Coronavirus Alert in Udhampur: अप्रैल के अंत तक बढ़ेगी कोरोनाटेस्टिंग, 50 फीसद होंगे आरटीपीसीआर टेस्ट
कोरोना जांच के लिए इस समय जिला में होने वाले टेस्ट में से 35 से 40 फीसद ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जा रही है। मौजूदा समय में स्क्रीनिंग के लिए सबसे पहले रैट से जांच की जाती है। इसके बाद आवश्यक होने पर आरटीपीसीआर जांच की जाती है ।
ऊधमपुर, अमित माही: कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने कोरोना जांच के लिए टेस्टिंग भी बढ़ानी शुरु कर दी है। पिछले महीने की तुलना में अप्रैल में टेस्टिंग बढ़ा कर दुगनी कर दी गई है। इसके साथ ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग भी बढ़ाई गई है। अप्रैल अंत तक इसे और बढ़ाया जाएगा।
कोरोना महामारी के प्रसार की रोकथाम के लिए जिला स्वास्थ्य कई कदम उठा रहा है। इसमें कोरोना वैक्सीनेशन बढ़ाने के साथ अब टेस्टिंग को भी बढ़ाया जा रहा है। अप्रैल में जितने टेस्ट हो रहे हैं,मार्च माह में प्रतिदिन औसतन उसके आधे टेस्ट होते थे। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक मार्च में प्रतिदिन 300 से 400 टेस्ट होते थे। जबकि अप्रैल में प्रतिदिन होने वाले औसत टेस्टों की संख्या 750 से 800 के करीब रह रही है। इसमें कई बार तो एक हजार से भी ज्यादा टेस्ट हो रहे हैं।
अप्रैल के पहले पखवाड़े में आए 741 कोरोना के मामले: स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त अप्रैल माह के पहले पखवाड़े के आंकड़ों के मुताबिक जिला में स्वास्थ्य विभाग ने कुल 11792 टेस्ट किए हैं। जिसमें 741 लोगो की टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाए गए हैं।
आरटीपीसीआर टेस्ट में मिल रहे अधिक मामले: स्वास्थ्य विभाग ने ऊधमपुर जिला में अप्रैल के पहले पखवाड़े में कुल 5535 आरटीपीआर टेस्ट किए हैं। जिसमें से 682 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके विपरीत जिला में उक्त अवधि में 6257 रैट(रैपिड एंटिजन टेस्ट) से की गई कोरोना जांच में महज 69 ही पॉजिटिव केस पाए गए हैं।
अप्रैल अंत तक जिला में बढ़ेगी आरटीपीसीआर टेस्टिंग: कोरोना जांच के लिए इस समय जिला में होने वाले टेस्ट में से 35 से 40 फीसद ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जा रही है। मौजूदा समय में स्क्रीनिंग के लिए सबसे पहले रैट से जांच की जाती है। इसके बाद आवश्यक होने पर आरटीपीसीआर जांच की जाती है । रैट की रिपोर्ट मौके पर ही आ जाती है, जबकि आरटीपीसीआर की जांच रिपोर्ट आने में 3 दिन से 5 दिन का समय लगता है। जिला प्रशासन ने सरकारी विभाग के कर्मचारियों के लिए माह में एक बार आरटीपीसीआर टेस्ट अनिवार्य कर दिया है। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी जिला में आरटीपीसीआर की टेस्टिंग को बढ़ाने जा रहा है। कोरोना के मामलों की शुरुआत में सक्रीनिंग के लिए रेपिड एंटिडन टेस्ट(रैट) ही किए जाते हैं। यदि इस टेस्ट में नेगेटिव आन वाले किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्ष्ण होते हैं या आरटीपीसीआर जरूरी होता है तो उसका आरटीपीसीआर टेस्ट किया जाता है। मार्च की तुलना में अप्रैल माह में टेस्टिंग बढ़ा कर तकरीबन दुगनी कर दी गई है। अप्रैल अंत तक इसे और बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही अभी 35 से 40 फीसद ही आरटीपीसीआर टेस्टिंग की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग का प्रयास अप्रैल अंत तक पचास फीसद आरटीपीसीआर और पचास फीसद रैट टेस्ट करने की है। - डॉ. मोहम्मद यासीन
ऊधमपुर जिला में अप्रैल के पहले पखवाड़े में हुए आरटीपीसीआर टेस्ट और रेपिड टेस्ट के आंकड़े
कुल 6257 59
स्रोतःजिला स्वास्थ्य विभाग