सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक फैसला तो विपक्ष ने बताया धोखा

जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद प्रदेश में सबको जमीन खरीद कर कारोबार करने और अपने सपनों का घर बनाने की आजादी मिलने पर विभिन्न राजनीतिक व व्यापारिक संगठनों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। सत्ता पक्ष इसे जम्मू कश्मीर के हित और एक भारत और श्रेष्ठ भारत के नींव को मजबूत करने वाला फैसला बता रहा है।

By JagranEdited By: Publish:Thu, 29 Oct 2020 06:02 AM (IST) Updated:Thu, 29 Oct 2020 06:02 AM (IST)
सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक फैसला तो विपक्ष ने बताया धोखा
सत्ता पक्ष ने ऐतिहासिक फैसला तो विपक्ष ने बताया धोखा

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 खत्म होने के बाद प्रदेश में सबको जमीन खरीद कर कारोबार करने और अपने सपनों का घर बनाने की आजादी मिलने पर विभिन्न राजनीतिक व व्यापारिक संगठनों ने मिलीजुली प्रतिक्रिया दी है। सत्ता पक्ष इसे जम्मू कश्मीर के हित और एक भारत और श्रेष्ठ भारत के नींव को मजबूत करने वाला फैसला बता रहा है। वहीं विपक्ष ने इसे प्रदेश के लोगों के साथ धोखा और समस्याओं भरा बता रहा है। अन्य संगठनों के मुताबिक यह फैसला फायदेमंद भी और नुकसानदायक भी। कुछ का मनाना है कि अब प्रदेश मे उद्योग बढ़ेंगे और प्रदेश का विकास होगा। ऐसे में रोजगार के भी अवसर मिलेंगे। लेकिन रोजगार में स्थानीय निवासियों की प्राथमिकता रहेगी तभी इस कानून का जम्मू कश्मीर के लोगों को फायदा होगा।

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सरकार द्वारा लाए गए जमीन कानून के विरोध है। 370 अनुच्छेद हटाने के समय सरकार ने वादा किया था कि जमीन और स्थायी नागरिकता का अधिकार लोगों के पास रहेगा। मगर सरकार ने जमीन को लेकर नया फैसला लागू कर प्रदेश के मूल निवासियों से धोखा किया है। प्रदेश के लोगों की 70 साल की देश भक्ति का इनाम सरकार ने इस धोखे के रूप में दिया है। यह है कि एक देश और एक कानून और व्यवस्था होनी चाहिए। मगर ऐसा होने से पहले जम्मू कश्मीर में विकास भी तो देश के अन्य हिस्सों जैसे होना चाहिए। शिक्षा आर्थिक रूप से सरकार ने पांच अगस्त 2019 में खुद माना था कि जम्मू कश्मीर शिक्षा में पिछड़े हैं। ऐसे में जब तक विकास और पिछड़ापन खत्म नहीं हो सकता, तब नया कानून मान्य नहीं है. इसे लेकर बुधवार को आंदोलन की शुरुआत कर दी है, वीरवार को जिला स्तर पर प्रदर्शन किए जाएंगे।

बलवंत सिंह मनकोटिया, पूर्व विधायक, पैंथर्स पार्टी

देश के किसी भी हिस्से में रहने वाले व्यक्ति के जम्मू कश्मीर में जमीन खरीदने से राज्य के लोगों को फायदा और नुकसान दोनों होगा। इस फैसले से उद्योग, कारोबार व निवेशकों के आने से राज्य में विकास तेज होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, मगर इन रोजगारों में दूसरे राज्यों के लोगों को प्राथमिकता दी जाएगी। बात यह नहीं कि यह फैसला लिया गया, मगर जिस तरह से लोगों को पहले डोमिसाइल में उलझा कर रखा गया और फिर उसकी जरूरत ही खत्म कर दी गई। यह प्रदेश के लोगों के साथ धोखा है। हिमाचल व पूर्व के कई राज्यों में डोमिसाइल की अनिवार्यता को खत्म नहीं किया गया। भाजपा को शुरुआत में ही अपने इस फैसले के बारे में बता देना चाहिए था, जिससे लोग किसी धोखे में नहीं रहते।

-प्रीति खजूरिया, जिला अध्यक्ष, महिला कांग्रेस

भाजपा ने प्रदेश के लोगो के साथ धोखा किया है। सरकार के इस फैसले से प्रदेश के लोगों की परेशानियां और मुश्किलें और बढ़ेंगी। देश के बड़े बड़े लोग राज्य के स्त्रोतों का दोहन कर कारोबार करेंगे। इससे प्रदेश के प्रकृतिक सौंदर्य और पर्यावरण प्रभावित होगा। भाजपा को यदि यही सबकुछ करना था तो अनुच्छेद 370 हटाने के समय ही इस बारे में बता देना चाहिए था। क्योंकि लोग पहले स्टेट सब्जेक्ट बनवाने के लिए परेशान होते थे, सरकार ने कुछ समय पहले डोमिसाइल के चक्करों में लोगों को उलझाया। अब दोनों की ही जरूरत खत्म कर दी। इस फैसले के बाद केवल कारोबार और रहने के लिए नहीं बल्कि यहां पर चुनावों में बाहरी राज्यों के उम्मीदवार खड़े होंगे।

अश्विनी खजूरिया, जिला कार्यकारी प्रधान, ऊधमपुर

सरकार द्वारा लिए गए फैसले के फायदे भी हैं और नुकसान भी। इस फैसले से कारोबारी और उद्योगपति राज्य में आएंगे। इससे विकास होगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। मगर इससे प्रदेश को नुकसान भी होगा। पहले रोजगार पर प्रदेश को विशेष दर्जे की वजह से स्थानीय लोगों का अधिकार था, मगर इस फैसले के बाद कोई भी यहां काम कर सकेगा। इसलिए राज्य के लोगों के लिए रोजगार के अवसर कम होंगे। साथ ही कई विशेष अधिकार खत्म होंगे। दूसरे राज्यों के लोगों के आने से अपराध भी बढ़ेगा।

जितेंद्र बरमानी, अध्यक्ष,व्यापार मंडल ऊधमपुर

फैसला स्वागत योग्य है। अगर देश एक है तो व्यवस्था और कानून भी एक ही होने चाहिए। यदि जम्मू कश्मीर का कोई व्यक्ति देश के किसी भी राज्य में जमीन खरीद कर घर बना कर रह सकता है, कारोबार कर सकता है, नौकरी पा सकता है, तो देश के अन्य राज्यों के लोग जम्मू कश्मीर आकर घर या दुकान बनाने के लिए जमीन क्यों नहीं खरीदें और नौकरियां पाएं। इस फैसले के बाद निवासी होने की विशेषता के बजाए योग्यता के आधार पर काम मिलेगा। इससे सभी को अपनी योग्यता को विकसित करने का मौका मिलेगा, जो उनकी प्रगति का मार्ग प्रशस्त करेगा। यह केवल वहम भर है कि दूसरे राज्यों के लेागों के आने से कुछ बदलेगा। दूसरे राज्यों के लोग तो पहले से ही प्रदेश में रह रहे हैं। काम भी कर रहे और घर भी बना कर रहे रहे हैं।

सुरिद्र सिंह खालसा, कार्यकारी अध्यक्ष, नगर परिषद ऊधमपुर

सरकार के इस फैसले से नया उद्योग और कारोबार राज्य में आएगा। उद्योग लगने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, लेकिन सरकार को उद्योगों को सफल बनाने के लिए टैक्स और श्रम कानूनों का सरलीकरण करने की जरूरत है। वैसे भी अब सरकारी नौकरियां कम ही मिलेंगी। निजी क्षेत्र प्रमुखता से रोजगार उपलब्ध कराने वाला क्षेत्र बनेगा, मगर अब किसी को नौकरी इसलिए नहीं मिलेगी कि क्योंकि वह जम्मू कश्मीर का निवासी है। अब नौकरियां योग्यता के आधार पर मिलेंगी। दूसरे राज्यों से लोगों के आने से अपराध में जरूर कुछ इजाफा होगा।

विनोद गुप्ता, महासचिव, चैंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंजस्ट्रीज

अनुच्छेद 370 और 35-ए हटने के बाद जमीन कानून लागू करना ऐतिहासिक फैसला है। बाहरी कंपनी और उद्योग आएंगे तो रोजगार के अवसर सृजित होंगे। अब जम्मू कश्मीर में देश के अन्य राज्यों की तरह विकास होगा और कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश में एक जैसी व्यवस्था होगी। डोमिसाइल बनाने की प्रकिया जारी और राज्य में सरकारी नौकरियों के लिए डोमिसाइल की अनिवार्यता बनी रहेगी। जमीन लेकर घर बनाने या कारोबार करने के लिए डोमिसाइन की अनिवार्यता नहीं रहेगी।

पवन खजूरिया उपाध्यक्ष, प्रदेश भाजपा

लोक विकास दल के अध्यक्ष विक्रम सलाथिया ने कहा कि ऊधमपुर, अमित

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