रियासी में न तो कचरा निस्तारण प्लांट है, न ही सीवरेज व्यवस्था
राजेश डोगरा रियासी स्वच्छता को लेकर कई अभियान चलाने के साथ ही रियासी नगर परिषद क
राजेश डोगरा, रियासी :
स्वच्छता को लेकर कई अभियान चलाने के साथ ही रियासी नगर परिषद की ओर से कई दावे किए जाते हैं, लेकिन यह सब हवा हवाई ही साबित हो रहा है। जमीनी स्तर पर स्वच्छता बनाए रखने में नगर परिषद विफल साबित हुई है। रियासी शहर में न तो कचरा निस्तारण प्लांट है और न ही सीवरेज व्यवस्था।
नगर परिषद के कर्मचारी रोजाना शहर के गली-मोहल्लों में सफाई कर कचरे को डंपिग प्वाइंट पर इकट्ठा करते हैं। फिर वहां से वाहनों से कचरे को नंबला ले जाकर चिनाब दरिया के समीप जमीन में दबाकर नगर परिषद कचरा ठिकाने लगाने की अपनी जिम्मेदारी पूरी कर लेती है। लेकिन मात्र यह सब कर लेने से ही शहर स्वच्छ नहीं हो जाता। शहर की लगभग सभी नालियां कचरे से भरी पड़ी हैं, जबकि कई खाली प्लाट और दो मुख्य नाले हर समय कचरे से पटे रहते हैं। दुर्गध से वातावरण दूषित हो रहा है। हालांकि इसमें कोई दो राय नहीं कि यह कचरा आम लोग ही फेंकते हैं, लेकिन इस पर अंकुश लगाने या साफ सफाई के प्रति नगर परिषद कभी गंभीर नहीं रही।
रियासी शहर में सीवरेज व्यवस्था भी नहीं है। गली-मोहल्ले की नालियों का पानी दो मुख्य नालों में जाता है, जिनमें एक नाला शहर के सरस्वती मोहल्ला में है तो दूसरा नाला मुस्लिम मोहल्ला में। गलियों की नालियों में कचरा जमा हो जाने से कई बार नालियों का पानी अवरुद्ध होकर रास्ते पर बहने लगता है। सरस्वती मोहल्ले के मुख्य नाले की हालत भी अतिदयनीय है, जोकि कचरे से पटा पड़ा है। लगभग सालभर पहले इस नाले का पानी अवरुद्ध होकर मुख्य गली में बहने लगा था। तब गली में लगभग चार फीट तक गंदा पानी भरकर कई घरों में घुस गया था, जिसमें एक कार खाली कनस्तर की तरह बहने लगी थी। नगर परिषद कार्यालय की दीवार से सटी गली का नाला भी कचरे व गंदे पानी से भरा है
स्वच्छता के प्रति दूसरों को उपदेश देने वाली नगर परिषद खुद कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि नगर परिषद कार्यालय की दीवार से सटी गली का नाला भी कचरे और गंदे पानी से लबालब भरा है। उस पर कई जगहों पर नाले पर लोहे के जाले तक नहीं हैं, जो कि जानलेवा साबित हो सकते हैं। दो दिन पहले एक कार का टायर उस गड्ढे में गिर गया था, जिसे निकालने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। यहां हमेशा दुर्गध फैली रहती है, जिससे राहगीर ही नहीं, बल्कि बिल्कुल साथ लगते जनाना पार्क में भी लोगों को परेशानी होती है। गीले और सूखे कचरे को एक साथ गड्ढे में दबाया जाता है
नगर परिषद की ओर से लोगों को गीला और सूखा कचरा अलग-अलग जमा करने के लिए कहा जाता है। पिछले दिनों नगर परिषद ने लोगों के घरों में दो-दो कूड़ेदान भी दिए थे। परिषद ने गीला और सूखा कचरा ढोने के लिए दो अलग-अलग वाहन भी लगा रखे हैं, लेकिन फिलहाल इन सबका स्वच्छता से कोई लेना-देना नहीं, बल्कि सिर्फ इसलिए कि सूखे कचरे से वे लोग गत्ता व प्लास्टिक जमा कर सकें, जो लोग कूड़ा बीनने का काम करते हैं। रियासी के सेनेटरी इंस्पेक्टर अशोक शर्मा ने बताया कि गीले व सूखे कचरे को एक साथ गड्ढे में दबाया जाता है। गडाल मोड़ बनता जा रहा है गंदगी व दुर्गध का केंद्र
रियासी-विजयपुर सड़क पर गडाल मोड़ गंदगी और दुर्गध का केंद्र बनता जा रहा है। यहां सड़क से कचरा नीचे नाले में फेंक दिया जाता है। लंबे समय से ऐसा होने पर अब वहां भी कचरे के ढेर लगे हैं। इस सड़क पर कई लोग सैर करते हैं, जो गडाल मोड़ पर सड़क किनारे पैराफिट पर कुछ देर के लिए आराम भी करते हैं, लेकिन अब दुर्गध के कारण वहां रुकना मुश्किल हो गया है। शहर में गीला और सूखा मिलाकर रोजाना लगभग सात से आठ टन कचरा निकलता है, जिसे नंबला में चिनाब दरिया किनारे नगर परिषद को मुहैया कराई गई लगभग 30-35 कनाल जमीन पर जमा किया जाता है। फिर दो से चार माह बाद उस कचरे को गड्ढा खोदकर उसमें दबा दिया जाता है। रियासी में कचरा निस्तारण प्लांट व सीवरेज व्यवस्था नहीं है। खाली प्लाट व मुख्य नाले में कचरा आम लोग ही फेंकते हैं। इसमें नगर परिषद भला कितना नजर रख सकती है। गडाल मोड़ पर नगर परिषद के कर्मचारी कचरा नहीं फेंकते।
- अशोक शर्मा, सेनेटरी इंस्पेक्टर, नगर परिषद रियासी