एक ही डॉक्टर कर रहे संक्रमित और सामान्य मरीज का इलाज

जिला अस्पताल ऊधमपुर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने का काम कर रहा है या कोरोना संक्रमण को फैलने का।

By JagranEdited By: Publish:Mon, 28 Sep 2020 07:26 AM (IST) Updated:Mon, 28 Sep 2020 07:26 AM (IST)
एक ही डॉक्टर कर रहे संक्रमित और सामान्य मरीज का इलाज
एक ही डॉक्टर कर रहे संक्रमित और सामान्य मरीज का इलाज

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जिला अस्पताल ऊधमपुर कोरोना संक्रमण को नियंत्रित करने का काम कर रहा है या कोरोना संक्रमण को फैलने का। यह सवाल समाज सेवक नरेश माथुर ने रविवार को ऊधमपुर में आयोजित प्रेसवार्ता में कही। माथुर ने जिला अस्पताल ऊधमपुर पर कुप्रबंधन का आरोप लगाते हुए कहा कि जिला अस्पताल के अंदर ही कोविड अस्पताल बनाया गया है। जहां पर कोविड मरीजों का उपचार किया जाता है। जो डॉक्टर कोरोना के मरीजों की जांच व उपचार करते हैं, वही डॉक्टर सामान्य मरीजों की भी जांच और उपचार करते हैं। कोरोना के मरीजों और आम मरीजों की जांच समान डॉक्टरों द्वारा किए जाने की वजह से आम मरीजों के भी संक्रमित होने का खतरा बना है।

रामनगर के एक मरीज की जान वेंटिलेटर नहीं मिलने से चली गई। कुछ माह पूर्व सरकार ने जिला अस्पताल ऊधमपुर को 35 वेंटीलेटर दिए थे, मगर यह आज भी बिना उपयोग के पड़े हैं। क्योंकि जिला अस्पताल के पास इन वेंटिलेटरों को चलाने के लिए तकनीशियन नहीं है। नारायणा जैसे निजी अस्पताल में तकनीशियन हैं, मगर सरकारी अस्पताल में नहीं। माथुर ने कहा कि इस मुद्दे के प्रति अस्पताल प्रबंधन को कई बार अवगत कराया गया। मगर कोई कदम नहीं उठाया गया। सरकार को इस मामले का संज्ञान लेकर वेंटीलेटर शुरू नहीं होने के जिम्मेदार लोगों पर कार्रवाई की जाती है। जिला प्रशासन भी आई वाश करने के लिए फॉगिग और अन्य ऐसे काम कर रहा है, मगर जिला अस्पताल में वेंटिलेटर शुरू करने जैसे सुविधा शुरू करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठा जाए रहे हैं। उन्होंने आजकल सात माह पूरा नया अस्तपाल खड़ा हो जाता है, मगर सात माह में वेंटिलेटर शुरू नहीं हो पाते। जिला अस्पताल में आक्सीजन प्लांट नहीं लगा है। कोरोना नियंत्रण के लिए कोई नीति तक नहीं बनाई गई है। उन्होंने केंद्र शासित प्रदेश के उप राज्यपाल राज्यपाल से इसके लिए जिम्मेदार लोगों का पता लगा कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की।

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