दो साल में स्वच्छ से नरक शहर बना चास

जागरण संवाददाता बोकारो वर्ष 2018 में जब देश स्तर पर स्वच्छ शहर का अवार्ड मिला था तो तत्काल अधिकारियों ने शाबाशी ली।

By JagranEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 01:22 AM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 01:22 AM (IST)
दो साल में स्वच्छ से नरक शहर बना चास
दो साल में स्वच्छ से नरक शहर बना चास

जागरण संवाददाता, बोकारो: वर्ष 2018 में जब देश स्तर पर स्वच्छ शहर का अवार्ड मिला था, तो तत्कालीन मेयर से लेकर सीएम तक यह कहने से नहीं इतराते नहीं थे कि चास सबसे साफ-सुंदर है। पर यह सफाई केवल मुख्य सड़क की हुई। अवॉर्ड मिलने के गुमान में नगर निगम इस कदर नकारा हो चला कि महज दो वर्षो में यह नरक शहर बन चुका है। इसका सच मंगलवार को हुई मूसलधार बारिश में गंदगी से जाम नालियों से उफन कर सड़क पर आ गया। कई इलाकों में तो सेफ्टी टैंक से गंदगी बाहर आकर सड़क पर बहने लगी। यही स्थिति कैलाश नगर, रामनगर, चीरा चास सहित कई इलाकों में नाली नहीं होने या नालियों की सफाई नहीं होने के कारण नरकीय स्थिति उत्पन्न हो गई है।

नगर निगम बीते पांच वर्ष से सिवरेज का सिस्टम बना रहा है। कागज पर नाली बन रही है, सफाई हो रही है, इस बीच जनता परेशान है। लोगों का कहना है कि बीते एक वर्ष से नगर निगम का चुनाव नहीं हुआ। वर्तमान अधिकारी तीन माह पूर्व में आए हैं और बीच के समय में कुछ भी काम नहीं हुआ। इसलिए स्थिति बेहद खराब हो चुकी है।

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बोकारो शहर की स्थिति हो गई है बदतर : चास के अलावा इस्पात नगरी की भी स्थिति खराब हो गई है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम फेल होने की वजह से बोकारो के मुख्य बाजार सिटी सेंटर पूरी तरह से जलमग्न रहा, जिसकी वजह से दुकानदार सहित ग्राहकों को काफी परेशानी हुई। सेक्टर-नौ, सेक्टर तीन, सेक्टर-दो में जहां तहां लोग घरों से पानी बाहर फेंकते दिखे। यहां तो सबकुछ व्यवस्थित होने के बाद भी लोगों ने आवास के बाहर नालियों पर घर बना लिया है।

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