उपचार के अभाव में सीसीएलकर्मी की मौत, हंगामा
करगली (बेरमो) सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी में समुचित उपचार के अभाव में 53 वर्षीय सीसीएलक
करगली (बेरमो): सीसीएल के केंद्रीय अस्पताल ढोरी में समुचित उपचार के अभाव में 53 वर्षीय सीसीएलकर्मी नरेंद्र प्रसाद की मौत के बाद रविवार को काफी हंगामा हुआ। स्वजनों ने डॉ. एसके भारती को बर्खास्त करने की मांग करते हुए बवाल किया। साथ ही, चिकित्सकों व सीआइएसएफ जवानों के साथ नोकझोंक भी की। फील्डक्वारी सुभाषनगर निवासी नरेंद्र प्रसाद सीसीएल की करगली कोलियरी के सिविल विभाग में ड्राइवर के रूप में कार्य करते थे। इलाज के दौरान उनकी मौत के बाद स्वजनों ने जब डॉ. एसके भारती के अस्पताल से बाहर निकलने पर रोक लगा दी, तब अस्पताल प्रबंधन की ओर से बेरमो थाना एवं सीआइएसएफ को सूचना दी गई। पुलिस व सीआइएसएफ के जवानों ने अस्पताल पहुंचकर स्वजनों को शांत कराया। उस दौरान डॉ. भारती अपने आवास जाने के लिए अस्पताल से निकले तो स्वजनों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उन्हें वापस अस्पताल जाने को मजबूर कर दिया।
मृतक के पुत्र अमन कुमार ने बताया कि पिताजी को दस्त व उल्टी होने पर तड़के 4:30 बजे अस्पताल लाए थे, लेकिन कोई डॉक्टर मौजूद नहीं थे। ड्रेसिग रूम से डॉ. भारती को फोन किया गया तो उन्होंने नर्स को कुछ निर्देश दिया, लेकिन वह खुद नहीं आए। पिता की स्थिति बिगड़ने पर पुन: डॉ. भारती से फोन पर बात की तो उन्होंने चिट्ठा लेकर घर बुलाया। उन्होंने कुछ दवाएं लिखकर अस्पताल भेज दिया। जब स्थिति अत्यधिक बिगड़ गई तब डॉ. भारती सुबह 6:30 बजे के बाद अस्पताल पहुंचे। उन्होंने नब्ज देखते हुए मृत घोषित कर दिया। स्वजनों का कहना था कि डॉ. भारती की लापरवाही से सीसीएलकर्मी की मौत हुई है। इसलिए सीसीएल प्रबंधन उन्हें बर्खास्त करे और मृतक के आश्रित को तत्काल नियोजन दिया जाए। कुछ देर बाद यूनियन नेता जगरनाथ राम, मधु पासवान व रामू दिगार सहित अनिल रवानी, गणेशलाल पातर आदि पहुंचे। मृतक के आश्रित को नियोजन देने के संदर्भ में यूनियन नेता जगरनाथ राम ने महाप्रबंधक से फोन पर बात की, तो उन्होंने आश्वासन दिया कि सीसीएल के नियमानुसार नियोजन दिया जाएगा। उसके बाद स्वजन शव लेकर अपने आवास चले गए।
वर्जन
जिस मरीज की इलाज के क्रम में मौत हुई, उनकी पूर्व में ओपन हार्ट सर्जरी हो चुकी थी। डायरिया व उल्टी के कारण उनका शुगर लेवल काफी डाउन हो गया था। ऑक्सीजन लेवल भी मात्र 66 फीसद था। इसके बावजूद उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया। हार्ट पेशेंट को डायबिटीज भी रहने से सीवियर अटैक होने की संभावना ज्यादा रहती है।
- डॉ. एसके भारती, चिकित्सा पदाधिकारी, केंद्रीय अस्पताल ढोरी