जिले से बाहर सब्जियां भेज मालामाल हो रहे ऊधमपुर के किसान
अमित माही ऊधमपुर ऊधमपुर जिले के किसान अपनी उत्पादित सब्जियों का स्वाद जिले के बाहर भी ल
अमित माही, ऊधमपुर :
ऊधमपुर जिले के किसान अपनी उत्पादित सब्जियों का स्वाद जिले के बाहर भी लोगों तक पहुंचा रहे हैं। ऐसा करना उनके लिए फायदे का सौदा साबित हो रहा है, क्योंकि बाहर जाने वाली सब्जियों के अधिक दाम मिलने से वे ज्यादा मुनाफा कमाकर अपनी आर्थिक स्थिति को बेहतर बना रहे हैं। उन्नत कृषि तकनीकें, उपकरण और संसाधनों को अपनाकर किसान यह सब सफल कर पाने में सक्षम हुए हैं।
ऊधमपुर जिले में करीब सात हजार किसान सब्जी की व्यावसायिक खेती कर रहे हैं। पहले ये किसान पारंपरिक तरीकों से खेती करते थे, जिससे पैदा होने वाली सब्जियां ज्यादातर स्थानीय स्तर पर ही खप जाती थीं। चनैनी सहित कुछ अन्य इलाकों में जो थोड़ी बहुत पैदावार बच जाती थी, वह ऊधमपुर की मंडी में पहुंचती थी। मगर किसानों की आय को दोगुना करने के सरकार के उद्देश्य को पूरा करने के लिए कृषि विभाग ने किसानों को जागरूक करने के साथ पैदावार और गुणवत्ता बढ़ाने के तरीकों को अपना कर खेती के लिए प्रेरित किया। इसके बाद किसानों ने पारंपरिक खेती के तरीकों को छोड़कर आधुनिक तकनीकों को अपनाकर खेती करनी शुरू की।
इस वजह से ऊधमपुर जिले में इस वर्ष अभी रबी और खरीफ के सीजन में कुल 3,21,155.34 क्विंटल सब्जियों का उत्पादन किया गया है, जिसमें से 2,11,105.7 क्विंटल (65.73 फीसद) सब्जियां स्थानीय इलाकों से बाहर मंडियों में भेजी गई हैं। रबी सीजन में 2,04,339.37 क्विंटल सब्जियां उत्पादित की गई, जिनमें से 1,32,221 क्विंटल (67.52 फीसद) सब्जियां बाहर मंडियों में भेजी गई। इसी प्रकार खरीफ में कुल 1,18,725.74 क्विंटल सब्जियां उत्पादित की गई, जिनमें से 78,884.7 क्विंटल (64.70 फीसद) सब्जियां बाहर भेजी गई। चनैनी से बाहर जाती हैं सबसे ज्यादा सब्जियां
ऊधमपुर जिले का चनैनी क्षेत्र अर्से से सब्जी उत्पादन के लिए जाना जाता है। मगर पहले यहां की सब्जी केवल स्थानीय स्तर और थोड़ी बहुत सब्जी ऊधमपुर मंडी तक पहुंचती थी। अब स्थानीय स्तर की जरूरत को पूरा करने के बाद वहां से सब्जी ऊधमपुर के साथ जम्मू की मंडी में भी पहूंचती है। इस बार रबी सीजन में चनैनी से 1,19,120 क्विंटल और खरीफ में 66,200 क्विंटल सब्जियां बाहर भेजी जा चुकी हैं। मोनो क्रापिग की जगह कर रहे मल्टी क्रापिग
पहले किसान जहां पारंपरिक रूप से मोनो क्रापिग खेती को अपनाकर एक ही फसल उगाते थे, वहीं अब मल्टी क्रापिग करते हुए कई फसलें उगाते हैं। इससे वे एक ही सीजन में कई फसलें उगाकर ज्यादा पैदावार और मुनाफा कमा रहे हैं। इतना ही नहीं खेती में फसलों की हाइब्रिड वेरायटी लगाते हैं, जिससे अच्छी गुणवत्ता के साथ सब्जी की फसलों का अधिक उत्पादन होता है। तालाबों के बनने से अधिक बढ़ा सब्जियां लगाने का क्षेत्रफल
जिले में मात्र छह फीसद कृषि भूमि सिंचाईयुक्त है, जबकि शेष सिचाई के लिए वर्षा पर निर्भर है। मगर जिले में 50 के करीब तालाब बनाए गए हैं। इनमें 21 विभिन्न सब्सिडी योजनाओं के तहत और 29 जीविका योजना के तहत बनाए गए हैं। इन तालाबों ने किसानों को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई, जिससे किसानों को मल्टी क्रापिग करने में मदद मिली है, साथ ही कृषि क्षेत्र का विस्तार करने में भी सहायता मिली है। इस वजह से भी सब्जियों की फसलों का उत्पादन बढ़ा है। सब्जियों की पैदावार बढ़ाने में आधुनिक उपकरणों का अहम योगदान
सब्जियों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में आधुनिक उपकरणों का भी अहम योगदान है। पहाड़ी इलाकों में पारंपरिक तरीके से खेतों को जोत फसल लगाने के लिए तैयार करना समय खर्च करने के साथ मेहनत भरा काम होता था, मगर अब ट्रैक्टर और पावर टिल्लर सहित मशीनों की मदद से खेतों की जुताई कर उसे तैयार करना पहले की तुलना में बेहद आसान हो गया है। जो काम पहले कई दिनों में होते थे, वे अब चंद घंटों में हो जाते हैं। इससे किसान इन मशीनों को खरीद कर व एक दूसरे से किराये पर लेकर खेतों की जुताई कर उनको तैयार कर मल्टी क्रापिग करने में समक्ष हुए हैं। जिले में कुल 65,208 किसान हैं। हालांकि हर किसान अपनी जरूरत के लिए थोड़ी बहुत सब्जियां उगाते हैं, मगर जिले में लगभग 7,000 किसान ही हैं जो व्यवसायिक खेती करते हैं। हर वर्ष 65 से 70 फीसद उत्पादित सब्जियां ऊधमपुर और जम्मू की मंडियों में बिक्री के लिए जाती हैं। पहले के मुकाबले सब्जियों का अधिक उत्पादन कर किसान अब पहले से चार गुना तक अधिक मुनाफा कमा रहे हैं। वहीं, स्थानीय स्तर की तुलना में ऊधमपुर और जम्मू की मंडी में किसानों को सब्जी की गुणवत्ता के आधार पर 20 से 25 फीसद तक अधिक कीमत मिलती है। यदि कोई सब्जी आफ सीजन में उगाई गई हो तो उसके और भी ज्यादा दाम मिलते हैं। सब्जी उत्पादन में होने वाले मुनाफे को देखते हुए किसान सब्जी की खेती की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और अनाज की फसलों के साथ थोड़ी बहुत जमीन में सब्जी की खेती को अपना रहे हैं।
- सुभाष शर्मा, जिला कृषि अधिकारी ऊधमपुर