कड़े संघर्ष के बाद हासिल होता है एक बाल्टी पानी, वह भी दूषित

अमित माही ऊधमपुर सरकार और जलशक्ति विभाग जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंच

By JagranEdited By: Publish:Sat, 19 Jun 2021 06:58 AM (IST) Updated:Sat, 19 Jun 2021 06:58 AM (IST)
कड़े संघर्ष के बाद हासिल होता है एक बाल्टी पानी, वह भी दूषित
कड़े संघर्ष के बाद हासिल होता है एक बाल्टी पानी, वह भी दूषित

अमित माही, ऊधमपुर :

सरकार और जलशक्ति विभाग जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे कर रहे हैं, मगर दरसू इलाके में रहने वाले करीब 70 परिवार एक दूषित बावली का पानी पीने को मजबूर हैं। इस बावली में कीचड़ और कचरा तो रहता ही है, मवेशी भी यहीं से पानी पीते हैं। इस पानी के लिए भी गांव के लोगों को तीन किलोमीटर की पदयात्रा करनी पड़ती है और घंटों तक अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। बेहद सावधानी से थोड़ा-थोड़ा कर साफ पानी भरना पड़ता है। इस पानी को घर में छानकर कुछ हद तक पीने और खाना बनाने के प्रयोग में लाया जाता है। पेयजल की समस्या को लेकर दरसू के लोगों ने कई बार प्रदर्शन किया है, मगर इसके बावजूद लोगों की समस्या जस की तस बनी हुई है।

स्वच्छ पेयजल हर किसी का अधिकार है और लोगों को घर में नल से साफ पीने का पानी उपलब्ध कराने के लिए काम भी हो रहा है। मगर इसके बावजूद घरों में नल से साफ पीने का पानी पहुंचना तो दरसू के वार्ड नंबर एक लोगों के लिए आज भी एक सपना है। इतना ही नहीं वार्ड में रहने वाले 70 के करीब परिवार के लोग आज भी जिस एक मात्र प्राकृतिक जलस्त्रोत (बावली) पर निर्भर हैं, वह मवेशी की प्यास बुझाने की भी जगह है। इस बावली से पानी हासिल करने के लिए लोगों को जहां दो से तीन किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है, वहीं सुबह से शाम तक घंटों अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। इतने संघर्ष के बाद भी जो पानी मिलता है वह पीने लायक नहीं होता है। क्योंकि बावली में मिट्टी और कचरे के बीच से उनको छोटे डिब्बे या बर्तन से थोड़ा-थोड़ा कर पानी अपने बर्तनों में भरना पड़ता है, ताकि पानी के साथ मिट्टी न आ जाए। एक बर्तन भरने में आधे से एक घंटा तक लग जाता है। गर्मी के दिनों में बावली का पानी सूखने की वजह से स्थिति भी विकराल हो गई है। बच्चों, युवाओं और बुजुर्गों को सुबह से शाम तक बावली पर बर्तनों के साथ इंतजार करते देखा जाना आम बात है। दो से चार घंटे के इंतजार के बाद बारी आने पर पानी भरने की कड़ी मशक्कत कर वे पानी लेकर घर आते हैं। इस पानी को घर लाकर उसे कपड़े से छान कर पीने लायक बनाया जाता है। दशकों से इस समस्या से जूझ रहे लोग अनेक बार प्रदर्शन कर विभाग और प्रशासनिक अधिकारियों से मिल कर समस्या को हल करने की मांग कर चुके हैं, मगर समस्या आज भी बरकरार है। लोगों ने कहा कि तवी से पानी लिफ्ट करने की पेयजल योजना तैयार की गई। गांव के पास टैंक (रेजरवायर) भी बनाया गया है, मगर गांव के 60 से 70 घरों में पानी नहीं मिल रहा। गांव वालों के मुताबिक गांव में पानी की पाइप लाइन बिछाकर रेजरवायर से जोड़ दिया जाए तो लोगों के घरों में नहीं तो कम से कम गांव में पानी पहुंचाया जा सकता है। गांव के पास पानी स्टोर करने के लिए टैंक (रेजरवायर) बना है। यहां पर पंपिग के लिए किसी मोटर को लगाने भी जरूरत नहीं है। केवल पाइपें बिछाकर लोगों को पानी उपलब्ध कराया जा सकता है, मगर विभाग ऐसा नहीं कर रहा। पंचायत प्रतिनिधियों के पास उनकी समस्या हल करने का समय नहीं है। जिस बावली से वे लोग पानी पीते हैं, वहां से मवेशी भी पानी पीना पसंद नहीं करते हैं। मगर मजबूरी में इंसान और जानवर दोनों एक ही बावली से पी रहे हैं। सुबह चार बजे आओ तो सुबह नौ बजे तक एक बाल्टी लेकर आता है। उसे भी घर पर जाकर छान कर उबाल कर पीना पड़ता है। यदि कोई लैब में इस पानी को जांच करे तो सैंपल फेल हो जाएगा।

- अजय कुमार, निवासी वार्ड नंबर एक, दरसू पीने के पानी को लेकर गांव में काफी ज्यादा परेशानी है। करीब तीन किलोमीटर दूर स्थित एक बावली पर 60-70 घर निर्भर हैं और उसका पानी भी काफी गंदा है। मगर गांव के लोग इसे पीने को मजबूर हैं। इस समस्या को लेकर अनेक बार प्रदर्शन हुए मगर आज तक न तो कोई सुनवाई हुई न ही समस्या हल हुई है। हर बार झूठा आश्वासन देकर धरना-प्रदर्शन समाप्त करवाया दिया जाता है। उसके बाद कोई सुध नहीं लेता। इस समस्या को जल्द किया जाना चाहिए। साफ पानी पीना हर किसी का अधिकार है।

- हतीजा बदली, निवासी वार्ड नंबर एक, दरसू इलाके में पानी की विकराल समस्या है। पानी की एक बावली है, जिस पर लोग निर्भर हैं। गर्मियों में इस बावली का पानी सूख जाता है, जिससे लोगों की मुश्किलें बढ़ जाती हैं। इस बावली का पानी भी काफी दूषित है। जलशक्ति विभाग और डीसी ऊधमपुर इस समस्या का संज्ञान लें और लोगों की इस समस्या को जल्द हल कराएं। फिल्टर प्लांट भी बना है और टैंक भी। यदि पाइपें बिछा दी जाएं तो समस्या हल हो जाएगी और लोगों को साफ पेयजल उपलब्ध हो जाएगा।

- लतीफ, वार्ड नंबर एक, दरसू दरसू के वार्ड नंबर एक में एक मात्र जलस्त्रोत बावली है। इंसान भी इसी से पानी पीते हैं और मवेशी भी। गर्मियों में पानी कम हो गया है। दिन और रात वहां पर लोग बारी लगाकर बैठे रहते हैं। 50 साल से यही समस्या बनी है। कई बार राष्ट्रीय राजमार्ग बंद कर प्रदर्शन किया, मगर आज तक समस्या हल नहीं हुई है। दो साल पहले फिल्ट्रेशन प्लांट बनाया गया था, जिसका टैंक भी बनाया गया है। घरों में नल पहुंचाने में तो समय लगेगा, मगर यदि 500 से 700 मीटर पाइप लगा दी जाती है तो कम से वार्ड में पानी पहुंच जाएगा। वार्ड में दो से तीन सार्वजनिक नल लगा कर लोगों की साफ पानी घर के पास उपलब्ध कराने से समस्या काफी हद तक हल की जा सकती है।

- गोविद राम शर्मा, निवासी दरसू दरसू में एसटी बस्ती में पानी की समस्या है। वहां पर बग्गे माता में रेजरवायर बनाकर पानी की आपूर्ति की जाएगी। इसके लिए मशीनें और सामान उपलब्ध हो गया है। पहुंचने के बाद काम शुरू हो जाएगा। मगर इस काम में दो से चार माह का समय लगेगा। यदि गांववासियों को लगता है कि 500 से 700 मीटर पाइप लगाकर प्रभावित लोगों के घरों के बाद कुछ नल लग सकते हैं तो गांव के दो से तीन लोग उनसे आकर मिलकर अपना सुझाव दें। विभाग उनके सुझाव के मुताबिक सर्वे करेगा और यदि उनके सुझाव के मुताबिक पानी पहुंचना संभव हुआ तो 700 मीटर पाइप लगाकर गांव में पानी पहुंचाकर समस्या को हल कर दिया जाएगा।

- ताज चौधरी, एक्सईएन जलशक्ति विभाग

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