डबल पैनल रेलिंग लगा पुल को मजबूत बनाने में जुटे जवान

जागरण संवाददाता ऊधमपुर मानसून की बारिश के दौरान पिछले मंगलवार को बिरमा नदी पर बना पुल क्षति

By JagranEdited By: Publish:Tue, 03 Aug 2021 08:29 AM (IST) Updated:Tue, 03 Aug 2021 08:29 AM (IST)
डबल पैनल रेलिंग लगा पुल को मजबूत बनाने में जुटे जवान
डबल पैनल रेलिंग लगा पुल को मजबूत बनाने में जुटे जवान

जागरण संवाददाता, ऊधमपुर : मानसून की बारिश के दौरान पिछले मंगलवार को बिरमा नदी पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया था। जिसके बाद क्षतिग्रस्त पुल से वाहनों का आवागमन असुरक्षित हो गया था। जिसके चलते पुल हर तरह की आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया था। पुल बंद होने से लोगों की परेशानिया काफी ज्यादा बढ़ गई थी। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) बिरमा नदी पर नए पुल का निर्माण कर रही है, मगर इस काम में अभी दो सप्ताह तक का समय और लग सकता है। जिसके चलते पुराने पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से को बाईपास कर दूसरा बैली पुल बनाया जा रहा है। इस पुल का टेस्ट लोड सोमवार को प्रस्तावित था, मगर पुल को वाहनों की आवाजाही के लिए लिहाज से और मजबूती दी जा रही है। जिसका लोड टेस्ट कर मंगलवार शाम तक पुल वाहनों की आवाजाही के लिए खोला जा सकता है।

बीआरओ बिरमा नदी पर मौजूदा पुल से 300 मीटर की दूरी पर नया बैली पुल बनाने का काम कर रही है। नई जगह पर बनाया जा रहा बैली पुल तकरीबन दो सप्ताह में बन कर तैयार होगा। बिरमा पुल से आवाजाही बंद होने के कारण लोगों की परेशानिया काफी बढ़ गई है। लोगों को काफी घूम कर लंबे रास्तों से या बिरमा नदी के बीच से गुजर कर जोखिम उठाते हुए बिरमा को पार करना पड़ रहा है। ऐसा करते हुए एक व्यक्ति की बिरमा में डूब कर मौत भी हो चुकी है, जबकि गत दिवस मोंगरी रूट की बस बिरमा के बीच से गुजरते समय बीच में फंस गई। इसी दौरान अचानक जल स्तर बढ़ गया, मगर गनीमत रही कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।

वहीं, लोगों को बिरमा नदी पार करने का सुरक्षित रास्ता उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन सेना की मदद से पुराने पुल पर एक और बैली पुल का निर्माण करा रहा है। जिसका काम सेना की 54 इंजीनियर्स रेजिमेंट कर रही है। शनिवार से शुरू यह काम दिन रात युद्ध स्तर पर जारी है। पुल को पहले पिलर से लेकर क्षतिग्रस्त हिस्से के पार तक पुल बना कर तैयार कर दिया गया है। इस पुल का सोमवार को लोड टेस्ट प्रस्तावित था। मगर पुल को और मजबूती देने के लिए किनारों पर डबल पैनलिंग की जा रही है। आम तौर पर बैली पुल के किनारे पर पाच फीट ऊंचे पैनल लगाया कर रेलिंग बनाई जाती है। मगर इस पुल को अधिक मजबूती देने के लिए डबल पैनल लगाए जा रहे हैं। जिससे रेलिंग की उंचाई दस फीट हो जाएगी। पुल अनुमानित 12 टन भार क्षमता वहन करने वाला बनाया जा रहा है। माना जा रहा है कि शायद यात्री बसों व छोटे यात्री वाहनों को गुजरने की अनुमति दी जा सकती है। मगर यह सबकुछ मंगलवार को होने वाले लोड टेस्ट के बाद ही पता चल सकेगा किस क्षमता तक के वाहनों को जाने दिया जाएगा। पुल पर डबल पैनलिंग काम भी पचास फीसद से ज्यादा हो चुका है और शेष भी जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा।

------------------------ 190 फीट लंबा बनाया जा रहा बैली पुल

बिरमा नदी पर पुल बनाने की जिम्मेदारी उत्तरी कमान की 54 इंजीनियर्स रेजिमेंट को मिलने के बाद से रेजिमेंट के अधिकारी और जवान दिन रात पुल निर्माण में जुटे हैं। जिससे लोगों की परेशानी जल्द खत्म हो सके और उत्तरी कमान का मुख्य आíटलेरियर संपर्क मार्ग को वापिस बहाल किया जा सके। उत्तरी कमान के पीआरओ कर्नल अभिनव नवनीत ने बताया कि अहम पुल क्षतिग्रस्त होने से पुल को पैदल लोगों के लिए बंद कर दिया गया था। डीसी ऊधमपुर ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बैठक की और सेना से पुल को जल्द बहाल करने की मदद मागी। इसके बाद से सेना के इंजीनियर्स बैली क्षतिग्रस्त हिस्से को बाईपास करते हुए 190 फीट का पुल बना रहे हैं। पुल को बनाने में 250 से ज्यादा पैनलों का प्रयोग किया जाएगा। हर पैनल (प्लैंक) का वजन तकरीबन 258 किलोग्राम है। इनको उठाना और एक से दूसरी जगह तक पहुंचाना अपने आप में बड़ी चुनौती है। भारतीय सेना के जवान चिलचिलाती धूप और गर्मी के परवाह न करते हुए जम्मू कश्मीर की आवाम के लिए दिन रात काम में जुटी है।

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