12 लाख की जलापूर्ति परियोजना स्विच जलने से बेकार

तेलो (बेरमो) तेलो पश्चिमी पंचायत के खलचो ग्राम में जलापूर्ति परियोजना मौजूद है फिर भी ग्रामीणो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 18 Apr 2021 12:10 AM (IST) Updated:Sun, 18 Apr 2021 12:10 AM (IST)
12 लाख की जलापूर्ति परियोजना स्विच जलने से बेकार
12 लाख की जलापूर्ति परियोजना स्विच जलने से बेकार

तेलो (बेरमो) : तेलो पश्चिमी पंचायत के खलचो ग्राम में जलापूर्ति परियोजना मौजूद है, फिर भी ग्रामीणों के कंठ पानी के अभाव में सूख रहे हैं। इसका कारण उस जलापूर्ति परियोजना का बंद रहना है। उसके बंद रहने का कारण भी काफी मामूली यानी मोटरपंप की खराबी है। इसके बावजूद यह परियोजना बीते सात वर्ष से बंद पड़ी है। वर्ष-2014 में यहां जलापूर्ति परियोजना का निर्माण किया गया। उसके बाद उससे पानी सप्लाई शुरू की गई, लेकिन एक माह बाद ही मोटरपंप में खराबी आ जाने के कारण यह परियोजना बेकार पड़ी है। यह परियोजना पेयजल-स्वच्छता विभाग (पीएचइडी) के तेनुघाट प्रमंडल की ओर से लगभग 12 लाख की लागत से बनाई गई। लगभग 8000 लीटर क्षमता की पानी टंकी बनाकर पाइपलाइन भी बिछाई गई। ताकि घर-घर तक पानी पहुंचाया जाए। मोटरपंप खराब होने के बाद से जहां यह परियोजना बंद पड़ी है, वहीं बिछाई गई पाइपलाइन भी बेकार पड़ी जंग खा रही है। --विभागीय अधिकारी नहीं आ रहे देखने : खलचो के ग्रामीणों में लाली महतो का कहना है जब जलापूर्ति परियोजना का निर्माण किया गया, तब महज एक माह तक गांव के लोगों को पाइपलाइन से पानी नसीब हुआ। एक माह के अंदर ही मोटर खराब हो जाने पर अब तक न तो उसे बनवाया और न ही कोई विभागीय अधिकारी देखने आए।

--ग्रामीणों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा : ग्रामीणों में छुटू महतो कहते हैं कि इस गांव में जलापूर्ति परियोजना बनने के बावजूद पेयजल के लिए चापाकल व कुआं पर निर्भर रहना पड़ रहा है। इन दिनों कुआं एवं चापाकल का जलस्तर भी काफी नीचे चला गया है। इस वजह से यहां के लोगों को पानी के लिए तरसना पड़ रहा है। यदि जलापूर्ति परियोजना को चालू कर दिया जाए, तो इस समस्या का समाधान हो जाएगा। बताया कि इस गांव में मवेशियों को पानी पीने के लिए कई जगह नाद का निर्माण भी कराया गया, जो जलापूर्ति के अभाव में मात्र शोभा की वस्तु बनकर मवेशियों की प्यास को और ज्यादा बढ़ा रहा है। --दो किमी दूर जोरिया से लाना पड़ता पानी : खलचो के ग्रामीणों में बढ़न पंडित ने बताया कि इस गांव में पानी की काफी किल्लत है। लगभग सारे कुएं सूख चुके हैं। इसलिए दो किमी दूर जोरिया से पानी लाना पड़ता है। लक्ष्मण महतो ने कहा कि जब से यहां पानी टंकी बनाई गई है, तब से एक माह भी ठीक से जलापूर्ति नहीं हो पाई। मोटरपंप का स्विच जल जाने से जलापूर्ति बाधित है। मंजरी देवी ने कहा कि गांव में फिलहाल सिर्फ एक चापाकल चालू है, जिससे पानी भरने को सुबह से रात तक आपाधापी मची रहती है। सहदेव महतो ने कहा कि इस गांव में लगभग पांच सौ परिवार रहते हैं। सभी घरों तक पानी पहुंचाने के लिए गांव में पाइपलाइन बिछाई गई, जो अब पड़ी-पड़ी जाम हो चुकी है। महेंद्र कुमार ने कहा कि जिस उद्देश्य से यहां जलमीनार बनाई गई, वह अबतक पूरा नहीं हो पाया। पानी की समस्या जस की तस बनी हुई है।

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वर्जन

खलचो की जलापूर्ति परियोजना के मोटरपंप की वर्ष-2018 में ही मरम्मत करा दी गई थी।उसके बाद जलापूर्ति की जिम्मेवारी गांव की समिति को सौंप दी गई थी। उसके बावजूद जलापूर्ति नहीं की जा रही है तो शीघ्र ही जांच कर सार्थक पहल की जाएगी।

- याकूब अहमद, कनीय अभियंता, पीएचइडी नावाडीह प्रखंड

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