कोरोना काल है साहब, अभी हमारे गांव मत आइए

बोकारो कोरोना से बचना है तो बाहरी लोगों से शारीरिक दूरी बनाइए। इस मूल वाक्य को चास

By JagranEdited By: Publish:Fri, 14 May 2021 12:13 AM (IST) Updated:Fri, 14 May 2021 12:13 AM (IST)
कोरोना काल है साहब, अभी हमारे गांव मत आइए
कोरोना काल है साहब, अभी हमारे गांव मत आइए

बोकारो : कोरोना से बचना है तो बाहरी लोगों से शारीरिक दूरी बनाइए। इस मूल वाक्य को चास प्रखंड की चाकुलिया पंचायत मधुटांड़ टोले के ग्रामीणों ने जिंदगी में उतार लिया है। इस गांव में कोरोना को लेकर कोई शोर-शराबा नहीं है। बस शहर व बाहर के लोगों से ग्रामीण दूरी बनाए हैं। यहां तक कि अपने रिश्तेदारों से भी कह दिया है कि कोरोना की दूसरी लहर खत्म होने पर ही आएं, अभी मिलने भी हमारे गांव मत आएं। फेरी वालों को भी गांव में न आने की ताकीद की है।

चास से करीब 12 किमी दूर इस गांव के दास टोला में अधिसंख्य दिहाड़ी मजदूर हैं। महिलाएं भी काम पर जाती थी। मगर एक साल से सब गड़बड़ चल रहा है। कोटा से मिले चावल व कभी-कभार मिलने वाले काम से गुजर बसर होती है। गांव के लोगों को लॉकडाउन हटने का इंतजार है। गांव में दुर्गा चरण दास दूरी बनाकर कुछ पड़ोसियों के साथ बैठे हैं। बोले साहब गांव में कोरोना टेस्टिग और ट्रेसिंग की क्या बात करते हैं, यहां यहां न टेस्ट होता है, न ट्रेसिंग। हम लोगों के पास काम नहीं है इसलिए सब घर में ही रेस्ट कर रहे हैं। गांव में बाहरी लोगों का प्रवेश वर्जित है। कुछ लोग झाड़-फूंक करते थे। उनका काम भी बंद करा दिया है ताकि कोई बाहर से उनके यहां पूजा कराने न आए। उन्होंने बताया कि किसी को कोरोना है या नहीं पता नहीं। पहले की तरह मौसम बदला है तो सर्दी, बुखार के मरीज तो हर घर में एक दो मिलेंगे ही। उनका इलाज करने वाला कोई सरकारी डॉक्टर तो है नहीं बस गांव के डॉक्टर दवा देते हैं। उससे ठीक भी हो जाते हैं। हम ज्यादा तो कुछ जानते नहीं बस दूरी रखनी है इसका ही पालन कर रहे हैं। बाहर भी आते जाते नहीं। गांव में शिविर लगा था तो 45 साल से अधिक के अधिसंख्य लोगों ने टीका का पहला डोल ले लिया है। दूसरे का इंतजार है। हालांकि गांव में लोग मास्क नहीं लगा रहे इस पर कई ग्रामीणों का कहना था कि साहब हम तो दूरी बनाकर रखे हैं। मास्क कहां तक लगाएं। फिर गांव से बाहर तो जाते नहीं। संक्रमित मरीजों की संख्या में 30 फीसद गांव के : आंकड़ों के मुताबिक कुल संक्रमित मरीज जो मिल रहे उसमें 70 प्रतिशत शहर, 30 प्रतिशत गांव के हैं।

बोकारो जिले का हाल यह है कि हर दिन संक्रमण की जो रिपोर्ट आती है उसमें से 50 प्रतिशत बोकारो स्टील सिटी के होते हैं, वहीं 20 प्रतिशत में चास नगर निगम, फुसरो नगर निगम, क्षेत्र के होते हैं। 30 प्रतिशत में ग्रामीण इलाके के लोग हैं। जान गंवाने वालों में 90 प्रतिशत शहरी क्षेत्र के लोग हैं। साहब यहां स्वास्थ्य व्यवस्था तो ध्वस्त है : गांव के दुर्गा चरण रजक कहते हैं कि इस दूसरी लहर में सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था तो ध्वस्त है। हमारे गांव में कोई भी स्वास्थ्य कर्मी बीमार लोगों के बारे में पूछताछ को नहीं आया। हर परिवार में एक से दो आदमी सर्दी खांसी से ग्रसित हैं। ग्रामीण डॉक्टरों के भरोसे लोग ठीक हो रहे हैं। शीतल देवी का कहना था कि एक साल से काम छोड़कर बैठी हुई हैं। घर में काम करती थी तो मालिक ने मना कर दिया। गौतम कुमार, तारापद दास को भी कोरोना काल में व्यवस्था से शिकायत है।

दिनांक---शहरी--ग्रामीण - कुल

12 मई : 90--52 -142 - 294

11 मई : 168--126 -294

10 मई : 420-203 - 623

09 मई : 136-56-192

08 मई : - 563-166-729

------------------------

कुल शहरी : 1377-603-1980

chat bot
आपका साथी