विवाहिता की हत्या के आरोप में पति और जेठ गिरफ्तार
बकरीद त्योहार पर एक विवाहिता की हत्या कर खुशी व उत्साह के माहौल को गम में बदलने वाले दोनों आरोपितों को पुलिस ने 20 घटे के भीतर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। हत्या के आरोपित कोई और नहीं बल्कि मृतका का पति और उसका जेठ है। पुलिस ने वीरवार को दो आरोपितों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया।
संवाद सहयोगी, रियासी : बकरीद त्योहार पर एक विवाहिता की हत्या कर खुशी व उत्साह के माहौल को गम में बदलने वाले दोनों आरोपितों को पुलिस ने 20 घटे के भीतर सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। हत्या के आरोपित कोई और नहीं बल्कि मृतका का पति और उसका जेठ है। पुलिस ने वीरवार को दो आरोपितों को अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार, 21 जुलाई को कुंडरधान निवासी मंजूर अहमद ने चसाना पुलिस थाना में अपनी 22 वर्षीय बहन शमीम अख्तर की नृशस हत्या का मामला दर्ज करवाया। मृतका शमीम की शादी 3 साल पहले इलाके के ही शब्बीर से हुई थी, लेकिन शादी का यह रिश्ता ज्यादा दिन नहीं चला। दोनों के रिश्ते में खटास आ जाने पर पति शब्बीर ने कुछ समय पहले शमीम को उसके माता पिता के घर भेज दिया था। उसके बाद से शमीम अपने मायके में ही रह रही थी। बुधवार को ईद के दिन शमीम अपने मायके में ही खेतों में मवेशी चराने गई थी। इसी दौरान उसका पति शब्बीर अपने बड़े भाई अब्दुल मजीद के साथ वहा आ पहुंचा। उन दोनों ने दरात जैसे धारदार तथा नुकीले कृषि औजारों से शमीम पर हमला कर दिया। इस हमले में गर्दन और गले पर भी गंभीर चोट आने से शमीम की मौके पर ही मौत हो गई। घटना को अंजाम देकर दोनों आरोपित खून से लथपथ शव को खेतों में ही छोड़कर भाग निकले। इस घटना से गाव में ईद की खुशी गम में बदल गई। सूचना मिलने के बाद घटना स्थल पर पहुंची पुलिस ने शव को अस्पताल पहुंचाया। जहां पोस्टमार्टम के बाद शव उसके स्वजनों को सौंप दिया गया। एसएसपी शैलेंद्र सिंह के दिशा निर्देश पर पुलिस ने आरोपितों को पकड़ने की खास योजना बनाकर छापामारी शुरू कर दी। पुलिस ने बारिश के बीच कौसरनाग पर्वत दर्रे से होकर कश्मीर भागने का प्रयास करते समय अब्दुल मजीद को कुंडरधान इलाके से गिरफ्तार कर लिया। जबकि दूसरे आरोपित मृतका के पति शब्बीर को राजौरी के बेला कॉलोनी से धर दबोचा, जो मुगल रोड से एक वाहन किराए पर लेकर घाटी भागने की फिराक में था।
यह भी पता चला कि कुछ पुलिसकर्मी अपने परिवार तथा मित्रों के साथ ईद मनाने गए थे, लेकिन हत्या के इन दोनों आरोपितों को सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए वह पर्व मनाने के बजाय अपना फर्ज निभाने आ गए।