दच्छन में बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की नहीं हुई मरम्मत

संवाद जिले की दच्छन तहसील में 27 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में बहे पुलों और सड़कों की मरम्मत को लेकर न तो उपराज्यपाल प्रशासन और न जिला प्रशासन गंभीर है। बाढ़ आए एक महीने से अधिक समय हो गया लेकिन क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया।सहयोगी किश्तवाड़ जिले की दच्छन तहसील में 27 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ

By JagranEdited By: Publish:Fri, 27 Aug 2021 07:48 PM (IST) Updated:Fri, 27 Aug 2021 07:48 PM (IST)
दच्छन में बाढ़ से  क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की नहीं हुई मरम्मत
दच्छन में बाढ़ से क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की नहीं हुई मरम्मत

संवाद सहयोगी, किश्तवाड़ : जिले की दच्छन तहसील में 27 जुलाई की मध्यरात्रि को बादल फटने से आई बाढ़ में बहे पुलों और सड़कों की मरम्मत को लेकर न तो उपराज्यपाल प्रशासन और न जिला प्रशासन गंभीर है। बाढ़ आए एक महीने से अधिक समय हो गया, लेकिन क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की मरम्मत के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया। मार्ग क्षतिग्रस्त होने के कारण खच्चर नहीं चल पा रहे हैं, जिसके कारण इलाके की दुकानों में सारा सामान खत्म हो चुका है। यहां सर्दियों के मौसम में सारा सामान खचरों के जरिये ही लाया जाता है।

पिछले दिनों माता मचैल की पवित्र छड़ी बड़ी मुश्किल से माता के दरबार में पहुंची। हालांकि, छड़ी यात्रा के लिए लोगों ने खुद ही थोड़ा बहुत मार्ग को साफ किया था। इलाके में सबसे अधिक परेशानी खानाबदोश गुज्जर बक्करवाल को हो रही है। यह समुदाय गर्मियों में अपना माल मवेशी लेकर मचैल इलाके के ऊपरी पहाड़ों में जाते हैं, लेकिन अब उनके के नीचे आने का समय गया है। लेकिन रास्ता न होने की वजह से वो अपने घोड़े, खच्चर तथा बाकी माल मवेशी को गुलाबगढ़ तक पहुंचाने में असमर्थ हैं। गुज्जर समुदाय के लोगों ने मचैल गांव में आकर तहसीलदार ऑफिस में ज्ञापन सौंपा और प्रशासन से क्षतिग्रस्त पुलों व सड़कों की जल्द मरम्मत करवाने की मांग की, वह अपना माल मवेशी नीचे ला सकें। इस समय गुज्जर बक्करवाल समुदाय की आबादी कम से कम 100 परिवारों से ज्यादा है, इनमें गद्दी समुदाय के लोग भी शामिल हैं। इन लोगों का कहना है कि जल्दी ही इलाके में सर्दी पड़ने लगेगी। अगर उन्हे पहाड़ों से नहीं निकाला गया तो इनका माल मवेशियों को काफी नुकसान हो सकता है।

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