रखरखाव के अभाव में पेयजलापूर्ति योजना ने तोड़ा दम
जैनामोड़ जरीडीह प्रखंड के गांववासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए सोलर युक्त योज
जैनामोड़ : जरीडीह प्रखंड के गांववासियों को शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए सोलर युक्त योजना लागू की गई थी। 14वें वित्त मद से लाखों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन यह योजना लाभप्रद नहीं हो सकी। वजह लापरवाही बनी। कमीशनखोरी के लिए बड़े जोर-शोर के साथ योजना लाई गई थी। रखरखाव का ध्यान नहीं रखा गया। लिहाजा, डेढ़ वर्ष से यह बेकार पड़ी है।
यह वाकया जरीडीह प्रखंड के खुंटरी पंचायत के निर्मलडीह गांव का है। गांव में प्राचीन शिव मंदिर परिसर स्थित सोलर युक्त पेयजलापूर्ति योजना रखरखाव के अभाव में किसी काम की नहीं रही। करीब डेढ़ साल से इस योजना से पेयजलापूर्ति बाधित है। बावजूद इसके मरम्मत के लिए कोई जिम्मेवार सुध नहीं ले रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गांव में हैंडपंप ही सोलर जलापूर्ति योजना से बेहतर था। कम से कम हैंडपंप से ग्रामीणों को पानी तो मिलता था। अब तो हैंडपंप को खोलकर जलापूर्ति योजना का मोटर लगा दिया गया है। बाकी गांव के सभी हैंडपंप खराब पड़े हुए हैं। इससे लोगों को एक बूंद भी पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। कहा कि पेयजल सुविधा के उद्देश्य से भले ही सोलर जलापूर्ति योजना की शुरुआत की गई, लेकिन कहीं भी सरकार के मानक के अनुरूप काम नहीं किया गया। संवेदक द्वारा गुणवत्ता हीन सामान लगाकर योजना को पूर्ण कर दिया गया। ऐसे में अब गांव के लोगों को पेयजल को लेकर इधर-उधर भटकना पड़ता है।
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वर्जन ::
ग्रामीणों की सुविधा को ध्यान में रखकर सरकार ने शुद्ध पेयजल मुहैया करवाने के लिए सोलर संचालित पेयजलापूर्ति योजना को धरातल पर उतारा। रखरखाव के लिए कोई फंड की व्यवस्था नहीं की गई। लिहाजा, योजनाएं फेल होती चली गई। प्रचंड गर्मी तथा गिरते जलस्तर को लेकर ग्रामीण पेयजल की समस्या से परेशान हैं। विभागीय अधिकारियों को इसे गंभीरता से लेते हुए इस दिशा में पहल करने की जरूरत है।
लीलावती देवी, प्रधान, खुंटरी पंचायत।