिकी में 99, रसायन में 98, फिजिकल एजुकेशन में 98 व पेंटिग में 100 अंक हासिल किया। इसके पिता सेक्टर 12 निवासी अनुज कुमार सिंह इंजीनियर एवं माता पुष्पलता कुमारी गृहिणी हैं। वह इंजीनियर बन कर देश की सेवा करना चाहती है। इसलिए कठिन परिश्रम कर रही है। अमीषा ने कहा कि कोरोना काल में शिक्षकों ने काफी सहयोग किया। शिक्षकों ने शंका का समाधान किया। वह प्रतिदिन आठ से नौ घंटे अध्ययन करती है। आइएएस अधिकारी बनना चाहती श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल की अनन्या

बोकारो : श्री अयप्पा पब्लिक स्कूल की अनन्या कुमारी ने कठिन परिश्रम व लगन से मंजिल की ओर कदम आगे बढ़ाया। इसने सीबीएसई बारहवीं विज्ञान संकाय की परीक्षा में 97 फीसद अंक हासिल कर विद्यालय टापर बनने का गौरव हासिल किया। इसने अंग्रेजी में 98, हिदी में 94, गणित में 97, भौतिकी में 96 व रसायन में 97 अंक हासिल किया। इसके पिता चास निवासी देवकांत तिवारी पत्रकार हैं। मां आभा तिवारी शिक्षिका हैं। अनन्या आइएएस अधिकारी बनकर देश की सेवा करना चाहती है। इसलिए लक्ष्य निर्धारित कर कठिन परिश्रम कर रही है। अनन्या ने कहा कि कोरोना काल में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। लेकिन परिस्थिति के अनुरुप अपने को तैयार किया। नियमित सात से आठ घंटे अध्ययन करती हूं। अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता व शिक्षकों को दिया।

chat bot
आपका साथी