वैष्णो देवी भवन पर जारी शत चंडी महायज्ञ का समापन
माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से मां वैष्णो देवी भवन पर नवरात्र के दौरान शाति सद्भाव समृद्धि और मानवता के स्वास्थ्य के लिए आयोजित शत चंडी महायज्ञ नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी पर पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार श्रद्धालुओं व श्राइन बोर्ड के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने वैदिक मंत्रों के बीच हवन यज्ञ में आहुति डाली।
संवाद सहयोगी, कटड़ा : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड की ओर से मां वैष्णो देवी भवन पर नवरात्र के दौरान शाति, सद्भाव, समृद्धि और मानवता के स्वास्थ्य के लिए आयोजित शत चंडी महायज्ञ नवरात्र के अंतिम दिन रामनवमी पर पूर्णाहुति के साथ संपन्न हो गया। श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार, श्रद्धालुओं व श्राइन बोर्ड के अन्य अधिकारियों और कर्मचारियों ने वैदिक मंत्रों के बीच हवन यज्ञ में आहुति डाली।
नवरात्र के दौरान रोजाना शत चंडी महायज्ञ का दोपहर साढ़े 12 बजे से 1.30 बजे तक सीधा प्रसारण होता रहा। नवरात्र में वैष्णो देवी भवन की शोभा देखते ही बन रही थी। भवन, पवित्र अटका स्थल और इसके आसपास के क्षेत्र, भवन की ओर जाने वाले मार्ग और आसपास की इमारतों को देसी-विदेशी फूलों से सजाया गया था।
भवन क्षेत्र में स्वागत द्वार व पंडाल बनाए गए थे। इसके अलावा भवन परिसर को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। भवन मार्ग पर यात्रा के संबंध में आने वाले श्रद्धालुओं को जानकारी देने के लिए ट्रैक पर विभिन्न स्थानों पर हाई-टेक बहुउद्देशीय वीडियो वॉल की स्थापना की गई। इसके अलावा, भवन पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्था की गई थी। इसमें चौबीसों घटे पानी और बिजली की आपूर्ति, स्वच्छता, चिकित्सा और खानपान की दुकानों पर विशेष व्रत संबंधित भोजन की उपलब्धता शामिल थी। श्राइन बोर्ड ने ताराकोट मार्ग और साझीछत में प्रसाद केंद्र पर श्रद्धालुओं के लिए निश्शुल्क भोजन की व्यवस्था भी की गई थी।
नवरात्र के दौरान श्रद्धालुओं को आवास, बैटरी कार, रोपवे कार और हेलीकॉप्टर सेवा सुचारु रही। नवरात्र के दौरान आधार शिविर कटड़ा से लेकर भवन तक कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन किया गया। यात्रा पर आए श्रद्धालुओं ने बेहतर सुविधाएं मुहैया करवाने के लिए श्राइन बोर्ड प्रशासन की सराहना की। नवरात्र के दौरान प्रसिद्ध कलाकारों ने सुबह और शाम अटका आरती के दौरान भजन और भेंटे प्रस्तुत की।