नौ साल में भी नहीं हुआ सड़क का सुधार

संवाद सहयोगी ऊधमपुर सड़कें किसी भी प्रदेश के विकास की धुरी मानी जाती हैं। किसी शहर के

By JagranEdited By: Publish:Tue, 23 Apr 2019 07:41 AM (IST) Updated:Tue, 23 Apr 2019 07:41 AM (IST)
नौ साल में भी नहीं हुआ सड़क का सुधार
नौ साल में भी नहीं हुआ सड़क का सुधार

संवाद सहयोगी, ऊधमपुर : सड़कें किसी भी प्रदेश के विकास की धुरी मानी जाती हैं। किसी शहर के विकास का अंदाजा वहां की सड़कों की हालत को देखकर सहज ही लगाया जा सकता है। जी हां, हम बात कर रहे हैं रामनगर तहसील में पड़ते गांव लंगा से सैर मंजला जाने वाली सात किलोमीटर सड़क का, जिसका निर्माण कार्य पीएमजीएसवाई विभाग ने नौ साल पहले शुरू करवाया था। हैरानी की बात है कि नौ वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक सड़क पर न तो कंकर डाले गए और न ही तारकोल। इसके चलते गांव को जाने वाली बस सेवा भी ज्यादातर ठप रहती है। सरकार व विभाग की अनदेखी का खमियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है क्योंकि बस सेवा न चलने से गांव के लोगों को लंगा से सैर मंजला तक सात किलोमीटर पैदल सफर तय करना पड़ रहा है।

गौतम चंद, वीरेंद्र कुमार, सुदेश सिंह, गणेश कुमार, चरण दास, संसार चंद, बलदेव राज, शोंकू राम आदि का कहना था कि उन्होंने कई बार संबंधित विभाग व सरकार के खिलाफ धरने प्रदर्शन भी किए लेकिन आज तक समस्या हल नहीं हुई। लोगों का कहना था कि सड़क की दयनीय दशा के चलते वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों ने पीएमजीएसवाई विभाग के आला अधिकारियों से जल्द से जल्द सड़क का निर्माण कार्य को शुरू कर उसमें कंकर व तारकोल डालने की मांग की है।

बारिश में भर जाता है गढ्डों में पानी

लोगों ने बताया कि बारिश के दिनों में सड़क पर बने गड्ढों में पानी भर जाने से सड़क दलदल व तालाब में तबदील हो जाती है जिसके चलते लोगों को अपने घरों में ही रहना पड़ता है। पंद्रह दिन पहले सड़क के निर्माण कार्य का एलाटमेंट हो गया है। विभाग की ओर से ठेकेदार को नोटिस जारी किया गया है कि वह सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाए। अगर नोटिस भेजने के बाद भी ठेकेदार कार्य शुरू नहीं करता है तो पंद्रह दिन के बाद एक नोटिस और जारी किया जाएगा। अगर तीन नोटिस जारी करने के बाद ठेकदार द्वारा सड़क का निर्माण कार्य शुरू न करने पर उसे टरमेशन के लिए उच्च अधिकारियों को भेज दिया जाता है।

एईई देवानंद सेठी, पीएमजीएसवाई विभाग

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