सुबह से शाम तक रुक-रुक कर हुई बारिश से मौसम में घुली ठंडक

जागरण संवाददाता ऊधमपुर पिछले कुछ दिनों से मौसम के करवट बदलने की वजह से लगभग रोज हो

By JagranEdited By: Publish:Sun, 12 Sep 2021 06:29 AM (IST) Updated:Sun, 12 Sep 2021 06:29 AM (IST)
सुबह से शाम तक रुक-रुक कर हुई बारिश से मौसम में घुली ठंडक
सुबह से शाम तक रुक-रुक कर हुई बारिश से मौसम में घुली ठंडक

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : पिछले कुछ दिनों से मौसम के करवट बदलने की वजह से लगभग रोज हो रही बारिश के कारण मौसम में ठंडक बनी हुई है। शनिवार को भी इलाके में बारिश हुई, जिससे तापमान में कमी आने से मौसम सुहावना बना रहा। मौसम विभाग के मुताबिक रविवार को भी बारिश के आसार हैं।

पिछले कुछ दिनों से मौसम का बदला मिजाज लोगों को उमस भरी गर्मी से राहत दे रहा है। राहत का यह सिलसिला शनिवार को भी जारी रहा। सुबह से रुक-रुक कर शुरू हुई बारिश का सिलसिला शनिवार शाम तक जारी रहा। सुबह और दोपहर को काफी देर तक तेज बारिश हुई। मौसम विभाग ने शनिवार को इलाके में 22 मिलीमीटर बारिश रिकार्ड की, जिससे अधिकतम तापमान 26.4 और न्यूनतम तापमान 21.2 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। मौसम विभाग के पूर्वानुमान के मुताबिक रविवार को भी बारिश के आसार हैं। इससे लोगों को गर्मी से राहत मिली रहने की संभावना है। वहीं, बारिश की वजह से शहर में कई स्थानों पर जाम नालियों का पानी सड़कों पर बहने से लोगों को दिक्कतें हुई। गलियों और सड़कों पर जलभराव के कारण लोगों को परेशानियों का समाना करना।

वहीं, किश्तवाड़ शहर व आसपास के इलाकों में पिछले दो दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे इलाके में इस सीजन की ठंड ने दस्तक दे दी है। लोग गर्म कपड़े पहन कर ही बाजार में चलते हुए नजर आ रहे हैं।

पिछले कुछ दिनों से इलाके में काफी गर्मी महसूस की जा रही थी, जिसके चलते लोगों को चिंता हो रही थी कि इस बार गर्मी पीछा नहीं छोड़ रही है। लेकिन दो दिन पहले इलाके का मौसम एकदम से बदल गया। पहले तो हल्की बारिश होती रही, लेकिन शनिवार को तकरीबन सारा दिन रुक-रुक कर बारिश होती रही। इस बारिश के साथ ही एक चिंता का विषय भी है, क्योंकि इन दिनों धान, मक्की, राजमाश, सेब नाशपाती और अखरोट की फसलें भी तैयार हो जाती हैं। यह बारिश इन फसलों को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके साथ ही गाव के लोग सर्दी के लिए माल मवेशी के लिए घास कटाई का काम भी करते हैं। अगर यह बारिश लगातार होती रही तो लोग मुश्किल में पढ़ सकते हैं और फसलों पर भी इसका असर पड़ सकता है।

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