केंद्र सरकार के विरोध में साथ आई भाकपा माले व मासस

बोकारो केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय रविवार

By JagranEdited By: Publish:Sun, 28 Nov 2021 08:09 PM (IST) Updated:Sun, 28 Nov 2021 08:09 PM (IST)
केंद्र सरकार के विरोध में साथ आई भाकपा माले व मासस
केंद्र सरकार के विरोध में साथ आई भाकपा माले व मासस

बोकारो : केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ एकजुट होकर आंदोलन करने का निर्णय रविवार को भाकपा-माले और मासस की उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। बैठक सीएसडब्ल्यू के केंद्रीय कार्यालय बोकारो में हुई। भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा कि दोनों पार्टियों की एकता मोदी सरकार के फासीवादी हमलों के खिलाफ जरूरी कदम है। दोनों दलों के एक साथ आने से वामपंथी आंदोलन को मजबूती मिलेगी। जन विरोधी केंद्र सरकार को उखाड़ फेंकने की जरूरत है। किसान आंदोलन की ऐतिहासिक जीत के लिए किसानों को बधाई देते हुए झारखंड में किसान आंदोलन के विस्तार एवं झारखंड के संसाधनों की रक्षा का संकल्प लिया गया। बैठक की अध्यक्षता मासस के केंद्रीय अध्यक्ष आनंद महतो ने की। बैठक के दौरान जेपीएससी में गड़बड़ियों की जांच, रिक्त पदों पर अविलंब नियुक्तियों और पारा शिक्षकों समेत तमाम अनुबंध कर्मियों के स्थायीकरण की मांग के लिए 20 दिसंबर को विधानसभा सत्र के दौरान कार्यक्रम करने का फैसला लिया गया। भाकपा माले और मासस की ओर से संचालित संयुक्त कार्यक्रमों की समीक्षा की गई। इन कार्यक्रमों में कतारों की भागीदारी को उत्साहजनक माना गया। आजादी के 75 वें वर्षगांठ के अवसर पर जनवरी में मासस और भाकपा-माले द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास पर संयुक्त वर्कशाप के आयोजन का भी फैसला किया गया है। दोनों राजनीतिक पार्टियों ने असंगठित मजदूरों और सेल कर्मियों के संगठनों को संचालित करने का भी निर्णय लिया है। बैठक में भाकपा माले विधायक विनोद सिंह, मासस के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी, मासस महासचिव हलधर महतो, माले के राज्य सचिव मनोज भगत, भाकपा-माले पोलित ब्यूरो सदस्य जनार्दन प्रसाद, भाकपा माले के राज्य कमेटी सदस्य देवदीप सिंह दिवाकर, मासस के बोकारो जिला अध्यक्ष दिलीप तिवारी आदि मौजूद थे।

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