पहचान हुई आसान पर नो जोन से नहीं हट पा रहीं अवैध रेहड़ियां

शहर में लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी रेहड़ियों की पहचान अलग करने की दिशा में तो नगर परिषद काफी हद तक सफल रही है लेकिन शहर में घोषित नो रेहड़ी जोन की समस्या का समाधान नगर परिषद के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कर्मियों की कमी के बावजूद नगर परिषद कार्रवाई तो कर रही है लेकिन यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 06:17 AM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 06:17 AM (IST)
पहचान हुई आसान पर नो जोन से नहीं हट पा रहीं अवैध रेहड़ियां
पहचान हुई आसान पर नो जोन से नहीं हट पा रहीं अवैध रेहड़ियां

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : शहर में लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी रेहड़ियों की पहचान अलग करने की दिशा में तो नगर परिषद काफी हद तक सफल रही है, लेकिन शहर में घोषित नो रेहड़ी जोन की समस्या का समाधान नगर परिषद के लिए किसी चुनौती से कम नहीं है। कर्मियों की कमी के बावजूद नगर परिषद कार्रवाई तो कर रही है, लेकिन यह कार्रवाई ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही है। शहर भर में नो रेहड़ी जोन के बोर्ड के नीचे और उसके आसपास अवैध और गैर लाइसेंसी रेहड़ियां लग रही हैं। नगर परिषद की कार्रवाई के दौरान बाजार से गायब होने वाली रेहड़ियां फिर से बाजार में पहुंच जाती है। नगर परिषद इस समस्या के हल निकालने के लिए शनिवार को हाउस की बैठक बुलाएगी। जिसमें नो रेहड़ी जोन लागू करने के लिए कमेटी का गठन करने संबंधी अन्य उपायों पर विचार करेगी।

शहर में अवैध रेहड़ियों और फड़ियों की भरमार हैं। इनमें से नगर परिषद की ओर अभी तक करीब 550 रेहड़ियों को संख्या है, लेकिन इनमें से सिर्फ 311 ही रेहड़ियां हैं जिन्होंने अपने लाईसेंस रिन्यू करवाए हैं। यानि की ऊधमपुर में मौजूदा समय में केवल 311 रेहड़ियां ही वैध रूप से लग रही हैं। इसके अलावा 55 फड़ी वाले भी वैध तरीके से काम कर रहे हैं। शेष रेहड़ियां और फड़ियां अवैध रूप से लग रही हैं। शहर में अवैध रूप से और बेतरतीब ढंग से लगने वाली सैकड़ों रेहड़ियां शहर में ट्रैफिक जाम के साथ अन्य कई समस्याओं की वजह है।

डेढ़ दशक से अवैध रेहड़ियों को हटाने का प्रयास कर रही नप

नगर परिषद पिछले डेढ़ दशक में इस समस्या से शहर को मुक्ति दिलाने का प्रयास तो कर रही है, मगर आज तक सफल नहीं हो पाई। आलम यह है कि समय के साथ समस्या कम होने की बजाए बढ़ती जा रही है। कुछ वर्ष पहले नगर परिषद ने चनैनी मेटाडोर स्टैंड से सटे मीट मार्केट जाने वाले रास्ते पर रेहड़ी जोन बनाया और वहां पर लाइसेंसी रेहड़ियों को शिफ्ट भी किया, लेकिन कुछ दिनों के बाद रेहड़ी वाले रेहड़ी जोन छोड़ कर अपनी पुरानी जगहों पर आ गए।

नगर परिषद ने बदला रेहड़ियों का डिजाइन

इस वर्ष जुलाई की शुरुआत में नगर परिषद ने इस समस्या के हल के लिए फिर से कवायद की। जिसमें नगर परिषद ने सबसे पहले लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी रेहड़ियों को एक नजर में पहचाने के लिए लाइसेंसी रेहड़ियों का नया डिजाइन तैयार कराया। सभी लाइसेंस धारकों को अपनी रेहड़ियां इस डिजाइन की बनवाने की हिदायत दी गई थी। अब तक 85 फीसद से ज्यादा रेहड़ी वालों ने नगर परिषद के डिजाइन के अपनी रेहड़ियां बना ली है। कुछ लाइसेंस धारक रेहड़ी की जगह फड़ी लगाते थे, मगर उन्होंने भी अपनी फड़ी को हटा कर रेहड़ी बनवा ली है। नई डिजाइन की रेहड़ियां बनने से लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी रेहड़ियों में कोई भी आसानी से अंतर कर लेता है।

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नो रेहड़ी जोन में भी सज रहीं रेहड़ियां

नए डिजाइन की रेहड़ियां बन जाने के साथ ही नगर परिषद ने शहर के मुखर्जी बाजार, कोर्ट रोड, गोल मार्केट सहित घोषित सभी नो रेहड़ी जोन में नो रेहड़ी जोन के बोर्ड लगा दिए हैं। इसके साथ ही नगर परिषद ने कई दिनों तक मुनादी करवा कर नो रेहड़ी जोन के साथ वहां पर रेहड़ी और फड़ी न लगाने की हिदायत दी। लेकिन इन बोर्ड के बावजूद शहर भर में घोषित सभी नो रेहड़ी जोन में रेहड़ियां और फड़ी पहले की तरह नजर आ रही हैं। इतना ही जहां कहीं पर भी यह बोर्ड लगे हैं, उसके पास ही रेहड़ी वाले अपनी रेहडियां लगा कर सामान बेच रहे हैं। हैरान करने वाली बात यह है नो रेहड़ी जोन में रेहड़ी खड़ी वालों की रेहड़ियां लाईसेंसी हैं। हालांकि नगर परिषद ने पिछले कुछ दिनों में कार्रवाई भी की है, मगर स्टाफ के अभाव में काम कर रही नगर परिषद उस स्तर की कार्रवाई नहीं कर पाती, जिसकी आवश्यकता है। क्योंकि नप के कर्मचारी जैसे ही एक दो रेहड़ियों को पकड़ते हैं, तो बाकी रेहड़ी वाले विपरीत दिशा में या गलियों में रेहड़ियों के साथ गायब हो जाते हैं। नगर परिषद के पास इतने कर्मचारी भी नहीं होते कि भागने वालों को पकड़ सके। ऐसे में नगर परिषद की कार्रवाई सफल नहीं हो पाती। नप कर्मियों के वापिस लौटने के 15 मिनट से आधे घंटे के बाद रेहड़ियां पहले की तरह बाजार में सज जाती है। इसके अलावा बाजार में माल ढुलाई में प्रयोग होने वाली तीन पहियों वाली रेहड़ियां पर भी अवैध रूप से माल बिक रहा है।

नगर परिषद की ओर से घोषित नो रेहड़ी जोन

सिटी लाइट सिनेमा

गोल मार्केट

मुखर्जी बाजार

कोर्ट रोड

रामनगर चौक

सलाथिया चौक

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रेहड़ियों पर कार्रवाई के लिए आज बुलाई गई है बैठक नगर परिषद ऊधमपुर के अध्यक्ष डॉ. जोगेश्वर गुप्ता के अनुसार, रेहड़ी और फड़ी की पुरानी समस्या को हल करने के प्रयास के तहत लाइसेंसी रेहड़ियों को नए रंग और डिजाइन में बनवाया गया है। 85 फीसद से ज्यादा रेहड़ियां नए डिजाइन की बन गई हैं। शेष को भी एक सप्ताह के अंदर नए डिजाइन में बनवाने की हिदायत दी गई है। उसके बाद लाइसेंसी और गैर लाइसेंसी रेहड़ी को दूर से ही पहचाना जा सकेगा। घोषित सभी नो रेहड़ी जोन में भी बोर्ड लगा दिए गए हैं। इन बोर्ड पर नो रेहड़ी जोन के साथ रेहड़ी फड़ी न खड़ी करने की हिदायत भी लिखी है, लेकिन अवैध रूप से फिर भी रेहड़ियां लग रही है। नप की टीम कार्रवाई करती है, मगर नप की टीम के जाते ही रेहड़ी वाले भाग जाते हैं और फिर से वापस आ जाते हैं। इसलिए शहर में नो रेहड़ी जोन में लगने वाली रेहड़ियों पर कार्रवाई को लेकर शनिवार को नप हाउस की बैठक में चर्चा की जाएगी। कार्रवाई के लिए कमेटी गठित करने पर विचार किया जा रहा है। इसमें सभी दलों के पार्षदों और कर्मचारियों और अधिकारियों को भी शामिल किया जा सकता है। इस समस्या के समाधान के लिए अन्य सुझावों पर भी चर्चा की जाएगी।

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