SAIL: बोकारो इस्पात संयंत्र का होगा विस्तार, 19 गांवों को खाली कराने की तैयारी शुरू

19 विस्थापित गांवों के अधिग्रहित गृह प्रखंड के 773.43 एकड़ भूमि है। इस भूमि के अधिग्रहण के बावजूद बोकारो स्टील की उस वक्त जरूरत नहीं होने के कारण खाली नहीं कराया जा सका। अब इस्पात मंत्रालय देश का इस्पात उत्पादन बढ़ाना चाहता है।

By Edited By: Publish:Wed, 23 Jun 2021 11:52 PM (IST) Updated:Thu, 24 Jun 2021 08:02 PM (IST)
SAIL: बोकारो इस्पात संयंत्र का होगा विस्तार, 19 गांवों को खाली कराने की तैयारी शुरू
सेल का बोकारो स्टील प्लांट ( फाइल फोटो)।

बोकारो, जेएनएन। स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड को हुए बंपर मुनाफे के बाद सेल में बोकारो इस्पात के विस्तार की योजना पर काम प्रारंभ हो गया है। पूर्व से प्रस्तावित 10 मिलियन टन के बजाय सेल यहां कम से कम 15 मिलियन टन के विस्तारीकरण करने का लक्ष्य को लेकर चल रहा है। इसके लिए सेल के वर्तमान परिसर के अतिरिक्त अन्य भूमिका की जरूरत होगी। भविष्य की जरूरतों को देखते हुए बोकारो इस्पात प्रबंधन ने जमीन को खाली कराने के लिए जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक की है। बैठक में दोबारा गांव के लोगों का सर्वेक्षण कराने पर सहमति बनी है। ताकि, जल्द से जल्द प्रारूप तैयार हो सके। विदित हो कि 19 विस्थापित गांवों के अधिग्रहित गृह प्रखंड के 773.43 एकड़ भूमि है। इस भूमि के अधिग्रहण के बावजूद बोकारो स्टील की उस वक्त जरूरत नहीं होने के कारण खाली नहीं कराया जा सका। अब इस्पात मंत्रालय देश का इस्पात उत्पादन बढ़ाना चाहता है। इस लक्ष्य को पूरा करने में सेल में खासकर बड़ी हिस्सेदारी बोकारो इस्पात की होगी। इस बात का जिक्र सेल ने भेजे गए पत्र में भी किया गया है।

क्या है प्रशासन व सेल के अधिकारियों का पक्ष

जिला प्रशासन का कहना है कि चूंकि इन गांवों का अधिग्रहण 1964-65 में किया गया है। तब से उनके परिवार की संख्या में कई गुणा वृद्धि हो चुकी है। वर्ष 2015 में संपदा न्यायालय ने बेदखली आदेश पारित कर दिया है। उस वक्त आठ हजार परिवार होने की संभावना व्यक्त की गई थी। इस पर निदेशक परियोजना भूमि एवं पुनर्वास ने कहा था कि 19 गांवों की आबादी का आकलन मतदाता सूची के आधार पर किया जा सकता है। इसके लिए प्रखंड विकास पदाधिकारी से पत्राचार किया जाय।

19  गांव होगा विस्थापित

गांव जमीन 1. वैधमारा 57.09 एकड़ 2. कुंडौरी 59.01 एकड़ 3. महेशपुर 54.80 एकड़ 4. कनारी 127.925 एकड़ 5. शिबुटांड 28.55 एकड़ 6. पंचौरा 83.22 एकड़ 7. कानफट्टा 11.27 एकड़ 8. महुआर 124.58 एकड़ 9. बोदरोटांड 2.4 एकड़ 10. मानगो 63.19 एकड़ 11. पीपराटांड 1.165 एकड़ 12. धनडाबरा 16. 855 एकड़ 13. उकरीद 12.46 एकड़ 14. रानीपोखर 6.38 एकड़ 15. करहरिया 1.7 एकड़ 16. बनसिमली 32.90 एकड़ 17. नरकेरा 24. 09 एकड़ 18. धर्मपुरा 3.67 एकड़ 19. जरीडीह 63.18 एकड़

स्टील क्लस्टर के लिए खाली कराए जाएंगे माराफारी के अतिक्रमित क्षेत्र

स्टील क्लस्टर के लिए प्रस्तावित भूमि के रूप में माराफारी क्षेत्र की 1400 एकड़ भूमि चिह्नित की गई है, जो कि उकरीद मोड़ से रेलवे फाटक के बीच की भूमि है, जो कि सेल की है। फिलहाल गैर विस्थापित लोग कब्जा किए हुए हैं। हालांकि इसे हटाने में सेल को कोई कानूनी अड़चन का सामना नहीं करना होगा। इस परियोजना के डीपीआर बनाने का काम पूर्व की सरकार में प्रारंभ हुआ था। पर कोरोना के कारण परियोजना पर आगे बात नहीं हो सकी है। जबकि केंद्रीय बजट में स्टील क्लस्टर को पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। संभावना है कि कोरोना की लहर कम होने के बाद इस दिशा में केंद्र व राज्य के स्तर से प्रयास हो। बोकारो में स्टील क्लस्टर की स्थापना का सपना साकार हुआ तो बोकारो का विकास देश की औद्योगिक राजधानी मुंबई की तर्ज पर हो सकेगा। इसके पीछे उद्योग विभाग के अधिकारियों का तर्क है कि स्टील क्लस्टर बनने के बाद बोकारो स्टील के उत्पादित स्टील का बोकारो में ही संव‌र्द्धन हो सकेगा। क्लस्टर में विदेशी निवेश की भी संभावना होगी।

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