सजगता से कोरोना बेदम, अस्पतालों में बेड खाली
बोकारो स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के साथ लोगों में जागरूकता के कारण जिले में जहां कोरोना निय
बोकारो : स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के साथ लोगों में जागरूकता के कारण जिले में जहां कोरोना नियंत्रण में है। मरीजों की संख्या में भी भारी कमी आई है। जिला स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के अनुसार फिलहाल जिले में किसी भी निजी नर्सिंग होम ऑक्सीजन सपोर्ट पर कोई भी मरीज भर्ती नहीं है। खास बात यह है कि ऑक्सीजन पाइप लाइन सपोर्ट पर आधारित मात्र 15 मरीज है, जो स्वास्थ्य विभाग और बोकारो जनरल अस्पताल में हैं। उनमें से कुछ कोरोना के है तो कुछ निगेटिव होने के बाद भी अपना इलाज करा रहे हैं । फिलहाल ऑक्सीजन कंसंट्रेटर सांस से संबंधित बीमारी वाले मरीजों को स्वच्छ हवा देने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।
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सरकारी सिस्टम पर बढ़ा भरोसा : कोरोना की दूसरी लहर में लगभग 13 हजार लोग कोरोना पॉजिटिव हुए। इनमें से आठ हजार लोगों ने अपना इलाज घर में ही रहकर करा लिया। लगभग 3000 हजार लोगों का इलाज बोकारो जनरल अस्पताल, सदर अस्पताल व सरकार के अन्य कोविड केयर सेंटर में हुआ, जहां उन्हें एक रुपये नहीं लगा। वहीं एक-एक निजी नर्सिंग होम संचालक ने एक मरीज से हजारों रुपये इलाज का खर्च वसूल किया। यही वजह है कि लोगों का भरोसा सरकारी सिस्टम पर बढ़ा है। अब लोग थोड़ी बहुत परेशानी झेलकर भी सरकारी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।
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निजी अस्पतालों में मरीज नदारद : बोकारो के निजी अस्पताल में 582 सामान्य श्रेणी के बेड जिसमें मात्र एक मरीज इलाजरत है, वहीं ऑक्सीजन सिलिंडर वाले 149 बेड पर कोई भी मरीज नहीं है। पाइप लाइन ऑक्सीजन सपोर्टेड 164 बेड पर एक भी मरीज नहीं है। यही नहीं वेंटिलेटर पर भी कोई मरीज भर्ती नहीं है।
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निजी नर्सिंग होम में बेड की स्थिति
बेड का प्रकार - कुल बेड - मरीज
सामान्य बेड : 582 --01
ऑक्सीजन सपोर्टेंड : 303 --00
वेंटिलेटर व अन्य बेड : 32 --00
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सरकारी अस्पताल में बेड की स्थिति
बेड का प्रकार - कुल बेड - मरीज
सामान्य बेड : 715 --22
ऑक्सीजन सपोर्टेंड : 320 --15
वेंटिलेटर व अन्य बेड : 164 --86