ऑटो चालकों की मनमानी को प्रशासन का संरक्षण
बोकारो : बोकारो में ऑटोचालकों की मनमानी सड़कों पर कभी भी देखी जा सकती है। राह चलते
बोकारो : बोकारो में ऑटोचालकों की मनमानी सड़कों पर कभी भी देखी जा सकती है। राह चलते ऑटो चालक जिसे भी चाहते हैं, पीट देते हैं लेकिन प्रशासन उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। वजह यह है कि वे हड़ताल पर चले जाएंगे। ऑटो चालकों के सामने में सरकार का पूरा सिस्टम फेल है।
हाल ही में डीजल के दाम में वृद्धि का हवाला देकर ऑटो चालकों ने दो दिन की हड़ताल की और सड़क पर सवारी ढोनेवाले ऑटो चालकों की पिटाई भी की। इसके बाद प्रशासन कार्रवाई को छोड़ उन्हें मनाने में जुट गया। काफी मनाने के बाद किराया में बढ़ोतरी कर ऑटो चालकों को फिर से मनमानी करने की छूट दे दी गई। अब ऑटो चालकों की मनमानी इस प्रकार है कि वे जहां चाहते हैं वहां गाड़ी खड़ी करते हैं, लेकिन उन्हें कोई रोकने वाला नहीं है।
-----------------------
कानून से ऊपर बोकारो के ऑटो चालक
बोकारो में ट्रैफिक डीएसपी का पद है लेकिन ऑटो चालकों पर कोई कार्रवाई नहीं होती। भारत सरकार के नियमों को तोड़कर चार सीट वाले ऑटो को 12 सीटोंवाला बना दिया गया है, लेकिन ट्रैफिक विभाग की ओर से इनका चालान नहीं काटा जाता। यही नहीं 80 प्रतिशत चालकों के पास ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं है इसके बाद भी उन्हें वाहन चलाने की अनुमति दी गई है। ऑटो की खरीद के बाद उसका रोड टैक्स व परमिट का पैसा तक जमा नहीं होता है। किसी भी ऑटो के संचालक के पास पुख्ता कागजात नहीं हैं। इसके बाद भी उनके द्वार प्रत्येक दिन शहर में कानून तोड़कर वाहन का संचालन करना जिला परिवहन पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी व ट्रैफिक डीएसपी की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करता है।