लंबी चली हड़ताल तो पटरी से उतरेगी सफाई व्यवस्था की गाड़ी

जागरण संवाददाता ऊधमपुर सफाई कर्मचारियों की हड़ताल लंबी खिंचने पर शहर की सफाई व्

By JagranEdited By: Publish:Thu, 04 Mar 2021 07:33 AM (IST) Updated:Thu, 04 Mar 2021 07:33 AM (IST)
लंबी चली हड़ताल तो पटरी से उतरेगी सफाई व्यवस्था की गाड़ी
लंबी चली हड़ताल तो पटरी से उतरेगी सफाई व्यवस्था की गाड़ी

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : सफाई कर्मचारियों की हड़ताल लंबी खिंचने पर शहर की सफाई व्यवस्था की गाड़ी पटरी से उतर जाएगी। महज दो दिनों की हड़ताल के बाद ही शहर के चौक-चौराहों और कचरा डंपिग साइटों पर कचरे के ढेर लगने शुरू हो गए।

21 वार्डो वाली ऊधमपुर नगर परिषद में प्रतिदिन औसतन 20 से 25 टन कचरा निकलता है। गनीमत है कि इसमें से 70 फीसद से अधिक कचरा घर-घर से कचरा एकत्रित करने की व्यवस्था से उठाया जाता है। ऐसे में शहर में बनी डंपिग साइटों पर केवल 30 फीसद ही कचरा पहुंचता है।

सफाई कर्मचारियों की कामछोड़ हड़ताल को शुरू हुए महज दो ही दिन हुए हैं। दो दिनों से शहर की डंपिग साइटों पर लगाए गए न तो कूड़ेदान खाली हो पाए हैं और न कहीं पर गिरा कचरा साफ हो सका है। इससे शहर में नगर परिषद की ओर से लगाए गए लगभग सभी कूड़ेदान ऊपर तक भर चुके हैं और हर कूड़ेदान के आसपास कचरा फैलना शुरू हो गया है।

यदि नगर परिषद के सफाई कर्मचारी घर-घर से कचरा उठाने वाली सेवा को भी रुकवाने में सफल हो गए तो शहर की खराब होती जा रही तस्वीर को बदसूरत और बदबूदार होते ज्यादा समय नहीं लगेगा। क्योंकि महज 30 फीसद कचरे से ही दो दिनों में हालात बिगड़ने शुरू हो गए हैं, ऐसे में यदि 70 फीसद कचरा उठाने वाले व्यवस्था भी बाधित हो गई तो हालात कैसे हो सकते हैं, इसका अंदाजा कोई भी लगा सकता है।

इस बारे में नगर परिषद के सीईओ संजीव गंडोत्रा ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की हड़ताल पूरे संभाग में जारी है। कर्मचारियों की जितनी भी मांगें हैं, वह स्थानीय निकाय के उच्चाधिकारियों और सरकार के स्तर विचार करने वाली हैं। इसमें नगर परिषद कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने स्वीकार किया कि घर-घर से कचरा उठाने वाली व्यवस्था के कारण 70 से 75 फीसद कचरा उठ रहा है, जिस वजह से सफाई की स्थिति उतनी बंद नहीं हो सकी है। उन्होंने कहा कि सफाई कर्मचारियों की यूनियन बेहद संगठित है, यदि उनके दबाव में आकर घर-घर से कचरा उठाने वाली व्यवस्था संचालित करने वाले इस सेवा को रोक देंगे तो स्थिति अधिक खराब होगी। यदि ऐसा होगा तो केवल ऊधमपुर नहीं बल्कि पूरे संभाग स्तर पर होगा।

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