परेशान न हो बाहर में नहीं मिलेगी रेमडेसिविर की सुई

जागरण संवाददाता बोकारो कोरोना वायरस के संक्रमण केतेजी से बढ़ने के बाद जिस दवा की सब

By JagranEdited By: Publish:Fri, 07 May 2021 09:42 PM (IST) Updated:Fri, 07 May 2021 09:42 PM (IST)
परेशान न हो बाहर में नहीं मिलेगी रेमडेसिविर की सुई
परेशान न हो बाहर में नहीं मिलेगी रेमडेसिविर की सुई

जागरण संवाददाता, बोकारो : कोरोना वायरस के संक्रमण केतेजी से बढ़ने के बाद जिस दवा की सबसे अधिक चर्चा हो रही है, वह रेमडेसिविर है। जरूरत के अनुरूप इसकी उपलब्धता की भी वही स्थिति है, जो ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की है। पर खास बात यह ध्यान देने की है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन बाजार में उपलब्ध नहीं है। यदि कोई देने की बात करता है तो वह सही इंजेक्शन नहीं दे सकता है। चूंकि जो भी स्टॉक है वह स्वास्थ्य विभाग के पास ही है। केंद्र के निर्देश पर राज्य सरकार ने कालाबाजारी रोकने के लिए रेमडेसिविर की दवा दुकानों में खुली बिक्री पर रोक लगा दी है। राज्य सरकार से स्वास्थ्य विभाग रेमडेसिविर स्वयं चिकित्सक के अनुशंसा पर मरीज के परिजन को उपलब्ध करा रहा है।

इस संबंध में कोविड-19 के नोडल पदाधिकारी डॉ. एनपी सिंह ने कहा कि अभी तक रेमडेसिविर की कालाबाजारी से संबंधित कोई मामला सामाने नहीं है। कोरोना संक्रमित मरीज का इलाज कर रहे निजी अस्पताल के संचालक की मांग पर उन्हें रेमडेसिविर उपलब्ध कराया जाता है। अगर किसी कोरोना संक्रमित मरीजों को रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के लिए पैसे की मांग की जाती है तो अस्पताल संचालक के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। डॉ. सिंह ने बताया कि रेमडेसिविर एक एंटीवायरल दवा है, जिसका एक दशक पहले हेपेटाइटिस 'सी' और सांस संबंधी बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल किया जाता था। वर्तमान में इसका इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। फिलहाल, देश में सात कंपनियां सिपला, जाइडस कैडिला, हेटेरो, माइलैन, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज, डॉ. रेड्डीज, सन फार्मा रेमडेसिविर का उत्पादन करती हैं।

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