बिजली विभाग का फरमान, खंभे खुद पहुंचाओ और लगाओ

पंचैरी ब्लैक की कुटलैड़ पंचायत के तीन गांवों में बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली विभाग ने अजीबो गरीब फरमान जारी किया है। विभाग ने गांवों में बिजली के खंभे पहुंचा कर ग्रामीणों को खुद खंभे ले जाकर उसे लगाने को कहा है। इतना ही नहीं लोगों को अपने घरों तक बिजली आपूर्ति लाइन पहुंचाने की व्यवस्था भी करने को कहा गया है। विभाग के इस आदेश से लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि कई खंभे तो ढो लिए गए हैं उसे खड़े भी कर देंगे लेकिन उनकी आर्थिक स्थित इतनी अच्छी नहीं है कि वो इतनी लंबी बिजली आपूर्ति के लिए तार खरीद सकें।

By JagranEdited By: Publish:Fri, 22 Oct 2021 07:52 AM (IST) Updated:Fri, 22 Oct 2021 07:52 AM (IST)
बिजली विभाग का फरमान, खंभे खुद पहुंचाओ और लगाओ
बिजली विभाग का फरमान, खंभे खुद पहुंचाओ और लगाओ

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : पंचैरी ब्लैक की कुटलैड़ पंचायत के तीन गांवों में बिजली मुहैया कराने के लिए बिजली विभाग ने अजीबो गरीब फरमान जारी किया है। विभाग ने गांवों में बिजली के खंभे पहुंचा कर ग्रामीणों को खुद खंभे ले जाकर उसे लगाने को कहा है। इतना ही नहीं, लोगों को अपने घरों तक बिजली आपूर्ति लाइन पहुंचाने की व्यवस्था भी करने को कहा गया है। विभाग के इस आदेश से लोग परेशान हैं। उनका कहना है कि कई खंभे तो ढो लिए गए हैं, उसे खड़े भी कर देंगे, लेकिन उनकी आर्थिक स्थित इतनी अच्छी नहीं है कि वो इतनी लंबी बिजली आपूर्ति के लिए तार खरीद सकें।

आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देशभर में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। इसके साथ ही रोशनी के पर्व दीपावली में कुछ ही दिन शेष बचे हैं, लेकिन आजादी के करीब 75 वर्ष बाद भी जम्मू कश्मीर में ऐसे कई गांव है, जहां के लोग आज भी अपने घरों को बिजली की रोशनी से रोशन होने का इंतजार कर रहे हैं।

पंचैरी ब्लॉक की कुलटैड़ पंचायत के तीन मोड़े सडल, मगोल सेर और बकरूबड़ में आज तक बिजली नहीं पहुंच पाई है। बिजली विहीन इन गांवों में आज भी लोग आजादी से पहले की तरह बसाठिया ं(जलावन की लकड़ी) या मशालें जला कर अपनी रातों को रोशन करते हैं। बच्चे इसी रोशनी में पढ़ाई करते हैं और गांव के लोग सभी काम भी इस रोशनी में करते हैं। तेंदुए के हमले के बाद बिजली विभाग हुआ सक्रिय

पिछले सप्ताह सडल गांव में तेंदुआ देर शाम घर के बाहर खेल रहे बच्चे को उठा कर ले गया। उसके बाद लोगों ने अपनी मांगों को लेकर रात भर प्रदर्शन किया। ग्रामीणों की मांग में इन तीनों मोड़ों में बिजली उपलब्ध कराने की मांग भी शामिल थी। प्रदर्शन के बाद अगली सुबह विभाग ने ट्रक से 24 खंभे पंचैरी भेज दिए। इनमें छह खंभे सडल, व 9-9 खंभे मगोल सेर और बकरू बड़ के लिए भेजे गए। बिजली के खंभे पहुंचने से गांववासियों में जल्द बिजली मिलने की उम्मीद जगी, लेकिन कुछ ही दिनों के बाद गांववासियों की यह खुशी चिता में बदल गई।

बिजली आपूर्ति के लिए तार खरीदने में सक्षम नहीं ग्रामीण

कुलटैड़ पंचायत के सरपंच पवन कुमार ने कहा कि बिजली विभाग ने 24 खंभे भेजे थे। कई मोड़ों के लोग खंभे उठा कर ले गए और खंभे लगाने वाली जगहों तक पहुंचा भी दिए, लेकिन कुछ दिन पहले बिजली विभाग के एईई से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि खंभे गांववासियों को खुद ही ढोने भी है और लगाने भी हैं। इसके लिए कोई भुगतान नहीं किया जाएगा। इतना ही नहीं, खंभे पर लगाने के लिए जो तार लगेगा वह भी ग्रामीणों को अपने खर्च पर लगाना पड़ेगा। सरपंच ने कहा कि अनुमान के मुताबिक गांव में तीन से चार किलोमीटर तक तार लगना पड़ेगा। इतना तार गांव के लोग खुद कैसे खरीद कर लगा सकते हैं। तेंदुए के हमले में बच्चे की मौत के बाद लोगों को शांत करने के लिए विभाग ने खंभे भेज दिए। अब न गांववासी तार खरीद सकेंगे और न ही बिजली पहुंचेगी।

फिलहाल स्थायी तौर पर बहाल होगी बिजली सुविधा : एईई

बिजली विभाग के एईई संजय गुप्ता ने कहा कि पीएमडीपी योजना के तहत इन गांवों में बिजली पहुंचाने की योजना बनाई गई है। इसके लिए टेंडरिग की प्रक्रिया जारी है। इसमें दो माह का समय लगेगा। उसके बाद बर्फबारी शुरू होने पर हो बिजली पहुंचाने का काम मार्च में ही शुरू हो पाएगा। काम शुरू होने के बाद तीन से चार माह के अंदर इन गांवों में बिजली पहुंच पाएगी। तेंदुए के हमले की घटना के बाद डीडीसी के कहने पर विभाग ने लोगों को बिजली मुहैया कराने के लिए खंभे भेजे हैं। अस्थायी व्यवस्था के लिए खंभे लगाने और ढोने के लिए विभाग कोई भुगतान नहीं करेगा और न ही बिजली आपूर्ति लाइन के लिए तार उपलब्ध कराएगा। केवल तार बिछाने व उसे बांधने तथा कनेक्शन देने के लिए विभाग की ओर से लाइनमैन उपलब्ध कराया जाएगा। इसी शर्त पर विभाग ने 24 खंभे भेजे थे। पहले से चल रही लाइन में से ही लोगों को अस्थायी तौर पर एक चार्जिंग और एक बल्ब प्वाइंट दिया जाएगा। इसके लिए लोगों और जिला विकास परिषद सदस्य को एफिडेविट भी देना होगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इन गांवों में स्थायी तौर पर बिजली उपलब्ध हो सकेगी।

तार की व्यवस्था खुद करेंगे : डीडीसी जसवीर सिंह जिला विकास परिषद (डीडीसी )पंचैरी सदस्य जसवीर सिंह ने कहा कि कुलटैड़ के सडल, मगोल सेर और बकरू बड़ बिजली विहीन हैं। कुलटैड़ में तेंदुए को लेकर काफी आतंक है। सडल में पिछले दिनों तेंदुआ एक बच्चे को घर से उठा कर ले गया और मार डाला। इस घटना से लोग बेहद भयभीत हैं और बिजली की मांग कर रहे हैं। पीएमडीपी योजना के तहत बिजली पहुंचाई जा रही है, मगर टेंडरिग व अन्य लंबी प्रक्रिया के चलते जल्द बिजली पहुंचना संभव नहीं था। फिलहाल वहां के लोगों को एक बिजली एलईडी बल्ब और चार्जिंग प्वाइंट दिया जा रहा है। इसके लिए विभाग से बात कर खंभों की व्यवस्था करवाई गई है। तार की व्यवस्था वह खुद करेंगे। इसके लिए प्रयास जारी है। खंभे इस लिए मंगवाए गए हैं, ताकि जंगल में आग की घटना से तार जलने से सुरक्षित रहे।

chat bot
आपका साथी