सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर हो ब्लास्टिग

कोडरमा रीजन के खान सुरक्षा उपनिदेशक (डीडीएमएस) केए नायडू ने सीसीएल अधिकारियों से कहा कि सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर माइंस में ब्लास्टिग की जाए वरना कार्रवाई की जाएगी।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 08:49 PM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 08:49 PM (IST)
सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर हो ब्लास्टिग
सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर हो ब्लास्टिग

करगली : कोडरमा रीजन के खान सुरक्षा उपनिदेशक (डीडीएमएस) केए नायडू ने सीसीएल अधिकारियों से कहा कि सुरक्षा मानकों को ध्यान में रखकर माइंस में ब्लास्टिग की जाए, वरना कार्रवाई की जाएगी।

उन्होंने सोमवार को सीसीएल बीएंडके प्रक्षेत्र की कारो परियोजना की आउटसोर्सिग पैच का निरीक्षण कर कारो बस्ती के विस्थापितों से बात की। बताया कि विगत 17 सितंबर को कारो आउटसोर्सिग पैच में हैवी ब्लास्टिग किए जाने की लिखित शिकायत कारो बस्ती के विस्थापितों ने की थी, जिसकी जांच करने वे पहुंचे हैं। उन्होंने कारो परियोजना के अधिकारियों से माइंस में होने वाली ब्लास्टिग की तीव्रता के बारे जानकारी ली। साथ ही अपनी उपस्थिति में कारो आउटसोर्सिग पैच में ब्लास्टिग कराकर उसकी तीव्रता देखी। उन्होंने कारो बस्ती के विस्थापितों से बात कर ब्लास्टिग से क्षतिग्रस्त हुए मकानों का मुआयना किया।

विस्थापितों ने डीडीएमएस से शिकायत की और कहा कि कारो आउटसोर्सिग पैच में हैवी ब्लास्टिग कराने की लापरवाही परियोजना प्रबंधन कई बार कर चुका है। प्रबंधन ने कारो बस्ती के पुराने तालाब को माइंस का आकार दे दिया है। माइंस के करीब नया तालाब बनवाया गया है जिसके कारण दुर्घटना का खतरा बना रहता है। माइंस से निस्तारित ओबी जहां-तहां गिराए जाने के कारण अक्सर दुर्घटना घटती रहती है। कारो बस्ती को जोड़ने वाली सड़क को प्रबंधन ने कटवा दिया है जिसके कारण लोगों को आने-जाने में काफी परेशानी होती है।

नियमानुसार प्रबंधन को गांव से 500 मीटर दूर ब्लास्टिग करानी है, लेकिन कारो बस्ती के निकट माइंस को विस्तारित कर ब्लास्टिग कराए जाने के कारण पत्थर उड़कर आबादी में आ जाता है। इस कारण कारो बस्ती के लोगों में भय का माहौल बना रहता है। कहा कि वे लोग चाहते हैं कि माइंस में सुरक्षा के साथ काम हो और कारो बस्ती के लोगों को उचित स्थान में शिफ्ट कर परियोजना का विस्तार प्रबंधन करे। मौके पर कारो परियोजना के पीओ तपन कुमार राय, मैनेजर जीएन सिंह, सेफ्टी ऑफिसर मुकेश कुमार सहित अनिल सिंह, सुरेश राम, सोमेन कुमार, विस्थापित दिलीप कुमार, संजय भोगता, रामचंद्र यादव, मेघनाथ सिंह, प्रताप सिंह, रंजीत महतो, सोहनलाल गंझू, चंद्रदेव महतो, परशुराम सिंह, सुधीर गंझू, सिकंदर गंझू, रेवत विश्वकर्मा, मेघलाल गंझू, हेमलाल महतो, अशोक महतो, हेमलाल महतो, विक्की गंझू, प्रकाश महतो आदि मौजूद थे।

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