आक्सीजन-बेड को लेकर घबराएं नहीं, इसकी कोई कमी नहीं: डीसी

जागरण संवाददाता ऊधमपुर ऊधमपुर में आक्सीजन और बेडों को लेकर लोगों को घबराने की जरू

By JagranEdited By: Publish:Sun, 16 May 2021 06:03 AM (IST) Updated:Sun, 16 May 2021 06:03 AM (IST)
आक्सीजन-बेड को लेकर घबराएं नहीं, इसकी कोई कमी नहीं: डीसी
आक्सीजन-बेड को लेकर घबराएं नहीं, इसकी कोई कमी नहीं: डीसी

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : ऊधमपुर में आक्सीजन और बेडों को लेकर लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। पर्याप्त आक्सीजन और बेड उपलब्ध हैं। कोई भी बुखार कोरोना हो सकता है। इसलिए बुखार होने पर 24 घंटे में कोरोना जांच करवाएं। यह बातें डीसी इंदु कंवल चिब ने प्रेसवार्ता में कही।

डीसी ने दावा किया कि शनिवार तक ऊधमपुर जिले में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रण में है। डाक्टरों, राजस्व विभाग, ग्रामीण विकास विभाग, पंचायत प्रतिनिधियों के सहयोग यह संभव हुआ है। ऊधमपुर में 500 से अधिक आक्सीजन के सिलिंडर इस समय मौजूद हैं। इसमें से 250 से ज्यादा डेल्टा टाइप (बड़े) सिलिंडर हैं। इसके अलावा 111 आक्सीजन कंसंट्रेटर भी उपलब्ध हैं। कोरोना की दूसरी लहर की दस्तक देने के बाद शुरू में रोजाना 30 से 32 सिलिंडर उपयोग होते थे। मौजूदा समय में रोजाना 65 से 70 के करीब सिलिंडर प्रतिदिन इस्तेमाल हो रहे हैं। आक्सीजन को लेकर स्थित आरामदायक हैं और किसी तरह की परेशानी नहीं है। ऊधमपुर के बट्टलबालियां औद्योगिक क्षेत्र में आक्सीजन प्लांट पुराना जरूर है, लेकिन अच्छा काम कर रहा है। ऊधमपुर से नारायणा अस्पताल, सरकारी मेडिकल कालेज जम्मू, रामबन जिला अस्पताल को आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। किश्तवाड़ जिले ने भी आक्सीजन सिलिंडर लिए हैं। निजी लोग भी सिलिंडर ले रहे हैं।

जिला अस्पताल में ऑक्सीजन जेनरेटर प्लांट (ओजीपी) का काम किन्हीं कारणों से रुका था, मगर पिछले 15 दिन से युद्ध स्तर पर जारी है। दीवार बन चुकी हैं और संभवत: रविवार को ट्रसेस डाल दी जाएंगी। राज्य प्रशासन ने संकेत दिया है कि ओजीपी जल्द आने वाला है। घरों में सिलिंडर या कंसंट्रेटर खरीद कर रखना पैसों की बर्बादी से ज्यादा कुछ नहीं है। क्योंकि लोगों को इसका प्रयोग करना नहीं आएगा और यह महज शोपीस से ज्यादा कुछ नहीं होंगे। डाक्टर से पूछो हेल्पलाइन पर लें परामर्श

जिले में 616 बेड क्षमता वाले कोविड केयर सेंटर काम कर रहे हैं, जहां पर 5-10 सिलिंडर, 3 कंसंट्रेटर मौजूद हैं और डाक्टर आदि काम कर रहे हैं। पहले यह क्षमता 500 बेड की थी, जिसे सरकार के निर्देशों पर बढ़ा कर 616 किया गया है। मगर अजीब बात यह है कि लोग घरों में बैठ कर बीमार होना पसंद तो कर रहे हैं, मगर बताना नहीं चाह रहे। आखिर बीमार होने पर डाक्टरों को न बताना समझ से परे हैं। लोग यह समझ लें कि कोई भी बुखार कोविड हो सकता है। बुखार होने पर 24 घंटों में टेस्ट करवाएं। निगेटिव हैं तो आराम से घर बैठें और और पाजिटिव आते हैं तो डाक्टर से पूछो हेल्पलाइन पर संपर्क कर परामर्श लें। क्योंकि छिपाने से कोरोना गंभीर रूप से बीमार कर जान ले सकता है। डीसी ने कहा कि स्वास्थ्य निधि सर्वे के तहत टीमों ने लोगों के घर-घर जाकर बीमार लोगों की जानकारियां मांगी। मगर इस सर्वे में भी 70 प्रतिशत लोगों ने सच और 30 प्रतिशत ने झूठ बोला। इसलिए सर्वे टीम दोबारा भेजी जाएंगी। रामनगर, चिनैनी में 50 फीसद भी वैक्सीनेशन नहीं

डीसी ने बताया कि प्रशासन ने कोरोना से हुई मौतों का विस्तृत आकलन किया है। पिछले साल से अब तक कोरोना की वजह से जिले में 91 मौतें हुई हैं। अप्रैल से दूसरी लहर शुरू होने के बाद अब तक 31 की मौत हो चुकी है। मरने वालों में ज्यादातर वह लोग हैं, जिन्होंने अपनी बीमारी छिपाई। उन्होंने कहा कि जिले में 45 वर्ष से अधिक उम्र के 65 प्रतिशत लोगों की वैक्सीनेशन हो चुकी है। कम वैक्सीनेशन की वजह से रामनगर और चिनैनी मेडिकल ब्लाकों में वैक्सीन पचास फीसद के आंकड़े को भी न छू पाना है। इसका मतलब है कि दोनों जगह कई लोग ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन की पहली खुराक भी नहीं ली है।

सरकार ने भी आंकड़ा जारी किया है, जिसमें बताया है कि कोरोना से हुई मौतों में 93 प्रतिशत ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की एक भी डोज नहीं लगवाई थी, और 7 प्रतिशत ऐसे थे जिनकी वैक्सीनेशन पूरी नहीं हुई थी। इसलिए बिना देरी के वैक्सीन को लगवाएं। वैक्सीन की कमी नहीं है। वैक्सीनेशन करवाएं। 45 से अधिक आयु वालों की वैक्सीनेशन काफी अच्छे से चल रही है, पंचायत प्रतिनिधि सहयोग कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 18 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की जम्मू और श्रीनगर में वैक्सीनेशन हो रही है। जिला प्रशासन के पास डाटा तैयार है और सारी तैयारी भी है। निर्देशों का इंतजार है। निर्देश मिलते ही 18 से 45 वर्ष आयु वर्ग के लोगों की वैक्सीनेशन शुरू की जाएगी।

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