सीमित आय, संसाधन व कर्मियों से नगर परिषद कैसे करेगी देविका घाट का रखरखाव ?

अमित माही ऊधमपुर पावन देविका घाट का काम अंतिम चरण में चल रहा है। यूईईडी (अरबन एन

By JagranEdited By: Publish:Sun, 05 Dec 2021 06:30 AM (IST) Updated:Sun, 05 Dec 2021 06:30 AM (IST)
सीमित आय, संसाधन व कर्मियों से नगर परिषद कैसे करेगी देविका घाट का रखरखाव ?
सीमित आय, संसाधन व कर्मियों से नगर परिषद कैसे करेगी देविका घाट का रखरखाव ?

अमित माही, ऊधमपुर :

पावन देविका घाट का काम अंतिम चरण में चल रहा है। यूईईडी (अरबन एनवायरमेंटल इंजीनियरिग डिपार्टमेंट) इसे इसी माह नगर परिषद के सुपुर्द करने की बात भी कह चुका है, मगर फंड व कर्मचारियों से जूझ रही नगर परिषद के लिए देविका घाट का रखरखाव और देखरेख कर पाना संभव ही नहीं है। देविका घाट के रखरखाव के लिए अतिरिक्त फंड और कर्मचारियों की जरूरत होगी, जिसे कर पाने में नगर परिषद असमर्थ है। फंड और संसाधनों के अभाव में नगर परिषद देविका घाट परिसर का उचित रखरखाव शायद ही कर पाएगी।

186.74 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय नदी संरक्षण कार्यक्रम के तहत बना देविका प्रोजेक्ट दो भागों में बंटा है। एक हिस्सा सीवरेज नेटवर्क बिछाने का है और दूसरा देविका घाट के विकास व सौंदर्यीकरण का है। सीवरेज प्रोजेक्ट के काम के तहत 124 किलोमीटर सीवरेज पाइप लाइन बिछाई जानी है, जिसमें से 66 किलोमीटर सीवरेज लाइन बिछाई जा चुकी है। 58 किलोमीटर पाइप लाइन अभी बिछाई जानी है।

इसी तरह से प्रोजेक्ट के तहत 11.32 लाख रुपये की लागत से देविका घाट के विकास व सौंदर्यीकरण करने का काम अंतिम चरण में है। इसी माह में यह पूरा हो जाएगा। उसके बाद देविका घाट को रखरखाव और देखरेख के लिए नगर परिषद को सौंपा जाएगा। कुछ दिन पहले यूईईडी विभाग के सुपरिटेंडिंग इंजीनियर (एसई) राकेश गुप्ता प्रेसवार्ता में इस बात की जानकारी दे चुके हैं। भले ही देविका घाट को नगर परिषद को सौंपने की तैयारी की जा रही है, मगर नगर परिषद को यह समझ नहीं आ रहा कि वह देविका घाट के रखरखाव और देखरेख की बड़ी जिम्मेदारी को कैसे निभाएगी। क्योंकि सीमित राजस्व स्त्रोतों और कर्मचारियों के साथ काम कर रही नगर परिषद देविका घाट के रखरखाव की जिम्मेदारी उठाने में खुद को असक्षम बता रही है। देविका परिसर की देखरेख और रखरखाव की जिम्मदारी के लिए कर्मचारियों व फंड दोनों की जरूरत होगी। मौजूदा स्त्रोतों की आय से नगर परिषद पहले ही तंगहाली में अपने अधीन शहर की व्यवस्था को संचालित कर रही है, इसलिए वह यह जिम्मेदारी नहीं लेना चाहती। मगर यदि देविका घाट को रखरखाव और देखरेख के लिए सौंपे जाने के साथ फंड व कर्मचारियों की व्यवस्था होगी तो वह इसके देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी जरूर संभालेगी। देविका घाट पर ये चीजें बनकर हो चुकी हैं तैयार

देविका घाट पर कम्यूनिटी हाल बनकर तैयार हो चुका है।

ओपन एयर थिएटर बना दिया गया है।

दस शौचालयों का ब्लाक बनकर तैयार हो गया है, जिनमें पांच पुरुषों और पांच महिलाओं के लिए बनाए गए हैं।

रिटेनिग वाल बन चुकी है। प्रार्थना हाल, लंगर हाल, दफ्तर परिसर भी बन चुके हैं।

आठ छतरियों व एक यज्ञशाला का निर्माण हो चुका है।

ट्रैक तैयार कर दिए गए हैं और सौंदर्यीकरण के लिए डोगरा हेरिटेज की प्रतिमाएं लगाने का काम किया जा रहा है।

संस्कार घाट का काम अंतिम चरण में चल रहा है। नगर परिषद के पास आय के सीमित स्त्रोत हैं। इसके साथ ही कर्मचारियों का भी घोर अभाव है। नगर परिषद के चार नए बने वार्डो में ही अभी तक सफाई कर्मचारी नहीं हैं। ऐसे में देविका घाट परिसर की देखरेख और रखरखाव की जिम्मेदारी लेने के लिए अभी तक नगर परिषद तैयार नहीं है। देविका घाट अब काफी विकसित हो गया है। ऐसे में सफाई व्यवस्था के लिए विशेष रूप से चार से पांच कर्मचारियों को तैनात करने की जरूरत होगी। इसी तरह चार से पांच मालियों और रखवाली व देखरेख करने के लिए भी इतने ही कर्मचारियों की जरूरत होगी। नगर परिषद अपनी मौजूदा आय के स्त्रोतों से जुटाए जाने वाले राजस्व से देविका घाट के रखरखाव व देखरेख की जिम्मेदारी उठान में सक्षम नहीं है। देविका घाट तीर्थ स्थल है, ऐसे में बेहतर होगा कि नगर परिषद की बजाए इसे श्राइन बोर्ड के अधीन किया जाए। श्राइन बोर्ड के साथ संस्थान और धन की कोई कमी नहीं है, जिससे वह अन्य किसी से अधिक बेहतर तरीके से इसका रखरखाव देखरेख करने मे सक्षम है।

- डा. जोगेश्वर गुप्ता, नगर परिषद अध्यक्ष ऊधमपुर नगर परिषद के पास आय के बहुत ज्यादा स्त्रोत नहीं हैं। जितने स्त्रोत हैं, उसमें से कैटल पांड के चालू न होने से कोई राजस्व नहीं आ रहा। टैक्स से भी जितना राजस्व आना चाहिए, उतना नहीं आ रहा। सीमित स्त्रोतों के साथ नगर परिषद शहर की व्यवस्था ही किसी तरह संचालित कर पा रही है। ऐसे में देविका घाट परिसर की जिम्मेदारी को नगर परिषद तभी उठा पाएगी, जब उसे इसके लिए फंड और कर्मचारियों की व्यवस्था का कोई प्रावधान किया जाएगा।

- अमित चौधरी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी, नगर परिषद ऊधमपुर देविका घाट परिसर को विकसित करने और सौंदर्यीकरण का काम अपने अंतिम चरण में है। इस माह के अंत तक सारा काम पूरा कर लिया जाएगा और इसे नगर परिषद को सौंपा जाएगा। किसे सौंपा जाएगा या किसे नहीं, यह फैसला राज्य प्रशासन को लेना है। हालांकि वह ढाई माह पूर्व राष्ट्रीय नदी संरक्षण विभाग को देविका घाट के बेहतर रखरखाव व देखरेख के लिए श्राइन बोर्ड को सौंपने का सुझाव पत्र लिख कर दे चुके हैं। अगर प्रशासन इसे नगर परिषद को सौंपेगा तो इसकी देखरेख के लिए जो भी जरूरी होगा, वह प्रावधान भी जरूर किए जाएंगे।

- राकेश गुप्ता, सुपरिटेंडिग इंजीनियर यूईईडी

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