Kishtwar attack: किश्तवाड़ हमले में हिज्ब कमांडर अमीन बट आैर उसके साथियों का हाथ, अलर्ट जारी

पुलिस केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआइएसएफ) और सेना के जवानों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर रात से ही आतंकियों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया हुआ है।

By Rahul SharmaEdited By: Publish:Mon, 23 Dec 2019 11:27 AM (IST) Updated:Mon, 23 Dec 2019 12:35 PM (IST)
Kishtwar attack: किश्तवाड़ हमले में हिज्ब कमांडर अमीन बट आैर उसके साथियों का हाथ, अलर्ट जारी
Kishtwar attack: किश्तवाड़ हमले में हिज्ब कमांडर अमीन बट आैर उसके साथियों का हाथ, अलर्ट जारी

किश्तवाड़, बलवीर सिंह जम्वाल। एनएचपीसी की सिमना कॉलोनी से सटी राज्य पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) की पोस्ट पर गत रविवार देर रात हमला करने वाले आतंकियों की अभी भी सरगर्मी से तलाश जारी है। सुरक्षा एजेंसियों ने दावा किया कि यह हमला हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर अमीन बट उर्फ जहांगीर सरूरी व उसके साथियों ने किया है। सरूरी पर पुलिस ने 30 लाख का इनाम घोषित कर रखा है। 

सुरक्षाबलों ने शहर में अलर्ट जारी कर दिया है। यही नहीं इलाके की घेराबंदी कर सर्च आपरेशन चलाया हुआ है। फिलहाल किसी भी आतंकी मुठभेड़ की सूचना नहीं है। इसमें दो पुलिसकर्मी घायल हो गए थे, जिनका इलाज जिला अस्पताल में चल रहा है। आतंकी पोस्ट पर अंधाधुंध गोलीबारी करते हुए कोहरे की आड़ में भाग निकले। हालांकि सूचना मिलते ही पुलिस, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षाबल (सीआइएसएफ) और सेना के जवानों ने पूरे क्षेत्र को घेरकर रात से ही आतंकियों की तलाश में तलाशी अभियान चलाया हुआ है। 

जानकारी के अनुसार शहर से सटी एनएचपीसी की सिमना कॉलोनी के साथ सीआइएसएफ का हेडक्वार्टर है। इसके साथ ही एसओजी की पोस्ट है। इसमें दर्जनभर पुलिसकर्मी तैनात रहते हैं। रात करीब साढ़े दस बजे पोस्ट पर अंधाधुध फायरिंग शुरू हो गई। उस समय मौसम भी खराब था। पोस्ट पर जवान मुस्तैद थे। उन्होंने भी जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान दो पुलिसकर्मी घायल हो गए। इनकी पहचान मोहम्मद सलीम व अजय कुमार के रूप में हुई है। बताया जाता है कि तीन से चार आतंकियों ने पोस्ट को घेरकर फायरिंग की। ताकि कोई बच न पाए। पोस्ट से जवाबी कार्रवाई होते ही आतंकी कोहरे की आड़ में भाग निकले। कुछ दूरी पर राइफल लेकर दौड़ रहे आतंकियों को देख एक राजनीतिक पार्टी के नेता के अंगरक्षक ने भी उन पर फायरिंग की। ये अंगरक्षक नेता के घर के बाहर तैनात था। इसके बाद आतंकी अंधेरे में ओझल हो गए।

फायरिग की आवाज सुनते ही पास से सीआइएसएफ के अलावा पुलिस और सेना के जवान भी मौके पर पहुंच गए। पूरे शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया। पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर पहुंच गए हैं। पूरे क्षेत्र में सुरक्षाबल घर-घर की तलाशी ले रहे हैं। देर रात तक आतंकियों को कोई सुराग नहीं मिल पाया था। डीएसपी हेडक्वार्टर सन्नी गुप्ता ने कहा कि हमले में सरूरी शामिल है इसकी जांच जारी है।

बड़ी वारदात की साजिश रची थीः सूत्रों के अनुसार आतंकी पहले सीआइएसएफ हेडक्वार्टर में घुसने की ताक में थे। वहां सुरक्षाकर्मियों को मुस्तैद देख उन्होंने पास ही एसओजी की पोस्ट को निशाना बनाया। बताया जाता है कि दो दिन पहले आतंकी हमले की खुफिया रिपोर्ट मिली थी। इसी कारण सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बल सतर्क थे।

कॉलोनी में पांच सौ परिवार रहते हैं : सिमना कॉलोनी में एनएचपीसी की कर्मी और अधिकारी रहते हैं। यहीं से उनका कार्यालय है। इसके अंदर ही सीआइएसएफ बटालियन का हेडक्वार्टर है। कॉलोनी में करीब चार सौ से अधिक परिवार रहते हैं। यहां एनएचपीसी दूलहस्ती पावर प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।

कौन है सरूरीः जहांगीर सरूरी हिज्बुल मुजाहिदीन का सबसे पुराना आतंकी है। वर्ष 1990 में जब डोडा जिले में आतंकवाद शुरू हुआ था तब से ही वह लगातार वारदातों को अंजाम देता आ रहा है। 2018 में भाजपा नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार के अलावा 2019 में आरएसएस के नेता चंद्रकांत शर्मा और उनके अंगरक्षक की हत्या में सरूरी का हाथ होने की पुलिस ने पुष्टि की थी।

सरूरी के गु्रप में कई आतंकी मारे जा चुके हैं : पिछले पांच माह में मिशन किश्तवाड़ चलाकर सेना, पुलिस ने सरूरी के तीन साथियों ओसामा बिन जावेद, जाहिद, मोहिन को मार गिराया था। सरूरी के सगे भाई सहित दर्जनों ओजीडब्ल्यू को पकड़ा था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी भी जुटी है।

नौ माह बाद हुआ हमला : इससे पहले आतंकियों ने इस वर्ष नौ अप्रैल को हमला कर आरएसएस नेता चंद्रकांत शर्मा व उनके अंगरक्षक की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इसके बाद लगातार किश्तवाड़ में आतंकी गतिविधियां बढ़ने लगी थी। कई पुलिसकर्मियों की राइफलें तक छीनी गई थी। 

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